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बिहार में इस रेल रूट पर झपटमार गिरोह से रहें सावधान, यकीन न हो तो Video देख लें

बिहार के बरौनी-मोकामा रेल रूट (Barauni Mokama Rail Route) पर यात्रा करने के दौरान अगर आप ट्रेन के गेट या खिड़की पर मोबाइल चलाते हैं, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि सिमरिया राजेंद्र रेलवे पुल पर झपट्टामार गिरोह सक्रिय है. पढ़ें पूरी वारदात

बिहार के पुल पर मोबाइल के लुटेरे
बिहार के पुल पर मोबाइल के लुटेरे
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Published : Jun 13, 2022, 4:07 PM IST

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय के सिमरिया राजेंद्र रेल पुल पर (Simaria Rajendra Railway Bridge) बदमाश टार्जन स्टाइल में लूट की वारदातों ( Mobile Loot from Moving Train In Bihar) को अंजाम देने लगे हैं. ये सब इतनी स्पीड में होता है कि जिस यात्री का मोबाइल छिनता है, उसे भी कुछ पल तक समझ नहीं आता कि हुआ क्या है. ट्रेन में यात्रा करते समय अगर आप किसी सगे-संबंधी से बात कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं, झपटमार गिरोह कहीं से भी आपका मोबाइल झपट सकते हैं. ऐसी वारदातों के पीछे की हकीकत जानने के लिए हमारे ईटीवी संवाददाता ने ट्रेन में सफर कर कर रहे यात्रियों के बीच पहुंचकर उनकी परेशानी को जानने की कोशिश की. ती है.

ये भी पढ़ेंः LIVE VIDEO: बिहार में स्पीड में थी ट्रेन, बना रहा था वीडियो.. तभी चंद सेकेंड में हाथों से मोबाइल गायब

रेलवे ब्रिज पर मोबाइल की होती है लूटः दरअसल, मोबाइल छीनने वाले लोग अपने पैर और एक हाथ को रेलवे ब्रिज के पिलर से रस्सी और कपड़े के सहारे बांधे रखते हैं, और झूलते हुए ट्रेन के गेट या खिड़की पर बैठे यात्री के हाथ से सेकेंड से भी कम समय में मोबाइल और पर्स लूट लेते हैं. जब तक यात्री को कुछ समझ आता है, तब तक ट्रेन बहुत आगे निकल चुकी होती है. ये काम इतना जोखिम भरा होता है कि सोचकर कोई भी किसी अनहोनी का अंदाजा लगा सकता है. लुटेरों के सामने से ट्रेन गुजर रही होती है और नीचे गंगा बहती है, तब भी मौत के मुंह में लटक रहे झपट्टामार बैलेंस बनाकर यात्रियों के मोबाइल समेत दूसरे सामान पर हाथ मार देते हैं.

"कितनी बार तो मैनें खुद अपनी आखों से देखा है. इस गिरोह के लोग कपड़ा बांध कर पोल से लटक जाते हैं. जब कोई ट्रेन में बैठकर खिड़की या गेट के पास से कोई वीडियो बनाता है, या बात करता है, तुरंत उसका मोबाइल झपट लिया जाता है. जो जानकार लोग हैं वो तो अपना मोबाइल बाहर नहीं निकालते लेकिन जो नए लोग हैं, उनके साथ अक्सर ऐसा होता है. ये लोग पुल पर ही रहते हैं और खास तरीके से मोबाइल की छिनतई करते हैं"- पंकज, यात्री

ये भी पढ़ें- कटिहार में दो लुटेरे गिरफ्तार, तमंचे की नोक पर दिया था लूट की वारदात को अंजाम

हाथ में केमिकल लगाए रहते हैं बदमाशः यात्रियों का कहना है कि झपट्टामार गिरोह का सदस्य अपने हाथ में एक विशेष किस्म का केमिकल लगाए रहता है. इससे मोबाइल झपटने के बाद जल्दी नीचे नहीं गिरता है और उसके हाथ में ही चिपक कर रह जाता है. रेल पुलिस को भी इस तरह की घटना की जानकारी है. रेल पुलिस द्वारा भी गिरोह के सदस्यों को पकड़ा जाता है. बावजूद इसके, अभी तक गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिस की पकड़ से दूर है.

