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बेगूसराय: हादसे को न्योता दे रहा राजेंद्र सेतु, कभी भी बंद हो सकता है परिचालन - सदर एसडीएम संजीव चौधरी

लोगों की समस्याओं को देखते हुए सरकार की ओर से गंगा नदी पर बेगूसराय जिले के सिमरिया और पटना जिले के हाथीदह के बीच राजेंद्र सेतु का निर्माण कराया गया. निर्माण के समय से ही इस पुल के देखरेख में प्रशासनिक लापरवाही की बातें सामने आती रही.

राजेंद्र सेतु
राजेंद्र सेतु
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Published : Dec 2, 2019, 5:27 PM IST

बेगूसराय: राजेंद्र सेतु की हालत इनदिनों काफी जर्जर है. आर्थिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण समझे जाने वाले राजेंद्र सेतु पर किसी भी समय परिचालन ठप हो सकता है. दरअसल, रेल प्रशासन ने एनएचएआई को पत्र लिखकर सड़क परिचालन पूरी तरह से बंद करने का निर्देश दिया है. रेल प्रशासन के इस पत्र के बाद जिला प्रशासन लगातार रेल और एनएचएआई से संपर्क में है.

ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जिला प्रशासन की ओर से किसी भी समय पुल पर आवागमन रोकने का आदेश जारी हो सकता है. ईटीवी भारत ने पिछले दिनों पुल के जर्जर होनी की खबर दिखाई थी. अब रेल प्रशासन ने इस खबर को प्रमाणित कर दिया है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जन सुविधाओं के मद्देनजर हुआ था निर्माण
बता दें कि लोगों की समस्याओं को देखते हुए सरकार की ओर से गंगा नदी पर बेगूसराय जिले के सिमरिया और पटना जिले के हाथीदह के बीच राजेंद्र सेतु का निर्माण कराया गया. निर्माण के समय से ही इस पुल के देखरेख में प्रशासनिक लापरवाही की बातें सामने आती रहीं. हाल के दिनों में जर्जर हो चुके इस पुल पर कई बार सड़क मार्ग से गाड़ियों के परिचालन को रोका गया. पुल मरम्मती के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि खर्च की गई. लेकिन, मरम्मत के बाद महज 6 महीने के भीतर ही दोबारा पुल जर्जर हो गया.

begusarai
मरम्मत कार्य जारी

रेल प्रशासन ने दिया निर्देश
हालात को देखते हुए अब रेल प्रशासन ने एनएचएआई को निर्देश दिया है कि राजेंद्र सेतु पर छोटे-बड़े सभी वाहनों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए. रेलवे के मुताबिक पुल का ऊपरी हिस्सा कभी भी टूट कर रेल ट्रैक पर गिर सकता है. इससे बड़ा हादसा हो सकता है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह सही नहीं है. लेकिन, परिचालन बंद होने से उत्तर और दक्षिण बिहार का संपर्क लगभग भंग हो जाएगा.

यह भी पढ़ें: बेटी की कामयाबी पर बोले शिवांगी के माता-पिता: पायलट बन बिटिया ने देश का नाम किया रोशन

इन जिलों को पड़ेगा फर्क
परिचालन बंद होने से लखीसराय, मुंगेर, पटना सहित बिहार के अन्य जिले से बेगूसराय के आर्थिक और सामाजिक संबंध खत्म हो जाएंगे. जिस वजह से आम से लेकर खास तक परेशान हैं. विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इसको लेकर चेतावनी भी दी है कि जल्द ही पुल की मरम्मती का काम पूरा किया जाए और पुल को चालू किया जाए.

begusarai
पुल की हालत जर्जर

जिला प्रशासन ने बुलाई है बैठक
सदर एसडीएम संजीव चौधरी ने बताया कि रेलवे की ओर से एनएचएआई को पत्र लिखकर चिंता जताई गई है. एक बैठक भी तय की गई है. जिसमें इस विषय पर चर्चा कर कोई ठोस समाधान निकाला जाएगा. यात्री सुविधाओं को देखते हुए सक्षम निर्णय जिला प्रशासन की ओर से लिया जाएगा.

बेगूसराय: राजेंद्र सेतु की हालत इनदिनों काफी जर्जर है. आर्थिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण समझे जाने वाले राजेंद्र सेतु पर किसी भी समय परिचालन ठप हो सकता है. दरअसल, रेल प्रशासन ने एनएचएआई को पत्र लिखकर सड़क परिचालन पूरी तरह से बंद करने का निर्देश दिया है. रेल प्रशासन के इस पत्र के बाद जिला प्रशासन लगातार रेल और एनएचएआई से संपर्क में है.

ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जिला प्रशासन की ओर से किसी भी समय पुल पर आवागमन रोकने का आदेश जारी हो सकता है. ईटीवी भारत ने पिछले दिनों पुल के जर्जर होनी की खबर दिखाई थी. अब रेल प्रशासन ने इस खबर को प्रमाणित कर दिया है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जन सुविधाओं के मद्देनजर हुआ था निर्माण
बता दें कि लोगों की समस्याओं को देखते हुए सरकार की ओर से गंगा नदी पर बेगूसराय जिले के सिमरिया और पटना जिले के हाथीदह के बीच राजेंद्र सेतु का निर्माण कराया गया. निर्माण के समय से ही इस पुल के देखरेख में प्रशासनिक लापरवाही की बातें सामने आती रहीं. हाल के दिनों में जर्जर हो चुके इस पुल पर कई बार सड़क मार्ग से गाड़ियों के परिचालन को रोका गया. पुल मरम्मती के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि खर्च की गई. लेकिन, मरम्मत के बाद महज 6 महीने के भीतर ही दोबारा पुल जर्जर हो गया.

begusarai
मरम्मत कार्य जारी

रेल प्रशासन ने दिया निर्देश
हालात को देखते हुए अब रेल प्रशासन ने एनएचएआई को निर्देश दिया है कि राजेंद्र सेतु पर छोटे-बड़े सभी वाहनों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए. रेलवे के मुताबिक पुल का ऊपरी हिस्सा कभी भी टूट कर रेल ट्रैक पर गिर सकता है. इससे बड़ा हादसा हो सकता है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह सही नहीं है. लेकिन, परिचालन बंद होने से उत्तर और दक्षिण बिहार का संपर्क लगभग भंग हो जाएगा.

