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बांका : तुर्की गांव के ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय गौरीपुर स्थानांतरित करने का किया विरोध

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Published : Aug 27, 2019, 11:55 AM IST

सरकार के आदेश के अनुसार कोई भी विद्यालय बिना भवन के नहीं चल सकता. नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय गौरीपुर में स्थानांतरित कराए जाने का आदेश मिला. लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि विद्यालय तुर्की गांव में ही रहे.

विद्यालय के समायोजन का विरोध

बांका: जिले के चांदन प्रखंड के गौरीपुर पंचायत के तुर्की गांव में ग्रामीणों ने नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय गौरीपुर में स्थानांतरित करने का विरोध किया. ग्रामीणों ने विद्यालय को तुर्की गांव में ही चलाने का अनुरोध किया. तुर्की गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को एक साल पहले भवन निर्माण के लिए जमीन मिल चुकी है. लेकिन भवन निर्माण की राशि नहीं मिलने के कारण किसी दूसरे विद्यालय में शिफ्ट होना था. यह सूचना जैसी ही गांव के लोगों को मिली, उन्होंने इसका विरोध कर दिया.

बांका
विद्यालय के समायोजन का विरोध


प्रभारी प्रधानाध्यापक ने वरीय अधिकारी को दी सूचना
प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत प्रिंस प्रकाश वर्णवाल ने बताया कि विद्यालय का संचालन पांच सालों से ट्राइसम भवन में किया जा रहा है. लेकिन सरकार के आदेश के अनुसार कोई भी विद्यालय बिना भवन के नहीं चल सकता. नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय गौरीपुर में स्थानांतरित कराए जाने का आदेश मिला. लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि विद्यालय तुर्की गांव में ही रहे. उन्होंने कहा कि घटना की सूचना वरीय पदाधिकारियों को दे दिया गया है.

विद्यालय के समायोजन का विरोध


क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव के लोगों ने बताया कि बच्चों को बिना मध्यान भोजन के 5 साल से ट्राइसम भवन में पढ़ाई के लिए भेज रहे हैं. नवसृजित प्राथमिक विद्यालय के दोनों शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं. दूसरा विद्यालय घर से 2 किलोमीटर दूर है. 2 किलोमीटर दूर बच्चे कैसे पढ़ने जाएंगे. गांव के लोगों ने कहा कि बच्चों को दूर भेजने पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उन्होंने कहा कि विद्यालय तुर्की गांव में ही रहना चाहिए.

बांका
विद्यालय के समायोजन का विरोध

बांका: जिले के चांदन प्रखंड के गौरीपुर पंचायत के तुर्की गांव में ग्रामीणों ने नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय गौरीपुर में स्थानांतरित करने का विरोध किया. ग्रामीणों ने विद्यालय को तुर्की गांव में ही चलाने का अनुरोध किया. तुर्की गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को एक साल पहले भवन निर्माण के लिए जमीन मिल चुकी है. लेकिन भवन निर्माण की राशि नहीं मिलने के कारण किसी दूसरे विद्यालय में शिफ्ट होना था. यह सूचना जैसी ही गांव के लोगों को मिली, उन्होंने इसका विरोध कर दिया.

बांका
विद्यालय के समायोजन का विरोध


प्रभारी प्रधानाध्यापक ने वरीय अधिकारी को दी सूचना
प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत प्रिंस प्रकाश वर्णवाल ने बताया कि विद्यालय का संचालन पांच सालों से ट्राइसम भवन में किया जा रहा है. लेकिन सरकार के आदेश के अनुसार कोई भी विद्यालय बिना भवन के नहीं चल सकता. नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय गौरीपुर में स्थानांतरित कराए जाने का आदेश मिला. लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि विद्यालय तुर्की गांव में ही रहे. उन्होंने कहा कि घटना की सूचना वरीय पदाधिकारियों को दे दिया गया है.

विद्यालय के समायोजन का विरोध


क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव के लोगों ने बताया कि बच्चों को बिना मध्यान भोजन के 5 साल से ट्राइसम भवन में पढ़ाई के लिए भेज रहे हैं. नवसृजित प्राथमिक विद्यालय के दोनों शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं. दूसरा विद्यालय घर से 2 किलोमीटर दूर है. 2 किलोमीटर दूर बच्चे कैसे पढ़ने जाएंगे. गांव के लोगों ने कहा कि बच्चों को दूर भेजने पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उन्होंने कहा कि विद्यालय तुर्की गांव में ही रहना चाहिए.