"असल क्या है कि पूरी वयवस्था ही चरमरा गई है. आप सिर्फ अपराधिक घटना की ही बात क्या कह रहे हैं. सब तरफ अपराध ही अपराध हो रहा है यहां से वहां तक और हम लोग बर्दाशत करने की इतनी क्षमता रखते हैं कि कितना भी, कुछ भी अनर्थ हो जाए हमलोग उसको झेलते चले जा रहे हैं. हम लोग सिर्फ अपने जिंदा रहने को ही विकास मानने लगे हैं. कई लोग तो झपटमारी की घटना की रिपोर्ट तक नहीं लिखाते हैं"- रमेश कुमार, बुजुर्ग यात्री

ट्रेन से वीडियो बनाते समय गायब हुआ था मोबाइलः आपको बता दें कि पिछले दिनों ही एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें साफ देखा गया था कि कैसे एक यात्री का मोबाइल ट्रेन से बाहर वीडियो बनाते समय गायब हो गया था. वो घटना 4 जून की थी. इस संबंध में कटिहार नगर थाना क्षेत्र के राम पारा मोहल्ले के रहने वाले मोहम्मद समीर ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह 4 जून को इंटरसिटी एक्सप्रेस से पटना से कटिहार लौट रहा था. बेगूसराय से ट्रेन आगे के लिए निकल ही रही थी कि उसी दौरान गेट के पास खड़े समीर के मोबाइल को पुल पर खड़े शख्स ने झपट्टा मारकर उड़ा लिया. जिसके बाद समीर के पीछे मौजूद अन्य रेल यात्री के फोन में इस लाइव लूट का वीडियो कैद हो गई

ये भी पढ़ें: 'ट्रेन में डंडामार लूट गिरोह' का भंडाफोड़, वैशाली में 21 नवंबर को छात्रा से लूट की बात कबूली

रेल एसपी ने भी माना होती हैं ऐसी वारदातेंः वहीं, इस पूरे मामले में कटिहार रेल एसपी डॉ. संजय भारती ने भी माना था कि उस पूरे एरिया में इस तरह मोबाइल लूट की घटना को अजाम दिया जाता है. लुटेरे वहां काफी सालों से एक्टिव हैं. जो कोई भी ट्रेन की खिड़की या गेट के पास बैठ कर बात करता है, या वीडियो बनाता है, उसका मोबाइल गायब हो जाता है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस तरह की घटना पर हर हाल में अंकुश लगाया जाएगा. रेल एसपी ने कहा कि यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए.

'उस एरिया में पहले से भी पुलिस तैनात रहती है. इनका मॉडस ऑपरेंडी यही है कि कोई बात कर रहा होता तो डंडे आदि से मारकर उसका मोबाइल गिरा देते हैं और फिर ले लेते हैं. ऐसे मामलों में कई लोग जेल जा चुके हैं और भी लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, इसमें पूरी कार्रवाई की जाएगी. चोरी पर हमें हर हाल में अंकुश लगाना है, तभी हम समझेंगे कि हमारा प्रयास सार्थक हुआ है' - डॉ. संजय भारती, रेल एसपी, कटिहार

बेगूसराय रेल थाने में तीन अलग-अलग मामले दर्ज: रविवार को बेगूसराय रेल थाने में तीन महिला यात्रियों ने अलग-अलग चोरी व छिनतई का मामला दर्ज कराया है. पहली घटना रविवार की सुबह तिलरथ से जमालपुर जा रही सवारी गाड़ी में बेगूसराय स्टेशन पर एक महिला यात्री नियति राज के साथ घटित हुई. ट्रेन में चढ़ने के दौरान बदमाशों ने महिला के बैग से हैंड पर्स गायब कर दिया. पर्स में साढ़े तीन लाख रुपये के सोने के आभूषण के अलावा 55 सौ रुपया नगद भी था. महिला यात्री बेगूसराय से लखमिनिया तक की यात्रा करने इस ट्रेन में सवार हुई थी. महिला यात्री अपना घर सिंघौल पोखर बता रही थी. वहीं दूसरा मामला टाटा से कटिहार जा रही लिंक एक्सप्रेस में दो महिला यात्री के साथ हुई. जबकि तीसरी घटना महिला यात्री हरनौत नालंदा की मनीषा कुमारी ने भी इसी ट्रेन में जसीडीह स्टेशन पर ही गले से चेन खींचने का मामला दर्ज कराया है.

