बांका: बिहार के बांका में चांदन नदी तट पर पुराने भवनों के अवशेषों का सर्वे (Survey on Chandan River Bank in Banka) आईआईटी कानपुर की टीम विगत कई दिनों से कर रही है. सर्वे टीम का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मल्लिक कर रहे हैं. अभी तक अवशेष स्थल से 1.5 किमी नदी में आगे बढ़कर 45/4 मीटर स्थल का सीमांकन कर जांच किया गया. जीपीआर मशीन और रेडियो तरंग के माध्यम से जमीन के अंदर छिपे भवनों के अवशेषों की खोज की जा रही है. जिससे अवशेष स्थल की खुदाई के समय किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
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फिलहाल सर्वे के लिए 1.5 किमी के एरिया चिह्निंत किया गया है. जिसमें 30/32 का ग्रेप बनाकर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मशीन (Ground Penetrating Radar Machine) से जांच कर पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि जमीन के अंदर कितनी दूर तक अवशेष स्थल फैला है. उसकी लंबाई और चौड़ाई कितनी है.
टीम के सदस्यों ने बताया कि आईआईटी कानपुर के द्वारा देश के कई हिस्सों में सर्वे किया गया. हाल ही में कौशाम्बी में हुए सर्वे के दौरान छोटे-छोटे सेल मिले थे. हालांकि टीम के सदस्य चांदन नदी तट पर सर्वे पर अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. टीम का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर जावेद मल्लिक के अनुसार सर्वे का थ्री डी करने के बाद ही फाइनल डिसिजन लिया जा सकता है.
फिलहाल बिहार सरकार के निर्देश पर भदरिया गांव स्थित चांदन नदी तट पर सर्वे कार्य किया जा रहा है. जो सात दिनों तक चलेगा. सर्वे कार्य समाप्त होने के बाद रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपी जायेगी. चांदन नदी तट पर किये जा रहे सर्वे कार्य से भदरिया गांव समेत आस पड़ोस के ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी की लहर देखी जा रही है.
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