बांका
विद्यालय के समायोजन का विरोध
Intro:एक साल पूर्व स्कूल के लिए जमीन का एनओसी होने के बाबजूद आज तक राशि के अभाव में विद्यालय नही बनने और पांच साल से बिना मध्यान्ह भोजन के चलने वाले विद्यालय को दो किलो मीटर दूर स्थित दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करने का ग्रामीणों ने किया विरोध।
Body:बांका जिले के चांदन प्रखंड के गौरीपुर पंचायत अंतर्गत तुर्की गांव में बीते पांच साल से ट्राइसम भवन में चलने वाले नवसृजित प्राथमिक विद्यालय को स्थानांतरित कर गौरीपुर मध्य विद्यालय में ले जाने का ग्रामीणों ने आज जमकर विरोध किया। यहां तक कि एक भी बच्चे को गौरीपुर नहीं भेजने की बात कह कर शिक्षकों से विद्यालय को पूर्व के स्थान पर चलाने का ही अनुरोध किया। जिसे कुछ घंटे तक तुर्की में हंगामा होता रहा। बाद में शिक्षकों द्वारा काफी समझाने बुझाने और वरीय पदाधिकारियों के इस संबंध में बात करने के बाद स्कूल का स्थानांतरण तत्काल नहीं किया गया। इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत प्रिंस प्रकाश वर्णवाल ने बताया कि तुर्की नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का संचालन बीते पांच बर्षो से तुर्की के ट्राइसम भवन में किया जा रहा था। जहां चार बड़े कमरे एक छोटे कमरे शौचालय एंव पानी की व्यवस्था है। जहां बच्चों को आने में कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन सरकारी आदेशानुसार कोई भी भवन विहीन विद्यालय नजदीक के ऐसे स्कूल में ले जाने का आदेश हुआ जहां भवन, पानी और शौचालय की समुचित व्यवस्था हो इसीलिए इस विद्यालय को गौरीपुर ले जाने की तैयारी चल रही थी ।लेकिन ग्रामीणों ने इसकी सूचना पर काफी हंगामा किया। उनकी मांग थी कि तुर्की से गौरीपुर जाने में 2 किलोमीटर पक्की सड़क से गुजरना पड़ता है जिस पर बहुत सारे छोटे-बड़े वाहन चलते हैं। और कभी भी छोटे बच्चों के साथ कोई दुर्घटना हो सकती है। इतना ही नही गौरीपुर विद्यालय में पूर्व से भुइयांडीह विद्यालय को टैग किया गया है। जिससे वहाँ कमरे की काफी कमी है।और बच्चे को बरामदे पर ही पढाई करना पड़ता है। इसलिए तुर्की में ही जल्द से जल्द स्कूल का निर्माण कराया जाए ।और तब तक जहां पूर्व से विद्यालय चल रहा है वही उसको चलने दिया जाए ।अन्यथा तुर्की के सभी हरिजन परिवार अपने बच्चों को विद्यालय भेजने में असमर्थ हैं। इस बात की सूचना विद्यालय प्रभारी द्वारा सभी पदाधिकारियों को दे दिया गया है।Conclusion:स्थानीय ग्रामीण सुखदेव दास गोपाल दास शंकरदास इत्यादि ने बताया कि अपने बच्चों को बिना मध्यान भोजन के 5 साल तक जिस ट्राइसम भवन में पढ़ाई के लिए भेज रहे हैं, वहां के दोनों शिक्षक हम लोगों के बच्चे को अच्छी तरह की शिक्षा दे रहा है। साथ ही उसमें कुल नामांकित 60 छात्रों में रोजाना 50 से अधिक छात्र उपस्थित होते हैं जबकि आदेश अनुसार जिस जगह पर अब बच्चों को ले जाया जा रहा है वह 2 किलोमीटर तक पक्की सड़क पर बच्चों को जाने से कभी भी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसलिए हम लोग अपने आवंटित जमीन पर स्कूल बनाने की मांग कर रहे हैं साथ ही साथ जहां स्कूल चल रहा है अभी स्कूल निर्माण होने तक वही रखने की भी प्रार्थना कर रहे हैं।
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