जीआरपी द्वारा चलाया गया था छापेमारी अभियानः बता दें कि इस मामले में पिछले दिनों 14 अप्रैल को मोकामा आरपीएफ व बरौनी जीआरपी द्वारा संयुक्त रूप से राजेंद्र पुल के समीप की गई छापेमारी अभियान में केबिन हट के पास से एक शख्स को पकड़ा गया था, जबकि दूसरा व्यक्ति पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था. पकड़े गए व्यक्ति की पहचान चकिया थाना क्षेत्र के सिमरिया घाट निवासी महेश महतो के रूप में की गई थी, जबकि भागे हुए व्यक्ति की पहचान इसी इलाके की शंभू कुमार उर्फ गरपेटा के रूप में की गई. बाद में महेश महतो की निशानदेही पर शंभू कुमार उर्फ गरपेटा को भी उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार दोनों व्यक्ति के पास से चोरी के मोबाइल, पर्स और नकदी बरामद किए गए थे.

ट्रेन की खिड़की या दरवाजे के पास बैठते हैं तो सतर्क हो जाइए : बता दें कि मोबाइल छिनतई की यह घटना खासकर तब होती है जब ट्रेन दिनकर ग्राम सिमरिया-चकिया हाल्ट-राजेंद्र पुल होते हुए हाथीदह की ओर जा रही हो या हाथीदह से राजेंद्रपुल-चकिया हाल्ट-दिनकर ग्राम सिमरिया की ओर आ रही हो, तो उस समय विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है. अगर आप भी ट्रेन में सफर करते हैं और खासकर बिहार में इस रूटपर सफर को रोमांचक बनाने के लिए खिड़की या दरवाजे के पास बैठते हैं तो सतर्क रहिए. हो सकता है कि अगला शिकार आप या आपका कोई अपना हो. क्योंकि 4 जून की घटना इकलौती ऐसी घटना नहीं है. इससे पहले भी दूसरे रेल रूट पर झपट्टामार गिरोह कई वारदात को अंजाम दे चुके हैं.

गंगा नदी पर बना है राजेंद्र पुलः राजेंद्र पुल सिमरिया नामक स्थान पर गंगा नदी के ऊपर बना हुआ है. इस ब्रिज की खासियत यह है कि इसमें नीचे रेल जाती है और ऊपर की तरफ सड़क यातायात है. लगभग दो किलोमीटर लंबा यह पुल गंगा नदी पर बना बिहार का रेल-सह-सड़क पुल है जो उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ता है. जब सोशल मीडिया पर मोबाइल लूट का वीडियो वायरल हुआ तो यह पूल एक बार फिर चर्चा में आ गया. बहरहाल इस रेल मार्ग पर ट्रेन यात्रियों को काफी चौकन्ना रहने की जरूरत है.

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बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय के सिमरिया राजेंद्र रेल पुल पर (Simaria Rajendra Railway Bridge) बदमाश टार्जन स्टाइल में लूट की वारदातों ( Mobile Loot from Moving Train In Bihar) को अंजाम देने लगे हैं. ये सब इतनी स्पीड में होता है कि जिस यात्री का मोबाइल छिनता है, उसे भी कुछ पल तक समझ नहीं आता कि हुआ क्या है. ट्रेन में यात्रा करते समय अगर आप किसी सगे-संबंधी से बात कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं, झपटमार गिरोह कहीं से भी आपका मोबाइल झपट सकते हैं. ऐसी वारदातों के पीछे की हकीकत जानने के लिए हमारे ईटीवी संवाददाता ने ट्रेन में सफर कर कर रहे यात्रियों के बीच पहुंचकर उनकी परेशानी को जानने की कोशिश की. ती है.

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रेलवे ब्रिज पर मोबाइल की होती है लूटः दरअसल, मोबाइल छीनने वाले लोग अपने पैर और एक हाथ को रेलवे ब्रिज के पिलर से रस्सी और कपड़े के सहारे बांधे रखते हैं, और झूलते हुए ट्रेन के गेट या खिड़की पर बैठे यात्री के हाथ से सेकेंड से भी कम समय में मोबाइल और पर्स लूट लेते हैं. जब तक यात्री को कुछ समझ आता है, तब तक ट्रेन बहुत आगे निकल चुकी होती है. ये काम इतना जोखिम भरा होता है कि सोचकर कोई भी किसी अनहोनी का अंदाजा लगा सकता है. लुटेरों के सामने से ट्रेन गुजर रही होती है और नीचे गंगा बहती है, तब भी मौत के मुंह में लटक रहे झपट्टामार बैलेंस बनाकर यात्रियों के मोबाइल समेत दूसरे सामान पर हाथ मार देते हैं.

