बांका: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के प्रथम चरण कटोरिया सीट पर मतदान समाप्त हो चुका है. चुनाव समाप्त होने के साथ ही प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं में जीत हार की समीक्षा काफी तेज हो चुकी है. कटोरिया विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में वैसे तो पांच प्रत्याशी डटे थे. लेकिन मुख्य मुकाबला राजद प्रत्याशी सह निवर्तमान विधायक स्वीटी सीमा हेंब्रम और भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर ने निक्की हेंब्रम के बीच ही है.
वोटरों की गोलबंदी या हुई सेंधमारी
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कटोरिया सीट पर यादव और आदिवासी वोटों के गोलबंदी या सेंधमारी पर ही पूरी रिजल्ट निर्भर करेगा. मतदान के दूसरे ही दिन गुरुवार को दोनों प्रमुख प्रत्याशियों ने अपने-अपने कार्यकर्ताओं से आंकड़ा लेकर जीत-हार की समीक्षा की. कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने प्रस्तुत की जा रही रिपोर्ट से दोनों प्रत्याशियों के हौसले बुलंद हैं. वहीं कटोरिया और बौंसी प्रखंड के सभी चौक-चौराहों, चाय-पान दुकानों और गली-मुहल्लों में भी प्रत्याशियों के जीत-हार को लेकर कयास बाजी का दौर चलता रहा.
'बिहार में तेजस्वी की लहर'
निवर्तमान विधायक सह राजद प्रत्याशी स्वीटी सीमा हेंब्रम का दावा है कि इस बार जीत का आंकड़ा पिछले बार से दोगुना रहेगा. उन्होंने आदिवासी वोट और एम-वाई समीकरण की गोलबंदी को जीत का सबसे बड़ा आधार बताया. इसके साथ ही कहा कि पूरे बिहार में तेजस्वी लहर है. युवाओं में बदलाव का जुनून छाया हुआ है. कटोरिया सीट से फिर लालटेन का जलना तय है.
'कमल' खिलना तय है'
कटोरिया सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर निक्की हेंब्रम का दावा है कि इस बार कटोरिया सीट से कमल खिलना तय है. उन्होंने कहा कि जदयू के कैडर वोट के साथ-साथ झामुमो को मिलने वाला आदिवासी समुदाय का वोट भी उनके ही पक्ष में आया. इस बार जदयू सांसद गिरधारी यादव के आशीर्वाद को भी भाजपा प्रत्याशी जीत का आधार बता रही हैं.