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फर्जी शिक्षकों की नियुक्त मामले में DEO पर कसा नकेल, कई और पर भी गिरेगी गाज

फर्जी नियुक्ति मामले में विजिलेंस ने शिक्षा विभाग पर शिकंजा शुरू कर दिया है. विजिलेंस द्वारा नाव कोठी थाने में एक फर्जी शिक्षक और वर्ष 2015 में तत्कालीन डीईओ के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया.

फर्जी शिक्षक
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Published : Feb 2, 2019, 1:17 PM IST

Updated : Feb 2, 2019, 2:18 PM IST

बेगूसरायः जिले में टीचर्स नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. विजिलेंस शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीईओ पर शिकंजा कसा है. इस कार्रवाई के बाद से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में कई अधिकारी जांच के घेरे में आ सकते हैं.

बता दें कि पूरे जिले में लगभग एक हजार शिक्षक फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के जरिए शिक्षक बन बैठे हैं. जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. इस मामले में निगरानी विभाग ने पांच दर्जन से अधिक शिक्षकों पर अलग-अलग थानों में मामला दर्ज करवाया था.

इसी कड़ी में निगरानी विभाग ने 2015 के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी और शिक्षक अरुण पासवान पर नाव कोठी थाने में मामला दर्ज करवाया है. अरुण पासवान पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री के आधार पर तत्कालीन डीईओ की मिलीभगत से शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी पाई थी.

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मामले की जानकारी देते डीएसपी कुंदन सिंह
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स्थानीय डीएसपी कुंदन सिंह ने बताया कि यह एक बड़ा मामला है जिसमें संबंधित दोषी लोगों पर बारी-बारी से कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे विजिलेंस की जांच आगे बढ़ रही है. वैसे-वैसे इसमें वरीय अधिकारियों के भी नाम सामने आ रहे है. अरुण पासवान पर हुई कार्रवाई से साफ हो गया है कि अब निगरानी विभाग ने मामले की गंभीरता को लेते हुए जांच शुरू कर दी है.

बेगूसरायः जिले में टीचर्स नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. विजिलेंस शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीईओ पर शिकंजा कसा है. इस कार्रवाई के बाद से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में कई अधिकारी जांच के घेरे में आ सकते हैं.

बता दें कि पूरे जिले में लगभग एक हजार शिक्षक फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के जरिए शिक्षक बन बैठे हैं. जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. इस मामले में निगरानी विभाग ने पांच दर्जन से अधिक शिक्षकों पर अलग-अलग थानों में मामला दर्ज करवाया था.

इसी कड़ी में निगरानी विभाग ने 2015 के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी और शिक्षक अरुण पासवान पर नाव कोठी थाने में मामला दर्ज करवाया है. अरुण पासवान पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री के आधार पर तत्कालीन डीईओ की मिलीभगत से शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी पाई थी.

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मामले की जानकारी देते डीएसपी कुंदन सिंह
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स्थानीय डीएसपी कुंदन सिंह ने बताया कि यह एक बड़ा मामला है जिसमें संबंधित दोषी लोगों पर बारी-बारी से कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे विजिलेंस की जांच आगे बढ़ रही है. वैसे-वैसे इसमें वरीय अधिकारियों के भी नाम सामने आ रहे है. अरुण पासवान पर हुई कार्रवाई से साफ हो गया है कि अब निगरानी विभाग ने मामले की गंभीरता को लेते हुए जांच शुरू कर दी है.

Intro:डे प्लान स्टोरी
एंकर- फर्जी नियुक्ति मामले में विजिलेंस ने शिक्षा विभाग पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है इसी कड़ी में विजिलेंस के द्वारा नाव कोठी थाने में एक फर्जी शिक्षक और वर्ष 2015 में तत्कालीन डीइओ के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है जिसके बाद से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।


Body:vo-सैकड़ों की संख्या में फर्जी डिग्री पर बहाल हुए शिक्षकों पर निगरानी विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है गौरतलब हो कि पूरे जिले में लगभग 1000 शिक्षक फर्जी डिग्री या नाजायज तरीके से शिक्षक बन बैठे हैं ,जिससे सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है इस बाबत निगरानी विभाग ने पूर्व में भी 5 दर्जन से ज्यादा शिक्षकों पर अलग-अलग थानों में मामला दर्ज करवा रखा है। इसी कड़ी में शिकंजा कसते हुए निगरानी विभाग ने 2015 के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी और अरुण पासवान नामक शिक्षक पर नाव कोठी थाने में मामला दर्ज करवाया है। गौरतलब हो कि अरुण पासवान पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री के आधार पर तत्कालीन डीईओ के मिलीभगत से शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी पाई थी अब इस मामले की जांच नाव कोठी थाना की पुलिस करेगी इस बाबत स्थानीय डीएसपी कुंदन सिंह बताते हैं यह बड़ा मामला है जिसमें संबंधित दोषी लोगों पर बारी बारी से कार्रवाई की जा रही है
बाइट-कुंदन कुमार, मुख्यालय डीएसपी


Conclusion:fvo-बहरहाल जो भी हो शिक्षा विभाग में व्याप्त अनियमितताएं परत दर परत खुलती चली जा रही हैं ।पहले तो इसकी जद में फर्जी शिक्षक पर कार्रवाई शुरू हुई लेकिन जैसे-जैसे विजिलेंस की जांच आगे बढ़ी इसमें वरीय अधिकारियों के भी नाम सामने आने लगे और वर्ष 2015 में पदस्थापित तत्कालीन डीईओ पर मामला दर्ज करवा कर बिजनेस ने एक कड़ा संदेश दिया है अब देखने वाली बात यह होगी कि आगे के दिनों में विजिलेंस की जांच और कार्रवाई की जद में कितने लोग आते हैं।
Last Updated : Feb 2, 2019, 2:18 PM IST
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