ETV Bharat / state

बांका: अफवाह के चलते ग्रामीण स्तर पर वैक्सीनेशन प्रभावित - वैक्सिनेशन

सरकार द्वारा कोरोना महामारी को पूरी तरह समाप्त करने के लिए गांव-गांव में लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए निर्देश दिया गया है. लेकिन वैक्सिनेशन में लक्ष्य के अनुरूप सफलता नहीं मिल रही है.

बांका
बांका
author img

By

Published : May 28, 2021, 4:42 PM IST

बांका(चांदन): कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार गांव-गांव तक 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को वैक्सीन देने के लिए मोबाइल टीम का गठन कर उन्हे गांव भेजा जा रहा है. जहां चिकित्सक, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को समझा कर वैक्सीन के लिए तैयार करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है. कुछ लोग वैक्सीन लेने के लिए तैयार हो जाते हैं. जबकि अधिकतर लोग वैक्सीनेशन(Vaccination) के लिए कोई न कोई बहाना बनाकर उसे लेने से इनकार कर देते हैं. इससे लक्ष्य के अनुरूप वैक्सीनेशन का काम पूरा नहीं हो पा रहा है.

ये भी पढ़ें- शेखपुराः जिले के 9 हजार से अधिक युवाओं को लगा टीका का पहला डोज

"गांव में काफी समझाने बुझाने के बाद भी काफी कम संख्या में लोग वैक्सीन लेने आते हैं. जिससे उनका लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है. इस प्रकार सरकार की यह योजना कैसे सफल होगी. इस पर विचार करना बहुत ही जरूरी है. वैक्सीनेशन के लिए सरकार को और भी कड़े कदम उठाने होंगे. जिससे हर व्यक्ति इस बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन ले सकें."- डॉ. भोलानाथ, चिकित्सक

झूठी अफवाह बना मुख्य कारण
अधिकतर गांव में झूठी अफवाह के कारण लोग वैक्सीन लेने में आनाकानी कर रहे हैं. खासकर अनपढ़, अशिक्षित महिलाओं में इस अफवाह का काफी असर देखा जा रहा है. कुछ लोग इसे मारने वाली दवा बता कर लेने से साफ इनकार कर देते हैं और कहते हैं कि जो इसे लिया है उसकी मौत हो गई है. जबकि ऐसी कोई भी बात कहीं से भी प्रमाणित स्तर पर नहीं कही जा रही है. चिकित्सकों के लाख समझाने के बावजूद ग्रामीण वैक्सीनेशन नहीं ले रहे हैं. जबकि एक विशेष समुदाय के लोग अपने आप को पूरी तरह इस वेक्सिनेशन से अलग रखे हुए हैं.

कैसे होगी लक्ष्य की प्राप्ति
वैक्सीन नहीं लेने का प्रभाव सीधे तौर पर आम लोगों को पड़ रहा है. जहां चिकित्सक गांव में जाकर वापस लौट रहे हैं. वहीं, कोरोना जैसी महामारी को रोकने में लगाए जा रहे सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं.

बांका(चांदन): कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार गांव-गांव तक 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को वैक्सीन देने के लिए मोबाइल टीम का गठन कर उन्हे गांव भेजा जा रहा है. जहां चिकित्सक, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को समझा कर वैक्सीन के लिए तैयार करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है. कुछ लोग वैक्सीन लेने के लिए तैयार हो जाते हैं. जबकि अधिकतर लोग वैक्सीनेशन(Vaccination) के लिए कोई न कोई बहाना बनाकर उसे लेने से इनकार कर देते हैं. इससे लक्ष्य के अनुरूप वैक्सीनेशन का काम पूरा नहीं हो पा रहा है.

ये भी पढ़ें- शेखपुराः जिले के 9 हजार से अधिक युवाओं को लगा टीका का पहला डोज

"गांव में काफी समझाने बुझाने के बाद भी काफी कम संख्या में लोग वैक्सीन लेने आते हैं. जिससे उनका लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है. इस प्रकार सरकार की यह योजना कैसे सफल होगी. इस पर विचार करना बहुत ही जरूरी है. वैक्सीनेशन के लिए सरकार को और भी कड़े कदम उठाने होंगे. जिससे हर व्यक्ति इस बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन ले सकें."- डॉ. भोलानाथ, चिकित्सक

झूठी अफवाह बना मुख्य कारण
अधिकतर गांव में झूठी अफवाह के कारण लोग वैक्सीन लेने में आनाकानी कर रहे हैं. खासकर अनपढ़, अशिक्षित महिलाओं में इस अफवाह का काफी असर देखा जा रहा है. कुछ लोग इसे मारने वाली दवा बता कर लेने से साफ इनकार कर देते हैं और कहते हैं कि जो इसे लिया है उसकी मौत हो गई है. जबकि ऐसी कोई भी बात कहीं से भी प्रमाणित स्तर पर नहीं कही जा रही है. चिकित्सकों के लाख समझाने के बावजूद ग्रामीण वैक्सीनेशन नहीं ले रहे हैं. जबकि एक विशेष समुदाय के लोग अपने आप को पूरी तरह इस वेक्सिनेशन से अलग रखे हुए हैं.

कैसे होगी लक्ष्य की प्राप्ति
वैक्सीन नहीं लेने का प्रभाव सीधे तौर पर आम लोगों को पड़ रहा है. जहां चिकित्सक गांव में जाकर वापस लौट रहे हैं. वहीं, कोरोना जैसी महामारी को रोकने में लगाए जा रहे सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.