बेगूसराय: शहीद पिंटू अब हमारे बीच नहीं रहे. अब उनकी स्मृति शेष ही लोगों के साथ बची है. आज जब उनका शव जैसे ही बेगूसराय पहुंचा, पूरा इलाका गम के माहौल में बदल गया. शहीद को उनकी चार साल की बेटी ने मुखाग्नि दी, जिस दृश्य को देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आई.
जिले के ध्यान चक्की गांव में शहीद पिंटू सिंह का शव जैसे ही उनके गांव पहुंचा. हजारों की संख्या में लोगों ने भारत माता के नारे लगाने शुरू कर दिए. छह किलोमीटर तक अंतिम विदाई के दौरान पदयात्रा किया गया. लोग तिरंगे को लेकर शहीद पिंटू सिंह जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. सभी ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.
4 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि
शहीद पिंटू सिंह के शव को उनकी चार साल की बेटी पीहू ने जब मुखाग्नि दी, उस दौरान वहां मौजूद सभी की आंखें भर आई. सभी नम आंखों से पिंटू सिंह को पंचतत्व में विलीन होते देख रहे थे. जिस घाट पर पिंटू सिंह की चिता जलाई जा रही थी, उस घाट पर हजारों की तादाद में लोग अपने पुत्र के अंतिम दर्शन को लालायित थे.
'तुम्हारी शहादत बेकार नहीं जाएगी'
नदी के ऊपर बना पूल महिलाओं से खाचाखच भरा रहा. हजारों लोग अपने सपूत को इस वादे के साथ विदा किया कि तुम्हारी शहादत बेकार नहीं जाएगी. इस दौरान पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ सीआरपीएफ के जवानों ने जहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ आसमान में गोलियां दागकर अपने सहकर्मी को सलाम किया.