यह भी पढ़ें: बेटी की कामयाबी पर बोले शिवांगी के माता-पिता: पायलट बन बिटिया ने देश का नाम किया रोशन

इन जिलों को पड़ेगा फर्क
परिचालन बंद होने से लखीसराय, मुंगेर, पटना सहित बिहार के अन्य जिले से बेगूसराय के आर्थिक और सामाजिक संबंध खत्म हो जाएंगे. जिस वजह से आम से लेकर खास तक परेशान हैं. विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इसको लेकर चेतावनी भी दी है कि जल्द ही पुल की मरम्मती का काम पूरा किया जाए और पुल को चालू किया जाए.

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पुल की हालत जर्जर

जिला प्रशासन ने बुलाई है बैठक
सदर एसडीएम संजीव चौधरी ने बताया कि रेलवे की ओर से एनएचएआई को पत्र लिखकर चिंता जताई गई है. एक बैठक भी तय की गई है. जिसमें इस विषय पर चर्चा कर कोई ठोस समाधान निकाला जाएगा. यात्री सुविधाओं को देखते हुए सक्षम निर्णय जिला प्रशासन की ओर से लिया जाएगा.

Intro:एंकर- सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण समझे जाने वाले राजेंद्र सेतु पर किसी भी समय आवागमन ठप किया जा सकता है ।दरअसल रेल प्रशासन ने NHAI को पत्र लिखकर सड़क परिचालन पूरी तरह से बंद करने का निर्देश दिया है। रेल प्रशासन के इस पत्र के बाद जिला प्रशासन लगातार रेल और NHAI से संपर्क में है ।ऐसी संभावना जताई जा रही है की किसी भी समय पुल पर आवागमन रोकने का आदेश जिला प्रशासन जारी कर सकता है ।
गौरतलब हो कि राजेंद्र सेतु की जर्जरता से संबंधित खबर ईटीवी भारत ने कुछ माह पूर्व बड़ी जोर शोर से दिखाई थी जिसकी प्रमानिकता पर रेलवे ने मुहर लगा दिया है।


Body:vo- भारत की आजादी के बाद लोगों की समस्याओं को देखते हुए सरकार के द्वारा गंगा नदी पर बेगूसराय जिले के सिमरिया और पटना जिले के हाथीदह के बीच राजेंद्र सेतु का निर्माण कराया गया ।निर्माण समय से ही इस पूल के देखरेख में प्रशासनिक लापरवाही की बातें सामने आती रही। हाल के दिनों में जर्जर हो चुके इस पूल पर कई बार सड़क मार्ग से गाड़ियों के परिचालन को रोका गया और पुल की मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई ,लेकिन मरम्मत के बाद महज 6 महीने के भीतर ही दोबारा पुल जर्जर हो गया और अब रेल प्रशासन ने NHAI को निर्देश दिया है की राजेंद्र सेतु पर छोटे से बड़े सभी वाहनों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। रेल के मुताबिक पुल की स्थिति देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि सड़क मार्ग में प्रयोग किए गए गाटर कभी भी टूट कर रेल ट्रैक पर गिर सकते हैं और इससे बड़ा हादसा हो सकता है।देखा जाए तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही है लेकिन परिचालन बंद होने की स्थिति में उत्तर और दक्षिण बिहार का संपर्क लगभग भंग हो जाएगा।परिचालन बंद होने से लखीसराय ,मुंगेर ,पटना सहित बिहार केअन्य जिले से बेगूसराय के आर्थिक और ब्यबसाईक संबंध खत्म हो जाएंगे जिस वजह से आम से लेकर खास तक सभी लोग परेशान है।विभीन्न संगठनों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही पूल की मरम्मती कर पूर्ण और स्थायी रूप से आवागमन चालू नही किया गया तो प्रशासन के खिलाफ बड़े आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा।
बाइट-टुनटुन राय ,सामाजिक कार्यकर्ता
vo- इस बाबत सदर एसडीएम संजीव चौधरी ने बताया की रेलवे द्वारा NHAI को लिखा गया पत्र वाकई गंभीर और चिंतनीय है जिसको लेकर NHAI और रेलवे के अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन बैठक कर किसी ठोस नतीजे पर पहुंचेगा और बैठक के बाद जो भी यात्री सुविधाओं को देखते हुए सक्षम निर्णय होगा जिला प्रशासन लेगी।
बाइट-संजीव चौधरी,एसडीएम, बेगूसराय
vo-ईटीवी भारत ने पूल की जर्जरता से सम्बंधित खबर कुछ माह पूर्व दिखाई थी जिसपर रेलवे के द्वारा NHAI को लिखी चिठी ने खबर की प्रमानिककता पर मुहर लगा दिया है।

पीटीसी-आशीष कुमार, संवाददाता


Conclusion:fvo- बहरहाल जो भी हो इतना तय है अगर राजेंद्र सेतु पर परिचालन पूर्ण रूप से बाधित किया जाता है तो बिहार के कई जिलों का एक दूसरे से संपर्क भंग हो जाएगा।साथ ही साथ पूर्वोत्तर के राज्यों का भी बिहार सहित अन्य राज्यो से संपर्क भांग हो जाएगा।
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