बांकाः बिहार में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. राज्य में आंकड़ा 15 हजार तो जिले में आंकड़ा 300 के पार चला गया है. इसके बावजूद शिक्षकों को स्कूल आने के लिए बाध्य होना पड़ा रहा है. इसे लेकर मानव संसाधन मंत्रालय ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 31 जुलाई तक स्कूल बंद रखने का आग्रह किया था.
चुनावी कार्य में लगे शिक्षक
मानव संसाधन मंत्रालय के पत्र के मुताबिक शिक्षकों और अन्य कर्मियों से घर पर रहकर ही कार्य निपटाने का आग्रह किया गया था. लेकिन बिहार सरकार इसे नहीं मान रही है. शिक्षकों को रोजाना कोरोना के भय के बीच स्कूल जाना पड़ रहा है. जिला प्रशासन की ओर से दर्जनों शिक्षकों को चुनावी कार्य में लगा दिया गया है.
भय के साए में आना पड़ रहा स्कूल
शिक्षक सहित एक दर्जन से अधिक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए सरकारी और गैर सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने सरकार से स्कूल बंद रखने का आग्रह किया है. शिक्षक संजीवन पासवान ने बताया कि भय के साए में रोजाना स्कूल आना पड़ रहा है.
नहीं हुआ कोई पत्र प्राप्त
मध्य विद्यालय जगतपुर के प्रधानाचार्य प्रतिभा श्याम सिंह ने बताया कि स्कूल बंद कराने को लेकर सरकार से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. शिक्षक कोरोना के बढ़ते मामले से परेशान हैं. सरकार से आग्रह है कि जब तक कोरोना की रोकथाम नहीं हो जाती, तब तक स्कूल बंद रखा जाए.
जिला प्रशासन अविलंब करे लॉकडाउन लागू
चमन साह सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य शैलेंद्र सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन को अविलंब लॉकडाउन लागू कर देना चाहिए. जिले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बांका शहरी क्षेत्र की स्थिति बेहद खराब हो गई है. यहां से रोजाना कोरोना के मामले आ रहे हैं. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जरूरी है. सरकार और जिला प्रशासन से प्रधानाचार्य ने उचित कदम उठाने का आग्रह किया है.