बेगूसराय: कोरोना वायरस के कारण देश में जारी लॉकडाउन अब पारिवारिक रिश्ते निभाने में भी पांव की जंजीर बन गया है. ऐसी ही एक घटना जिले से सामने आई है. एक साल के बेटे की पैसे के अभाव में मौत की खबर सुनकर पिता आखिरी दर्शन के लिए पैदल ही दिल्ली से बेगूसराय के लिए निकल पड़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया. इसी बीच दिल्ली की एक महिला ने सोशल मीडिया के जरिए उसकी मदद की और दिल्ली के डीएम और बेगूसराय के डीएम से संपर्क साधकर पीड़ित को बेगूसराय पहुंचने में मदद की.
बेगूसराय जिले के खुदा मानपुर थाना क्षेत्र के बरियारपुर पूर्वी के रहने वाले रामपुकार पंडित दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में पिछले 6 महीने से मजदूरी का काम करते थे. अचानक लगे लॉकडाउन की वजह से वह दिल्ली में फंस गए. इसी बीच राम पुकार पंडित को पैसे के अभाव में अपने 1 वर्ष से भी छोटे बच्चे की मौत की खबर मिली तो वो विवश होकर पैदल ही दिल्ली से बेगूसराय के लिए निकल गए. राम पुकार पंडित का आरोप है कि पुलिस वाले ने उसकी मदद के बदले उसे गालियां दी और उसकी पिटाई भी की.
बेटे की मौत के कारण रो-रोकर बुरा हाल
रामपुकार पंडित फिलहाल पहाड़पुर विद्यालय के क्वॉरेंटाइन सेंटर में शुक्रवार को पहुंच गए हैं. बेटे की मौत के कारण उनका रो-रोकर बुरा हाल है. परिजनों का कहना है कि प्रशासन की ओर से उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है. वहीं, राम रामपुकार पंडित ने भी पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए हैं.