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बेमानी है 'हर घर नल का जल' योजना! बांका के 680 वार्डों के लोग अब भी शुद्ध पेयजल से वंचित

बांका के मात्र 702 वार्डों में ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो पाई है. इसके अलावा जिले की बड़ी आबादी आज भी पेयजल के लिए आस लगाए बैठी है.

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Published : Jun 9, 2020, 4:06 PM IST

बांका: तपती गर्मी के बीच जिले में पेयजल का संकट गहराने लगा है. लगभग 25 लाख आबादी वाले इस जिले का एक बड़ा हिस्सा आज भी बूंद-बूंद को तरस रहा है. ग्रामीणों की मानें तो सरकार की 'हर घर नल का जल' योजना जिले में बेमानी है. यहां काम अधर में लटका हुआ है.

दरअसल, बांका की भौगोलिक संरचना जंगली और पठारी है. इस कारण यहां गर्मी के दिनों में कई इलाकों में पेयजल संकट गहरा जाता है. लगभग 25 लाख आबादी वाले इस जिले में पीएचइडी और पंचायती राज विभाग को 2 हजार 157 वार्डों में नल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल मुहैया कराना है. पीएचइडी विभाग ने 702 वार्डों में काम पूरा कर लोगों के घरों तक पानी पहुंचा दिया है. लेकिन, पेयजल संकट के इस दौर में पंचायत राज विभाग का 680 वार्डो में काम पूरा नहीं हो पाया है.

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अधर में लटका निर्माणकार्य

कई इलाकों में अब तक शुरू नहीं हुआ काम
प्रचंड गर्मी के इस मौसम में जिले की बड़ी आबादी नल जल योजना से वंचित हैं. लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए दूसरे रास्ते तलाशने पड़ रहे हैं. सैकड़ों गांवों में सारा ढांचा लगाने के बावजूद भी लोगों को पेयजल मयस्सर नहीं हो पा रहा है. वहीं, कई इलाकों में तो अब तक काम भी शुरू नहीं हो पाया है.

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पूरा नहीं हो पाया काम

पहाड़ी इलाकों में पेयजल की समस्या
जिला मुख्यालय से सटे झिरबा में लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. यही हालत मनड्डा, केमासार, छत्रपाल, डाड़ा, फुल्लीडुमर, बेलहर, चांदन, कटोरिया, बौंसी सहित अन्य पहाड़ी इलाकों की भी है. स्थानीय कुंदन कुमार बताते हैं कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजना का काम सही से शुरू नहीं हो पाया है. वहीं, अधिकलाल बगवे बताते हैं कि पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. अधिकारी आते तो हैं लेकिन, क्या जांच करते हैं इसका पता नहीं.

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लोगों को नहीं मिल रहा पानी

सरकारी बाबुओं के अपने दावे
पूरे मामले पर पंचायती राज पदाधिकारी रंजन चौधरी ने बताया कि 812 वार्डों में नल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य मिला है. इसके तहत लगभग 1 लाख 40 हजार से अधिक घरों को शुद्ध पेयजल के लिए कनेक्शन दिया जाना है. वर्तमान में 680 वार्डों में काम लगभग पूरा होने की स्थिति में है. इनके तहत लगभग 1 लाख 15 हजार घरों तक जल्द कनेक्शन दे दिया जाएगा ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके.

देखें पूरी रिपोर्ट

98 हजार घरों को मिल रहा शुद्ध पेयजल
वहीं, पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि 1 हजार 345 वार्डों में नल जल योजना के तहत कनेक्शन देने का लक्ष्य मिला है. मौजूदा समय में 702 वार्डों के 98 हजार घरों को कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जा रहा है. भूगर्भीय जलस्तर का औसत 28 फीट है. जिसमें कमी हुई थी उसमें सुधार हुआ है. गर्मी के दिनों में आपात स्थिति से निपटने के लिए विभाग 20 टैंकर तैयार मोड में रखा है. 1862 चापाकल की मरम्मत की गई है. आपदा के तहत 108 चापाकल लगाए गए हैं. विभाग पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है.

