बांका: सोहराय आदिवासियों के महत्वपूर्ण पर्व में से एक है. पांच दिनों तक चलने वाला यह पर्व भाई-बहन के प्रेम के अटूट रिश्ते को दर्शाता है. इस पर्व के मैके पर जिलेभर के आदिवासी समुदाय एकत्रित होकर सोहराय मिलन समारोह मनाते हैं.
जिले के रेलवे मैदान में आदिवासी समुदाय की ओर से लगातार 7वीं बार सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह का उद्घाटन विधायक स्वीटी सीमा हेमराम, पूर्व विधायक सोनेलाल हेंब्रम ने दीप जलाकर किया.
'प्रकृति की पूजा करते हैं आदिवासी समुदाय'
पूर्व विधायक सोनेलाल हेंब्रम ने बताया कि सोहराय लेकान पर्व आदिवासियों का सबसे मुख्य त्यौहार है. इसकी शुरुआत प्रकृति की पूजा से होती है, जिसमें पंच देवताओं की आराधना की जाती है. मुख्य रूप से अग्नि, पवन, जल, क्षितिज और वायु की पूजा होती है. बता दें कि आदिवासी 6 देवता की पूजा करते हैं. वहीं, दूसरे दिन गाय की पूजा होती है. इस पर्व पर बहनों को आमंत्रण किया जाता है. साथ ही घर को भी सजाया जाता है. आदिवासी लोग पारंपरिक नृत्य गान के साथ इस पर्व को मनाते हैं.
'भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व है सोहराय'
विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम ने बताया कि सोहराय मिलन समारोह के बहाने आदिवासी समुदाय एकत्रित होकर पर्व मनाते है. यह पर्व भाई बहन के रिश्ते का अटूट प्रेम को दर्शाने वाला है, जिसको पूरा देश और बिहार के लोग जानते हैं. साथ ही देश में यह संदेश देने के लिए की आदिवासियों की संस्कृति और इनको मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ही सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया जाता है.