"कितनी बार तो मैनें खुद अपनी आखों से देखा है. इस गिरोह के लोग कपड़ा बांध कर पोल से लटक जाते हैं. जब कोई ट्रेन में बैठकर खिड़की या गेट के पास से कोई वीडियो बनाता है, या बात करता है, तुरंत उसका मोबाइल झपट लिया जाता है. जो जानकार लोग हैं वो तो अपना मोबाइल बाहर नहीं निकालते लेकिन जो नए लोग हैं, उनके साथ अक्सर ऐसा होता है. ये लोग पुल पर ही रहते हैं और खास तरीके से मोबाइल की छिनतई करते हैं"- पंकज, यात्री

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हाथ में केमिकल लगाए रहते हैं बदमाशः यात्रियों का कहना है कि झपट्टामार गिरोह का सदस्य अपने हाथ में एक विशेष किस्म का केमिकल लगाए रहता है. इससे मोबाइल झपटने के बाद जल्दी नीचे नहीं गिरता है और उसके हाथ में ही चिपक कर रह जाता है. रेल पुलिस को भी इस तरह की घटना की जानकारी है. रेल पुलिस द्वारा भी गिरोह के सदस्यों को पकड़ा जाता है. बावजूद इसके, अभी तक गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिस की पकड़ से दूर है.

"असल क्या है कि पूरी वयवस्था ही चरमरा गई है. आप सिर्फ अपराधिक घटना की ही बात क्या कह रहे हैं. सब तरफ अपराध ही अपराध हो रहा है यहां से वहां तक और हम लोग बर्दाशत करने की इतनी क्षमता रखते हैं कि कितना भी, कुछ भी अनर्थ हो जाए हमलोग उसको झेलते चले जा रहे हैं. हम लोग सिर्फ अपने जिंदा रहने को ही विकास मानने लगे हैं. कई लोग तो झपटमारी की घटना की रिपोर्ट तक नहीं लिखाते हैं"- रमेश कुमार, बुजुर्ग यात्री

ट्रेन से वीडियो बनाते समय गायब हुआ था मोबाइलः आपको बता दें कि पिछले दिनों ही एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें साफ देखा गया था कि कैसे एक यात्री का मोबाइल ट्रेन से बाहर वीडियो बनाते समय गायब हो गया था. वो घटना 4 जून की थी. इस संबंध में कटिहार नगर थाना क्षेत्र के राम पारा मोहल्ले के रहने वाले मोहम्मद समीर ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह 4 जून को इंटरसिटी एक्सप्रेस से पटना से कटिहार लौट रहा था. बेगूसराय से ट्रेन आगे के लिए निकल ही रही थी कि उसी दौरान गेट के पास खड़े समीर के मोबाइल को पुल पर खड़े शख्स ने झपट्टा मारकर उड़ा लिया. जिसके बाद समीर के पीछे मौजूद अन्य रेल यात्री के फोन में इस लाइव लूट का वीडियो कैद हो गई

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रेल एसपी ने भी माना होती हैं ऐसी वारदातेंः वहीं, इस पूरे मामले में कटिहार रेल एसपी डॉ. संजय भारती ने भी माना था कि उस पूरे एरिया में इस तरह मोबाइल लूट की घटना को अजाम दिया जाता है. लुटेरे वहां काफी सालों से एक्टिव हैं. जो कोई भी ट्रेन की खिड़की या गेट के पास बैठ कर बात करता है, या वीडियो बनाता है, उसका मोबाइल गायब हो जाता है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस तरह की घटना पर हर हाल में अंकुश लगाया जाएगा. रेल एसपी ने कहा कि यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए.