बांका: तपती गर्मी के बीच जिले में पेयजल का संकट गहराने लगा है. लगभग 25 लाख आबादी वाले इस जिले का एक बड़ा हिस्सा आज भी बूंद-बूंद को तरस रहा है. ग्रामीणों की मानें तो सरकार की 'हर घर नल का जल' योजना जिले में बेमानी है. यहां काम अधर में लटका हुआ है.

दरअसल, बांका की भौगोलिक संरचना जंगली और पठारी है. इस कारण यहां गर्मी के दिनों में कई इलाकों में पेयजल संकट गहरा जाता है. लगभग 25 लाख आबादी वाले इस जिले में पीएचइडी और पंचायती राज विभाग को 2 हजार 157 वार्डों में नल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल मुहैया कराना है. पीएचइडी विभाग ने 702 वार्डों में काम पूरा कर लोगों के घरों तक पानी पहुंचा दिया है. लेकिन, पेयजल संकट के इस दौर में पंचायत राज विभाग का 680 वार्डो में काम पूरा नहीं हो पाया है.

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अधर में लटका निर्माणकार्य

कई इलाकों में अब तक शुरू नहीं हुआ काम
प्रचंड गर्मी के इस मौसम में जिले की बड़ी आबादी नल जल योजना से वंचित हैं. लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए दूसरे रास्ते तलाशने पड़ रहे हैं. सैकड़ों गांवों में सारा ढांचा लगाने के बावजूद भी लोगों को पेयजल मयस्सर नहीं हो पा रहा है. वहीं, कई इलाकों में तो अब तक काम भी शुरू नहीं हो पाया है.

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पूरा नहीं हो पाया काम

पहाड़ी इलाकों में पेयजल की समस्या
जिला मुख्यालय से सटे झिरबा में लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. यही हालत मनड्डा, केमासार, छत्रपाल, डाड़ा, फुल्लीडुमर, बेलहर, चांदन, कटोरिया, बौंसी सहित अन्य पहाड़ी इलाकों की भी है. स्थानीय कुंदन कुमार बताते हैं कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजना का काम सही से शुरू नहीं हो पाया है. वहीं, अधिकलाल बगवे बताते हैं कि पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. अधिकारी आते तो हैं लेकिन, क्या जांच करते हैं इसका पता नहीं.

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लोगों को नहीं मिल रहा पानी

सरकारी बाबुओं के अपने दावे
पूरे मामले पर पंचायती राज पदाधिकारी रंजन चौधरी ने बताया कि 812 वार्डों में नल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य मिला है. इसके तहत लगभग 1 लाख 40 हजार से अधिक घरों को शुद्ध पेयजल के लिए कनेक्शन दिया जाना है. वर्तमान में 680 वार्डों में काम लगभग पूरा होने की स्थिति में है. इनके तहत लगभग 1 लाख 15 हजार घरों तक जल्द कनेक्शन दे दिया जाएगा ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके.

देखें पूरी रिपोर्ट

98 हजार घरों को मिल रहा शुद्ध पेयजल
वहीं, पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि 1 हजार 345 वार्डों में नल जल योजना के तहत कनेक्शन देने का लक्ष्य मिला है. मौजूदा समय में 702 वार्डों के 98 हजार घरों को कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जा रहा है. भूगर्भीय जलस्तर का औसत 28 फीट है. जिसमें कमी हुई थी उसमें सुधार हुआ है. गर्मी के दिनों में आपात स्थिति से निपटने के लिए विभाग 20 टैंकर तैयार मोड में रखा है. 1862 चापाकल की मरम्मत की गई है. आपदा के तहत 108 चापाकल लगाए गए हैं. विभाग पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है.

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