बेगूसराय: कोविड-19 को लेकर देशभर में लॉकडाउन है. वहीं, जिले में प्रशासन लॉकडाउन का पालन करवाने को लेकर सख्त है. वहीं, अब न्यायालय भी कोरोना को लेकर सक्रिय है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर जिले के कई सरकारी और निजी संस्थानों में कोरोना से बचाव को लेकर कार्य किए जा रहे हैं.
आमतौर पर किसी मामले में न्यायालय की ओर से तब संज्ञान लिया जाता है जब प्रशासनिक अधिकारी और सरकार उस मामले को नजरअंदाज करती है. लेकिन कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश पर जिले में न्यायाधीश और न्यायालय कर्मी रात दिन लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं.
कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों का मॉनिटरिंग
बता दें कि जिले में भी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय है. यहां जारी लॉकडाउन का काफी सख्ती से पालन किया जा रहा है. वहीं, लॉकडाउन के कारण गरीब और बेसहारा लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए जिला प्रशासन और समाजसेवी संगठनों की ओर से उन गरीब लोगों को राहत पहुंचाई जाती है. वहीं, कई सरकारी संस्थानों और कार्यालयों में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों और रोकथाम को लेकर किए जा रहा कामों की न्यायालय की ओर से मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके अलावे जिले के वैसे गांव जहां गरीबों की संख्या ज्यादा है. वहां, लोगों की बीच न्यायालय की ओर से राहत सामग्री और साबुन आदि का वितरण किया जा रहा है.
लोगों के बीच चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
न्यायालय की ओर से जिले भर में किए जा रहे काम और चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट के निर्देश पर न्यायाधीश और न्यायालय के कर्मी लॉकडाउन जारी होने की तिथि से लगातार अब तक विभिन्न स्थानों पर जागरूकता अभियान के साथ-साथ लोगों को भोजन, राशन, साबुन और सेनेटाइजर आदि का वितरण करवा रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया इस काम में कई सरकारी और गैर सरकारी संगठन भी न्यायालय के साथ खड़े हैं.
लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की अपील
न्यायाधीश हरेंद्र नाथ तिवारी ने इस मौके पर लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. वहीं, उन्होंने बेवजह घूमने वालों के प्रति नाराजगी भी जाहिर की और हिदायत भी दी.