बेगूसराय: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने फिर दोहराया कि बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) सख्ती से लागू रहेगा. उन्होंने कहा कि शराब के कारण जितनी मृत्यु होती है, वह टीबी, एड्स और मधुमेह से होने वाली मौतों से कहीं ज्यादा है. सीएम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि शराब पीने से 200 प्रकार की बीमारियां फैलती हैं. शराब के सेवन से कैंसर, एड्स, हेपेटाइटिस, टीबी, लिवर और दिल की बीमारियां भी होती हैं.
समाज सुधार अभियान (Samaj Sudhar Abhiyan) के तहत बेगूसराय स्थित आईटीआई मैदान में खगड़िया और बेगूसराय की जीविका दीदीयों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने शराब, बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों से बचने के लिए आगे आने की अपील की. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इसके पहले भी सरकार ने 1977 में शराबबंदी की थी. हालांकि लोगों ने 2 साल बाद ही सरकार को गिरा दिया था लेकिन हमने यह ठान लिया है कि चाहे जो भी हो जाए, शराबबंदी कानून को वापस नहीं लेंगे.
सीएम ने कहा कि हाल के दिनों में जब जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई तो कुछ लोगों ने शराबबंदी पर ही सवाल उठा दिया. कानून को वापस लेने की मांग करने लगे लेकिन हमने साफ तौर पर कहा कि जो शराब पियेगा वो मरेगा ही. इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि समाज में 10% में लोग होते हैं, जो गड़बड़ करने वाले होते हैं वह गड़बड़ करेंगे ही. उन्होंने कहा कि 2018 का आंकड़ा है कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है.
"इधर-उधर तो गड़बड़ करने वाला होता ही है ना. मनुष्य जो है, वो शत-प्रतिशत कभी भी ठीक नहीं हो सकता है. कुछ न कुछ तो गड़बड़ होता ही है. जब से हमलोगों ने शराबबंदी लागू की है, तब से कुछ न कुछ गड़बड़ होता ही रहता है. जहरीली शराब पीने से मौत पर कुछ लोग सवाल उठाने लगते हैं लेकिन हम तो शुरू से कहते हैं कि दारू पीएगा तो मरेगा ही"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
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