बेगूसरायः जिले में टीचर्स नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. विजिलेंस शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीईओ पर शिकंजा कसा है. इस कार्रवाई के बाद से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले में कई अधिकारी जांच के घेरे में आ सकते हैं.
बता दें कि पूरे जिले में लगभग एक हजार शिक्षक फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के जरिए शिक्षक बन बैठे हैं. जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. इस मामले में निगरानी विभाग ने पांच दर्जन से अधिक शिक्षकों पर अलग-अलग थानों में मामला दर्ज करवाया था.
इसी कड़ी में निगरानी विभाग ने 2015 के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी और शिक्षक अरुण पासवान पर नाव कोठी थाने में मामला दर्ज करवाया है. अरुण पासवान पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री के आधार पर तत्कालीन डीईओ की मिलीभगत से शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी पाई थी.
स्थानीय डीएसपी कुंदन सिंह ने बताया कि यह एक बड़ा मामला है जिसमें संबंधित दोषी लोगों पर बारी-बारी से कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे विजिलेंस की जांच आगे बढ़ रही है. वैसे-वैसे इसमें वरीय अधिकारियों के भी नाम सामने आ रहे है. अरुण पासवान पर हुई कार्रवाई से साफ हो गया है कि अब निगरानी विभाग ने मामले की गंभीरता को लेते हुए जांच शुरू कर दी है.