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नमक सत्याग्रह से जुड़ा है गढ़पुरा, छह वर्षों से पदयात्रा कर लोगों को जागरूक कर रहा यह समूह - Srikrishna Singh

बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की उपलब्धियों को जन-जन तक एक समाजिक समूह पहुंचा रहा है. जिलें में स्थित गढ़पुरा नमक सत्याग्रह से जुड़ा है.

पदयात्रा
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Published : Apr 19, 2019, 5:41 PM IST

बेगूसराय: बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की उपलब्धियों को जन-जन एक समाजिक समूह पहुंचा रहा है. जिलें में स्थित गढ़पुरा नमक सत्याग्रह से जुड़ा है. यहां नमक सत्याग्रह कर श्रीकृष्ण सिंह ने अंग्रेजी कानून को तोड़ा था. इसकी ख्याति दिलाने के यह समूह लगातार छह वर्षों से संघर्ष कर रहा है.

जिले में स्थित गढ़पुरा नमक सत्याग्रह आंदोलन से जुड़ा हुआ है. इसकी जानकारी बिहार में सभी को नहीं है. इससे जुड़ा एतिहासिक महत्व को राजीव और अजय सिंघानियां जन-जन तक पहुंचा रहे हैं. लोगों को जागृत करने के लिए छह वर्षों से पदयात्रा कर रहे हैं. इसको लेकर प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

मतदान करने का किया अपील
इस समूह से जुड़े सुशील कुमार सिंह चुनाव को लेकर सवाल पर कहते है कि लोगों से अपील किए अच्छा व्यक्ति को चुने. अच्छे प्रत्याशी को वोट दे. जलपान से पहले सभी मतदान जरूर करे.

सुशील कुमार सिंह बताते हुए

श्री कृष्ण सिंह ने तोड़ा था नमक कानून
बता दें कि जिले में स्थित गढ़पुरा का एतेहासिक महत्व है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर वर्ष 1930 में संपूर्ण देश में नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत हुई थी. उस आंदोलन में गढ़पुरा महत्वपूर्ण केंद्र बना था. 20 अप्रैल 1930 ई0 को यहां बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह ने अपने साथियों के साथ नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था.

बेगूसराय: बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की उपलब्धियों को जन-जन एक समाजिक समूह पहुंचा रहा है. जिलें में स्थित गढ़पुरा नमक सत्याग्रह से जुड़ा है. यहां नमक सत्याग्रह कर श्रीकृष्ण सिंह ने अंग्रेजी कानून को तोड़ा था. इसकी ख्याति दिलाने के यह समूह लगातार छह वर्षों से संघर्ष कर रहा है.

जिले में स्थित गढ़पुरा नमक सत्याग्रह आंदोलन से जुड़ा हुआ है. इसकी जानकारी बिहार में सभी को नहीं है. इससे जुड़ा एतिहासिक महत्व को राजीव और अजय सिंघानियां जन-जन तक पहुंचा रहे हैं. लोगों को जागृत करने के लिए छह वर्षों से पदयात्रा कर रहे हैं. इसको लेकर प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

मतदान करने का किया अपील
इस समूह से जुड़े सुशील कुमार सिंह चुनाव को लेकर सवाल पर कहते है कि लोगों से अपील किए अच्छा व्यक्ति को चुने. अच्छे प्रत्याशी को वोट दे. जलपान से पहले सभी मतदान जरूर करे.

सुशील कुमार सिंह बताते हुए

श्री कृष्ण सिंह ने तोड़ा था नमक कानून
बता दें कि जिले में स्थित गढ़पुरा का एतेहासिक महत्व है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर वर्ष 1930 में संपूर्ण देश में नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत हुई थी. उस आंदोलन में गढ़पुरा महत्वपूर्ण केंद्र बना था. 20 अप्रैल 1930 ई0 को यहां बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह ने अपने साथियों के साथ नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था.

Intro:एंकर- "आजाद भारत में नमक सत्याग्रह आंदोलन"
ये सुनने में अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन नमक सत्याग्रह आंदोलन से जुड़ी यादों और बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह की स्मृति को जन जन तक पहुचाने के उद्देश्य से कुछ समाजसेवी लोगों ने मुंगेर से लेकर बेगूसराय जिले के गढ़पुरा तक की पैदल यात्रा के जरिये नमक सत्याग्रह आंदोलन का नया वर्जन दिखाने का प्रयाश किया है।
एक रिपोर्ट


Body:vo- स्वतंत्रता आंदोलन के समय तत्कालीन मुंगेर जिला अब के बेगूसराय जिले का गढ़पुरा गाँव काफी अहमियत रखता है। गौरतलब हो कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर जब वर्ष 1930 ईस्वी में संपूर्ण देश में नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत हुई थी तो गढ़पुरा उसका महत्वपूर्ण केंद्र बना था ।20 अप्रैल 1930 ई0 को यहां बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह ने अपने साथियों के साथ नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था जिसके बाद अंग्रेजी हुकूमत ने श्रीकृष्ण सिंह के साथ मारपीट कर उन्हें जेल भेज दिया था। श्रीकृष्ण सिंह की बहादुरी और नमक सत्याग्रह आंदोलन से जुड़ी तमाम वारदातों का गवाह रहा गढ़पुरा आज भी उपेक्षा का शिकार है।आज नमक सत्याग्रह आंदोलन के जत्था के साथ बेगूसराय पहुचे राजीव और अजय सिंघानियां बताते हैं कि हमलोग स्कूल जाते हैं और बच्चों से पूछते हैं क्या आप श्रीकृष्ण सिंह को जानते हैं या बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के बारे में बताएं तो वो कुछ जबाब नही दे पाते हैं तो लगता है कही न कहीं उपेक्षा हो रही है ।गढ़पुरा के सुनहरे अतीत,नमक सत्याग्रह आंदोलन से जुड़ी यादें और श्रीकृष्ण सिंह की उपलब्धियों और देश के प्रति उनके योगदान को जन जन तक पहुचाने के साथ ही साथ गढ़पुरा को ख्याति दिलवाने के लिए हमारा संघर्ष जारी है और बीते छह वर्षों से लगातार नमक सत्याग्रह आंदोलन चलाकर हम समाज को संदेश दे रहे हैं और इसका राजनीत से कोई लेना देना नही है ।चुनाव का समय है लोग पूछते तो जरूर हैं किसको वोट देना चाहिए हमलोग साफ जबाब देते हैं जो बढ़िया प्रत्याशी हो उसको दें लेकिन मतदान अवश्य करें।
बाइट-अजय सिंघानिया, संयोजक


Conclusion:fvo-इतना तय है कि वर्तमान समय मे ये लोगों को अप्रासंगिक या अटपटा लग भी सकता है लेकिन सत्यग्रहियो की निष्ठा और उनका उद्देश्य वाकई काबिले तारीफ है।
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