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बेगूसराय में धूमधाम से मनाई गई राष्ट्रकवि दिनकर की 111वीं जयंती, उनके पैतृक आवास पहुंचे DM - धूमधाम से मनाई गई राष्ट्रकवि की 111वीं जयंती

रामधारी सिंह दिनकर की जंयती पर आयोजित कार्यक्रम में डीएम अरविंद कुमार वर्मा, एसपी अवकाश कुमार समेत जिले के वरीय अधिकारियों ने जीरो माइल चौक, सिमरिया गांव चौक और दिनकर के आवास पर बनी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया.

डीएम ने किया माल्यार्पण
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Published : Sep 23, 2019, 5:06 PM IST

Updated : Sep 23, 2019, 5:15 PM IST

बेगूसराय: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 111वी जयंती जिले में धूमधाम से मनाई गई. इस मौके पर बेगूसराय में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए. जिला प्रशासन की ओर से दिनकर के पैतृक आवास सिमरिया में स्थापित सभी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया. इस मौके पर डीएम खुद मौजूद रहे.

डीएम अरविंद कुमार वर्मा और एसपी अवकाश कुमार पहले जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. उसके बाद वह दल-बल के साथ दिनकर के पैतृक गांव निकल पड़े. उन्होंने टीम सहित दिनकर के पैतृक आवास का मुआयना किया. उसके बाद उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे.

डीएम का बयान

दिनकर के पैतृक गांव का लिया जायजा
रामधारी सिंह दिनकर की जंयती पर आयोजित कार्यक्रम में डीएम अरविंद कुमार वर्मा, एसपी अवकाश कुमार समेत जिले के वरीय अधिकारियों ने जीरो माइल चौक, सिमरिया गांव चौक और दिनकर के आवास पर बनी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. डीएम ने राष्ट्रकवि के घर, उनके जर्जर बैठक सह दलान का जायजा लिया.

Begusarai
डीएम ने किया माल्यार्पण

दिनकर को करीब से जानकर अच्छा लगा- डीएम
इस मौके पर डीएम ने कहा कि दिनकर के बारे में पहले केवल पढ़ा था. आज उनके गांव आकर उन्हें बहुत करीब से जाना. यह बहुत अच्छा अनुभव रहा. जंयती के अवसर पर पूरे दिन अलग-अलग समारोह आयोजित किए गए हैं. जिसमें ना सिर्फ दिनकर को याद किया जा रहा है बल्कि उनके साहित्य और कविताओं की चर्चा कर उससे प्रेरणा भी ली जा रही है.

Begusarai
मनाई गई दिनकर जयंती

ऐसी थी दिनकर की शख्सियत...
बता दें कि बिहार के बेगूसराय के सिमरिया में आज ही के दिन यानि 23 सितंबर 1908 को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म हुआ था. सोमवार को दिनकर की 111वीं जयंती है. दिनकर आजादी के पहले अपनी रचनाओं के कारण वह विद्रोही कवि के रूप में चर्चित हुए और देश की आजादी के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये.

संबंधित खबर: विद्रोही कवि रामधारी सिंह दिनकर, वीर रस की कविताओं के जरिए हासिल किया 'राष्ट्रकवि' का दर्जा

वीर रस से थे ओतप्रोत
दिनकर हिंदी साहित्य के छायावाद काल के बाद कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे. उनकी रचनाओं में वीर रस का ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है. हिंदी भाषा की कविता के 9 अलग भाव रखे गए हैं. उनमें से एक है वीर रस. जिस भाव से उत्साह जागे उसे ही 'वीर रस' कहा जाता है. 'उर्वशी' को छोड़कर दिनकर की अधिकतर रचनाएं वीर रस से भरी हुई हैं.

बेगूसराय: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 111वी जयंती जिले में धूमधाम से मनाई गई. इस मौके पर बेगूसराय में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए. जिला प्रशासन की ओर से दिनकर के पैतृक आवास सिमरिया में स्थापित सभी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया. इस मौके पर डीएम खुद मौजूद रहे.

