बेगूसरायः सूबे के मुखिया नीतीश कुमार और सरकारी महकमे की ओर से लगातार शराबबंदी के साथ-साथ बाल विवाह के खिलाफ भी जागरुकता फैलाई जा रही है. खासकर बाल विवाह को लेकर लगातार सरकार के निर्देश पर बेगूसराय जिले में भी जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसका फायदा अब जमीन पर दिखने लगा है.
दरअसल, मुफस्सिल थाना इलाके के विशनपुर मोहल्ले में 15 वर्षीय मौसम कुमारी की शादी को प्रशासन ने रोक दिया है. मौसम कुमारी और ग्रामीणों की अपील पर प्रशासन ने यह शादी रोकी.
बाल विवाह के खिलाफ भी जागरुकता अभियान
बता दे कि मौसम कुमारी काफी गरीब परिवार से है और उसके घर में उसको लेकर कुल पांच बहनें और एक भाई है. गरीबी के कारण मौसम के माता-पिता ने कम उम्र में ही उसकी शादी करानी चाही. उसके बाद अपनी हैसियत के मुताबिक लड़का ढूंढ कर उसकी शादी की तैयारी होने लगी. लेकिन ठीक शादी के दिन मौसम ने शादी का विरोध कर दिया. मौसम ने किसी तरह महिला हेल्पलाइन का नंबर पता किया और उस पर फोन कर जानकारी दी कि मेरी उम्र 15 वर्ष है. मैं अभी पढ़ना चाहती हूं. लेकिन मेरे पापा गरीबी के कारण मेरी शादी कराना चाहते हैं.
प्रशासन ने रोका बाल विवाह
महिला हेल्पलाइन को मिली सूचना के आधार पर एसडीएम संजीव चौधरी के नेतृत्व में प्रशासनिक महकमा हरकत में आ गया. वहीं, इस बीच कुछ ग्रामीणों की ओर से भी प्रशासन को इसकी सूचना दी गई. प्रशासन ने आनन-फानन में मुफस्सिल थाना पुलिस और महिला हेल्पलाइन के लोगों को विशनपुर मोहल्ला भेजा. जहां कुछ ही देर बाद मौसम की शादी होने वाली थी. प्रशासन ने ना सिर्फ तत्काल शादी रुकवाया, बल्कि मौसम के साथ उसके माता-पिता को भी महिला हेल्पलाइन ले आयी. जहां मौसम के माता-पिता को समझाया गया और बताया कि यह कानूनन जुर्म है. जिसके बाद मौसम के माता-पिता ने यह शपथ पत्र दिया कि जब तक मौसम की उम्र 18 वर्ष नहीं हो जाती तब तक उसकी शादी नहीं करेंगे.
गरीबी के कारण करा रहे थें बाल विवाह
वहीं, मौसम की मां कलावती देवी ने बताया कि वह काफी गरीब परिवार से है और उसे 5 बेटी है. जिस वजह से वह धीरे-धीरे अपना दायित्व कम करने के उद्देश्य से मौसम की शादी करवा रही थी.
बाल विवाह कानूनन जूर्म
वहीं, दूसरी ओर सदर एसडीएम संजीव चौधरी बताते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार की ओर से लगातार बाल विवाह उन्मूलन को लेकर जमीनी स्तर पर जागरुकता फैलाई जा रही है और जिले में भी प्रखंड से पंचायत स्तर तक काफी जागरुकता अभियान चलाया गया है. जिस वजह से ना सिर्फ नाबालिक लड़की ने शादी करने से इंकार कर दिया. बल्कि ग्रामीणों ने भी बाल विवाह रोकने के लिए काफी प्रयास किया.
एसडीएम संजीव चौधरी ने कहा कि सरकार की सोच धरातल पर अब फलीभूत हो रही है. मौसम के परिवार वाले आर्थिक रूप से काफी गरीब हैं. वैसे में प्रशासन यह प्रयास कर रहा है कि उसे सरकारी स्तर पर मिलने वाली तमाम सुविधाएं दी जाए. जिससे मौसम और उसके परिवार के लोगों को उसका लाभ मिल सके.