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पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही, हंगामे के बाद जमा हुआ ऑफ लाइन राशन आवेदन - प्रखंड कार्यालय आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन

चांदन प्रखंड के पदाधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण 18 दिन के बजाय सिर्फ दो दिन आवेदन जमा लेने के कारण अंतिम दिन काफी हंगामा हुआ. हंगामे के बीच बड़ी संख्या में ऑफ लाइन आवेदन जमा हुए.

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पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही
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Published : Apr 5, 2021, 7:19 PM IST

बांका(चांदन): राशन कार्ड से वंचित लाभुकों के लिए सरकार द्वारा 18 मार्च से 5 अप्रैल तक प्रखंड कार्यालय आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन जमा करने की तारीख दी गई थी. इसके बावजूद चांदन प्रखंड के पदाधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण 18 दिन के बजाय सिर्फ दो दिन आवेदन जमा लेने के कारण अंतिम दिन काफी हंगामे के बीच बड़ी संख्या में ऑफ लाइन आवेदन जमा हुए.

18 मार्च से आवेदन जमा होने की जानकारी लोगों को नहीं देने के कारण यह स्थिति पैदा हुई. बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल को ईटीवी भारत की पहल पर लोगों को इस बात की जानकारी होते ही लाभुकों का हुजूम 3 अप्रैल को प्रखंड कार्यालय पहुंचना शुरू हो गया.

अंतिम दिन सोमवार सुबह 5 बजे से दस बजे तक 4 हजार से अधिक महिला, पुरुष, छोटे-छोटे बच्चों के साथ जमा होने लगे.

पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही

ये भी पढ़ें...ये लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए! राशन कार्ड बनवाने की होड़ में भूल गये सोशल डिस्टेंसिंग

अफवाह के बाद बढ़ा और हंगामा
भीड़ की स्थिति और तनावपूर्ण माहौल देख कर किसी ने यह अफवाह फैला दिया कि 10 बजे के बाद आवेदन जमा नहीं होगा. इसके बाद हंगामा और बढ़ गया. बाद में पुलिस को बुलाकर थानाध्यक्ष रविशंकर कुमार की पहल पर कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग से सभी लोगों का आवेदन जमा लेकर एक कमरे में रख लिया गया. जिसके बाद हंगामा कम हो गया और भीड़ धीरे-धीरे कम होने लगी.

ये भी पढ़ें...चांदन RTPS काउंटर पर कर्मियों की मनमानी, राशन कार्ड बनवाने में गरीब परिवारों को हो रही परेशानी

लापरवाही के कारण हंगामा
बताया जाता है कि कुछ पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारी के बावजूद उनके द्वारा अपने-अपने पंचायत के अपने समर्थकों का आवेदन लेकर उसे अपने आवास में जमा किया गया था. जिसे अंतिम तिथि को प्रखंड कार्यालय लाकर दे दिया जाना था.

इसमें पंचायत प्रतिनिधि के विरोधीयों का आवेदन नहीं लिया गया था. इस प्रकार हंगामे को और हवा देकर मामले को काफी तनावपूर्ण बना दिया गया था. इस हंगामे के बीच कोई भी पंचायत प्रतिनिधि वहां दिखाई नहीं दे रहा था. अगर समय पर यह आवेदन ले लिया जाता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती.

'सहयोग नहीं मिलने और कुछ तकनीकी गड़बड़ी के कारण आवेदन नहीं लिया जा सका था. लेकिन आज की भीड़ को देखते हुए कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग से सारा आवेदन ले लिया गया है और सभी को ऑनलाइन करा कर भेज दिया जाएगा.'- दुर्गा शंकर, बीडीओ

बांका(चांदन): राशन कार्ड से वंचित लाभुकों के लिए सरकार द्वारा 18 मार्च से 5 अप्रैल तक प्रखंड कार्यालय आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन जमा करने की तारीख दी गई थी. इसके बावजूद चांदन प्रखंड के पदाधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण 18 दिन के बजाय सिर्फ दो दिन आवेदन जमा लेने के कारण अंतिम दिन काफी हंगामे के बीच बड़ी संख्या में ऑफ लाइन आवेदन जमा हुए.

18 मार्च से आवेदन जमा होने की जानकारी लोगों को नहीं देने के कारण यह स्थिति पैदा हुई. बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल को ईटीवी भारत की पहल पर लोगों को इस बात की जानकारी होते ही लाभुकों का हुजूम 3 अप्रैल को प्रखंड कार्यालय पहुंचना शुरू हो गया.

अंतिम दिन सोमवार सुबह 5 बजे से दस बजे तक 4 हजार से अधिक महिला, पुरुष, छोटे-छोटे बच्चों के साथ जमा होने लगे.

पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही

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अफवाह के बाद बढ़ा और हंगामा
भीड़ की स्थिति और तनावपूर्ण माहौल देख कर किसी ने यह अफवाह फैला दिया कि 10 बजे के बाद आवेदन जमा नहीं होगा. इसके बाद हंगामा और बढ़ गया. बाद में पुलिस को बुलाकर थानाध्यक्ष रविशंकर कुमार की पहल पर कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग से सभी लोगों का आवेदन जमा लेकर एक कमरे में रख लिया गया. जिसके बाद हंगामा कम हो गया और भीड़ धीरे-धीरे कम होने लगी.

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लापरवाही के कारण हंगामा
बताया जाता है कि कुछ पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारी के बावजूद उनके द्वारा अपने-अपने पंचायत के अपने समर्थकों का आवेदन लेकर उसे अपने आवास में जमा किया गया था. जिसे अंतिम तिथि को प्रखंड कार्यालय लाकर दे दिया जाना था.

इसमें पंचायत प्रतिनिधि के विरोधीयों का आवेदन नहीं लिया गया था. इस प्रकार हंगामे को और हवा देकर मामले को काफी तनावपूर्ण बना दिया गया था. इस हंगामे के बीच कोई भी पंचायत प्रतिनिधि वहां दिखाई नहीं दे रहा था. अगर समय पर यह आवेदन ले लिया जाता तो आज यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती.

'सहयोग नहीं मिलने और कुछ तकनीकी गड़बड़ी के कारण आवेदन नहीं लिया जा सका था. लेकिन आज की भीड़ को देखते हुए कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग से सारा आवेदन ले लिया गया है और सभी को ऑनलाइन करा कर भेज दिया जाएगा.'- दुर्गा शंकर, बीडीओ

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