बांका: जिले के अमरपुर प्रखंड के गांव में 4 प्रवासी मजदूरों की कोरोना रिपोर्ट पाॉजिटिव आई है. जिसके बाद से गांव में दहशत का माहौल है. कोरोना मरीज मिलने के बाद गांव को सील कर दिया गया है.
बता दें कि रविवार को कोरोना मरीज मिलने के बाद गांव को सील करने का काम शुरू हुआ जो कि सोमवार तक चला. गांव को सील करने के बाद बाहरी लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही उस एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही निगरानी के लिए दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की गई है.
जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की टीम बहाल
इसके अलावे गांव में लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए आशा और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की टीम बहाल की गई है. जो कि कोरोना मरीज के घर के आस-पास के 50 परिवारों की जांच करेगी. इसके अलावे उस मोहल्ले को सेनेटाइज किया जाएगा. वहीं पदाधिकारियों की टीम उस एरिया के लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूक करेगी.
खंगाली जा रही मजदूरों की ट्रैवल हिस्ट्री
बता दें कि कंटेनमेंट जोन में पर्यावेक्षकों को तैनात किया गया है. वहीं, सीओ सुनील कुमार साह, थानाध्यक्ष कुमार सनी, डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कोरोना मरीजों के गांव को सील कर सभी मरीज को लकडिकोला इंजीनियरिंग कॉलेज के आइसोलेशन सेंटर भेज दिया. साथ ही संक्रमित प्रवासी मजदूरों की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है.
लोगों ने जताई आपत्ति
ग्रामीणों ने संक्रमित प्रवासी मजदूरों के घर वाले के संपर्क सड़क को पूरी तरह से सील किए जाने पर आपत्ति जताई है. ग्रामीणों का कहना है कि जब जिला प्रशासन की ओर से गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है तो पूरे गांव को सील किया जाना चाहिए था. लेकिन गांव को सील करने के बजाय कुछ घरों को सील कर दिया गया है.