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चांदन नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही प्रभावित, जान जोखिम में डालकर पहुंच रहे लोग - ओवरलोड वाहनों का परिचालन

चांदन नदी पर नए सिरे से पुल बनाए जाने को लेकर जुलाई में टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव की वजह से पुल बनने में देरी होने की संभावना है.

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Published : Jun 17, 2020, 7:18 PM IST

बांकाः मानसून की पहली बारिश के साथ ही जिले में दर्जनों पुल और पुलिया धराशाई हो गई है. जिससे जिला से लेकर प्रखंड मुख्यालय आने जाने का रास्ता बंद हो गया है. लोग मजबूरन जान जोखिम में डालकर नदी, क्षतिग्रस्त पुल और डायवर्सन पार कर रहे हैं.

9 थाने का संपर्क कटा
जिला मुख्यालय से सटे चांदन नदी पर बना पुल बांका जिले का लाइफलाइन माना जाता है. जनवरी में ही पुल के धराशाई हो जाने से बिहार, बंगाल के साथ झारखंड से भी सीधा संपर्क समाप्त हो गया है. चार प्रखंड सहित 9 थाने का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.

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क्षतिग्रस्त पुल

नहीं है कोई वैकल्पिक रास्ता
दर्जनों गांव के लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बांका जाना पड़ता है. नदी में पानी बढ़ जाने की वजह से कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है. जिससे लोग क्षतिग्रस्त पुल से होकर ही बांका आवागमन के लिए मजबूर हैं.

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जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे लोग

खतरा मोल लेकर आवागमन को मजबूर लोग
शंकरपुर से आ रहे कृष्णानंद ने बताया कि कोर्ट में जरूरी काम है. इसलिए मजबूरन खतरा मोल लेकर बांका आना पड़ रहा है. खड़ीहारा से आकर जिला मुख्यालय में दुकान चलाने वाले मो. जुल्फिकार ने बताया कि बांका आए बगैर परिवार का गुजारा कर पाना मुश्किल है.

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परेशान लोग

पुल बनाने की मांग
मो.जुल्फिकार ने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द सरकार और जिला प्रशासन मिलकर चांदन नदी पर पुल या फिर डायवर्सन बनाए. ताकि बांका आने वाले लोगों को राहत मिले.

जनवरी से ही क्षतिग्रस्त है पुल
युवक समीर पंजियारा ने बताया कि धोरैया से बांका आने के लिए अतिरिक्त 40 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है. जनवरी में ही पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. यह इलाका बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल के विधानसभा क्षेत्र के अधीन आता है.

देखें रिपोर्ट

ओवरलोड वाहनों के परिचालन से क्षतिग्रस्त हुआ पुल
समीर पंजियारा ने कहा कि पुल के क्षतिग्रस्त होने की मुख्य वजह लगातार बालू उठाव और ओवरलोड वाहनों का परिचालन है. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार भी बालू संवेदक से मिली हुई है और उन्हें जन समस्या से कोई लेना-देना नहीं है.

पुल बनने में देरी होने की संभावना
चांदन नदी पर पुल बनाने को लेकर मांग जोर पकड़ता जा रहा है. लेकिन 6 महीने बीतने के बाद भी संशय बरकरार है. चांदन नदी पर नए सिरे से पुल बनाए जाने को लेकर जुलाई में टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव की वजह से पुल बनने में देरी होने की संभावना है.

5 करोड़ की लागत से बनेगा पुल
चांदन नदी पर 5 करोड़ से पुल और 2 करोड़ की लागत से डायवर्सन बनाया जाना है. लेकिन इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लगने का अनुमान है. जिससे लोगों को लंबे समय तक इस परेशानी से जूझने के लिए तैयार रहना होगा.

बांकाः मानसून की पहली बारिश के साथ ही जिले में दर्जनों पुल और पुलिया धराशाई हो गई है. जिससे जिला से लेकर प्रखंड मुख्यालय आने जाने का रास्ता बंद हो गया है. लोग मजबूरन जान जोखिम में डालकर नदी, क्षतिग्रस्त पुल और डायवर्सन पार कर रहे हैं.

9 थाने का संपर्क कटा
जिला मुख्यालय से सटे चांदन नदी पर बना पुल बांका जिले का लाइफलाइन माना जाता है. जनवरी में ही पुल के धराशाई हो जाने से बिहार, बंगाल के साथ झारखंड से भी सीधा संपर्क समाप्त हो गया है. चार प्रखंड सहित 9 थाने का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.

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क्षतिग्रस्त पुल

नहीं है कोई वैकल्पिक रास्ता
दर्जनों गांव के लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बांका जाना पड़ता है. नदी में पानी बढ़ जाने की वजह से कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है. जिससे लोग क्षतिग्रस्त पुल से होकर ही बांका आवागमन के लिए मजबूर हैं.

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जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे लोग

खतरा मोल लेकर आवागमन को मजबूर लोग
शंकरपुर से आ रहे कृष्णानंद ने बताया कि कोर्ट में जरूरी काम है. इसलिए मजबूरन खतरा मोल लेकर बांका आना पड़ रहा है. खड़ीहारा से आकर जिला मुख्यालय में दुकान चलाने वाले मो. जुल्फिकार ने बताया कि बांका आए बगैर परिवार का गुजारा कर पाना मुश्किल है.

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परेशान लोग

पुल बनाने की मांग
मो.जुल्फिकार ने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द सरकार और जिला प्रशासन मिलकर चांदन नदी पर पुल या फिर डायवर्सन बनाए. ताकि बांका आने वाले लोगों को राहत मिले.

जनवरी से ही क्षतिग्रस्त है पुल
युवक समीर पंजियारा ने बताया कि धोरैया से बांका आने के लिए अतिरिक्त 40 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है. जनवरी में ही पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. यह इलाका बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल के विधानसभा क्षेत्र के अधीन आता है.

देखें रिपोर्ट

ओवरलोड वाहनों के परिचालन से क्षतिग्रस्त हुआ पुल
समीर पंजियारा ने कहा कि पुल के क्षतिग्रस्त होने की मुख्य वजह लगातार बालू उठाव और ओवरलोड वाहनों का परिचालन है. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार भी बालू संवेदक से मिली हुई है और उन्हें जन समस्या से कोई लेना-देना नहीं है.

पुल बनने में देरी होने की संभावना
चांदन नदी पर पुल बनाने को लेकर मांग जोर पकड़ता जा रहा है. लेकिन 6 महीने बीतने के बाद भी संशय बरकरार है. चांदन नदी पर नए सिरे से पुल बनाए जाने को लेकर जुलाई में टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव की वजह से पुल बनने में देरी होने की संभावना है.

5 करोड़ की लागत से बनेगा पुल
चांदन नदी पर 5 करोड़ से पुल और 2 करोड़ की लागत से डायवर्सन बनाया जाना है. लेकिन इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लगने का अनुमान है. जिससे लोगों को लंबे समय तक इस परेशानी से जूझने के लिए तैयार रहना होगा.

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