'उस एरिया में पहले से भी पुलिस तैनात रहती है. इनका मॉडस ऑपरेंडी यही है कि कोई बात कर रहा होता तो डंडे आदि से मारकर उसका मोबाइल गिरा देते हैं और फिर ले लेते हैं. ऐसे मामलों में कई लोग जेल जा चुके हैं और भी लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, इसमें पूरी कार्रवाई की जाएगी. चोरी पर हमें हर हाल में अंकुश लगाना है, तभी हम समझेंगे कि हमारा प्रयास सार्थक हुआ है' - डॉ. संजय भारती, रेल एसपी, कटिहार

बेगूसराय रेल थाने में तीन अलग-अलग मामले दर्ज: रविवार को बेगूसराय रेल थाने में तीन महिला यात्रियों ने अलग-अलग चोरी व छिनतई का मामला दर्ज कराया है. पहली घटना रविवार की सुबह तिलरथ से जमालपुर जा रही सवारी गाड़ी में बेगूसराय स्टेशन पर एक महिला यात्री नियति राज के साथ घटित हुई. ट्रेन में चढ़ने के दौरान बदमाशों ने महिला के बैग से हैंड पर्स गायब कर दिया. पर्स में साढ़े तीन लाख रुपये के सोने के आभूषण के अलावा 55 सौ रुपया नगद भी था. महिला यात्री बेगूसराय से लखमिनिया तक की यात्रा करने इस ट्रेन में सवार हुई थी. महिला यात्री अपना घर सिंघौल पोखर बता रही थी. वहीं दूसरा मामला टाटा से कटिहार जा रही लिंक एक्सप्रेस में दो महिला यात्री के साथ हुई. जबकि तीसरी घटना महिला यात्री हरनौत नालंदा की मनीषा कुमारी ने भी इसी ट्रेन में जसीडीह स्टेशन पर ही गले से चेन खींचने का मामला दर्ज कराया है.

जीआरपी द्वारा चलाया गया था छापेमारी अभियानः बता दें कि इस मामले में पिछले दिनों 14 अप्रैल को मोकामा आरपीएफ व बरौनी जीआरपी द्वारा संयुक्त रूप से राजेंद्र पुल के समीप की गई छापेमारी अभियान में केबिन हट के पास से एक शख्स को पकड़ा गया था, जबकि दूसरा व्यक्ति पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था. पकड़े गए व्यक्ति की पहचान चकिया थाना क्षेत्र के सिमरिया घाट निवासी महेश महतो के रूप में की गई थी, जबकि भागे हुए व्यक्ति की पहचान इसी इलाके की शंभू कुमार उर्फ गरपेटा के रूप में की गई. बाद में महेश महतो की निशानदेही पर शंभू कुमार उर्फ गरपेटा को भी उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार दोनों व्यक्ति के पास से चोरी के मोबाइल, पर्स और नकदी बरामद किए गए थे.

ट्रेन की खिड़की या दरवाजे के पास बैठते हैं तो सतर्क हो जाइए : बता दें कि मोबाइल छिनतई की यह घटना खासकर तब होती है जब ट्रेन दिनकर ग्राम सिमरिया-चकिया हाल्ट-राजेंद्र पुल होते हुए हाथीदह की ओर जा रही हो या हाथीदह से राजेंद्रपुल-चकिया हाल्ट-दिनकर ग्राम सिमरिया की ओर आ रही हो, तो उस समय विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है. अगर आप भी ट्रेन में सफर करते हैं और खासकर बिहार में इस रूटपर सफर को रोमांचक बनाने के लिए खिड़की या दरवाजे के पास बैठते हैं तो सतर्क रहिए. हो सकता है कि अगला शिकार आप या आपका कोई अपना हो. क्योंकि 4 जून की घटना इकलौती ऐसी घटना नहीं है. इससे पहले भी दूसरे रेल रूट पर झपट्टामार गिरोह कई वारदात को अंजाम दे चुके हैं.

गंगा नदी पर बना है राजेंद्र पुलः राजेंद्र पुल सिमरिया नामक स्थान पर गंगा नदी के ऊपर बना हुआ है. इस ब्रिज की खासियत यह है कि इसमें नीचे रेल जाती है और ऊपर की तरफ सड़क यातायात है. लगभग दो किलोमीटर लंबा यह पुल गंगा नदी पर बना बिहार का रेल-सह-सड़क पुल है जो उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ता है. जब सोशल मीडिया पर मोबाइल लूट का वीडियो वायरल हुआ तो यह पूल एक बार फिर चर्चा में आ गया. बहरहाल इस रेल मार्ग पर ट्रेन यात्रियों को काफी चौकन्ना रहने की जरूरत है.

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