डीएम अरविंद कुमार वर्मा और एसपी अवकाश कुमार पहले जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. उसके बाद वह दल-बल के साथ दिनकर के पैतृक गांव निकल पड़े. उन्होंने टीम सहित दिनकर के पैतृक आवास का मुआयना किया. उसके बाद उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे.

डीएम का बयान

दिनकर के पैतृक गांव का लिया जायजा
रामधारी सिंह दिनकर की जंयती पर आयोजित कार्यक्रम में डीएम अरविंद कुमार वर्मा, एसपी अवकाश कुमार समेत जिले के वरीय अधिकारियों ने जीरो माइल चौक, सिमरिया गांव चौक और दिनकर के आवास पर बनी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. डीएम ने राष्ट्रकवि के घर, उनके जर्जर बैठक सह दलान का जायजा लिया.

Begusarai
डीएम ने किया माल्यार्पण

दिनकर को करीब से जानकर अच्छा लगा- डीएम
इस मौके पर डीएम ने कहा कि दिनकर के बारे में पहले केवल पढ़ा था. आज उनके गांव आकर उन्हें बहुत करीब से जाना. यह बहुत अच्छा अनुभव रहा. जंयती के अवसर पर पूरे दिन अलग-अलग समारोह आयोजित किए गए हैं. जिसमें ना सिर्फ दिनकर को याद किया जा रहा है बल्कि उनके साहित्य और कविताओं की चर्चा कर उससे प्रेरणा भी ली जा रही है.

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मनाई गई दिनकर जयंती

ऐसी थी दिनकर की शख्सियत...
बता दें कि बिहार के बेगूसराय के सिमरिया में आज ही के दिन यानि 23 सितंबर 1908 को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म हुआ था. सोमवार को दिनकर की 111वीं जयंती है. दिनकर आजादी के पहले अपनी रचनाओं के कारण वह विद्रोही कवि के रूप में चर्चित हुए और देश की आजादी के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये.

संबंधित खबर: विद्रोही कवि रामधारी सिंह दिनकर, वीर रस की कविताओं के जरिए हासिल किया 'राष्ट्रकवि' का दर्जा

वीर रस से थे ओतप्रोत
दिनकर हिंदी साहित्य के छायावाद काल के बाद कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे. उनकी रचनाओं में वीर रस का ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है. हिंदी भाषा की कविता के 9 अलग भाव रखे गए हैं. उनमें से एक है वीर रस. जिस भाव से उत्साह जागे उसे ही 'वीर रस' कहा जाता है. 'उर्वशी' को छोड़कर दिनकर की अधिकतर रचनाएं वीर रस से भरी हुई हैं.

Intro:एंकर-राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 111 वी जयंती पर बेगूसराय जिले में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं।डीएम अरविंद वर्मा और एसपी अवकाश कुमार जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के अलावे उनके पैतृक गांव पहुँचे और उनके पैतृक आवास का मुआयना कर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।
नोट-PTC अलग फ़ाइल से भेजी गई है।Body:बेगूसराय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 111 वीं जयंती पूरे धूमधाम से शहर से लेकर उनके पैतृक गांव सिमरिया तक मनाई जा रही है ।आज डीएम अरविंद कुमार वर्मा, एसपी अवकाश कुमार समेत जिले के वरिय अधिकारियों ने जीरो माइल चौक, सिमरिया गांव चौक, और उनके घर पर दिनकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया ।डीएम ने उनके घर और उनके जर्जर बैठका सह दलान का जायजा लिया। आज पूरे दिन अलग-अलग समारोह आयोजित किए गए हैं जिसमें ना सिर्फ दिनकर को याद किया जा रहा है बल्कि उनके साहित्य और कविताओं की चर्चा कर उससे प्रेरणा भी ली जा रही है।
बाइट- अरविंद कुमार वर्मा, डीएम बेगूसरायConclusion:निश्चित रूप से ये दिनकर को याद करने और उनके कृत्य के प्रति आभार प्रकट करने का सर्वोत्तम दिन हैं
Last Updated : Sep 23, 2019, 5:15 PM IST
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