ETV Bharat / state

बांकाः नगर परिषद का विकास कार्य हुआ बेपटरी, 2 करोड़ से अधिक सरकारी कार्यालयों पर राजस्व बकाया

author img

By

Published : Jun 18, 2020, 1:29 PM IST

लॉकडाउन के दौरान राजस्व की वसूली नहीं हो पाने से बांका नगर परिषद का खजाना खाली हो चुका है. जिससे विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. सरकारी कार्यालयों पर 2 करोड़ से अधिक का राजस्व बकाया है, जो नगर परिषद के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. लॉकडाउन के दौरान पत्राचार के माध्यम से मात्र 10 लाख की सरकारी कार्यालयों से वसूली हो सकी है.

banka
banka

बांकाः किसी भी शहर के विकास का पैमाना उसके राजस्व पर निर्भर करता है. अगर राजस्व की वसूली समय पर ना हो तो सारे विकास कार्य में बेपटरी हो जाता है. यही स्थिति बांका नगर परिषद के साथ हुआ है. कोरोना संकट को लेकर लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से तीन महीने तक राजस्व की वसूली नहीं हो पाई. जिससे चल रहे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

वहीं, अनलॉक-1 में विकास कार्य शुरू किए गए हैं. लेकिन नगर परिषद का खजाना खाली रहने की वजह से मजदूरों को समय पर पैसे नहीं मिल पा रहे है. नगर परिषद कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक सरकारी कार्यालयों पर 2 करोड़ से अधिक का राजस्व बकाया है. सभी कार्यालयों को पत्राचार करने के बाद भी मात्र 10 लाख की राजस्व वसूली हो सकी.

स्वास्थ विभाग पर सर्वाधिक 52 लाख बकाया
बांका नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि सर्वाधिक राजस्व का बकाया सरकारी कार्यालयों पर है. जिसमें सबसे अधिक स्वास्थ्य विभाग पर 52 लाख बकाया है. शिक्षा विभाग पर 8 लाख 50 हजार, पुलिस महकमा के विभिन्न कार्यालयों पर 12 लाख, वन विभाग पर 18 लाख, बांका व्यवहार न्यायालय पर 6 लाख, प्रखंड कार्यालय पर 10 लाख, बांका थाना पर एक लाख, खनन विभाग पर 2 लाख, पोस्ट ऑफिस पर तीन लाख बकाया है. इसके अलावा दर्जनों ऐसे भी विभाग हैं, जिस पर 50 हजार से अधिक का राजस्व बकाया है.

देखें पूरी रिपोर्ट
लॉकडाउन में नगर भवन भी रहा खालीबता दें कि शहर का चंद्रशेखर सिंह नगर भवन भी नगर परिषद में राजस्व उगाही का अहम जरिया है. लेकिन लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की वजह से पिछले तीन माह से नगर भवन खाली पड़ा है. जिससे नगर परिषद को करीब दो लाख के राजस्व का नुकसान हुआ है. इसके अलावा सेक्शन मशीन, ट्रैक्टर और पानी टंकी भी किराए पर नहीं लगने से राजस्व नहीं मिल सका. जबकि लॉकडाउन से पूर्व अक्सर किसी कार्यक्रम व बैठक को लेकर चंद्रशेखर सिंह नगर भवन की बुकिंग होती रहती थी. लेकिन अनलॉक-1 में चंद्रशेखर सिंह नगर भवन की बुकिंग नहीं हो पा रही है.

बकाया राजस्व पर जून तक नहीं लेना है ब्याज
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान राजस्व वसूली काफी प्रभावित हुआ है. विभाग से प्राप्त आदेश के आधार पर अप्रैल तक किसी प्रकार का राजस्व पर ब्याज नहीं लेना था. उसे बढ़ाकर जून कर दिया गया. इस दौरान राजस्व वसूली नहीं हो पाई. सिर्फ कुछ सरकारी कार्यालयों से पत्राचार के माध्यम से वसूली हुई है. वहीं, उन्होंने कहा कि जो राजस्व बकाया रह गया है, आने वाले माह में वसूल करने का प्रयास किया जाएगा. सरकारी कार्यालयों को बकाया राशि के भुगतान के लिए नोटिस कर दिया गया. डीएम सुहर्ष भगत से भी आग्रह किया गया है कि अपने स्तर पर सरकारी कार्यालयों के अधिकारी को निर्देश दें, ताकि बकाया राशि की भुगतान कर सके.

बांकाः किसी भी शहर के विकास का पैमाना उसके राजस्व पर निर्भर करता है. अगर राजस्व की वसूली समय पर ना हो तो सारे विकास कार्य में बेपटरी हो जाता है. यही स्थिति बांका नगर परिषद के साथ हुआ है. कोरोना संकट को लेकर लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से तीन महीने तक राजस्व की वसूली नहीं हो पाई. जिससे चल रहे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

वहीं, अनलॉक-1 में विकास कार्य शुरू किए गए हैं. लेकिन नगर परिषद का खजाना खाली रहने की वजह से मजदूरों को समय पर पैसे नहीं मिल पा रहे है. नगर परिषद कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक सरकारी कार्यालयों पर 2 करोड़ से अधिक का राजस्व बकाया है. सभी कार्यालयों को पत्राचार करने के बाद भी मात्र 10 लाख की राजस्व वसूली हो सकी.

स्वास्थ विभाग पर सर्वाधिक 52 लाख बकाया
बांका नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि सर्वाधिक राजस्व का बकाया सरकारी कार्यालयों पर है. जिसमें सबसे अधिक स्वास्थ्य विभाग पर 52 लाख बकाया है. शिक्षा विभाग पर 8 लाख 50 हजार, पुलिस महकमा के विभिन्न कार्यालयों पर 12 लाख, वन विभाग पर 18 लाख, बांका व्यवहार न्यायालय पर 6 लाख, प्रखंड कार्यालय पर 10 लाख, बांका थाना पर एक लाख, खनन विभाग पर 2 लाख, पोस्ट ऑफिस पर तीन लाख बकाया है. इसके अलावा दर्जनों ऐसे भी विभाग हैं, जिस पर 50 हजार से अधिक का राजस्व बकाया है.

देखें पूरी रिपोर्ट
लॉकडाउन में नगर भवन भी रहा खालीबता दें कि शहर का चंद्रशेखर सिंह नगर भवन भी नगर परिषद में राजस्व उगाही का अहम जरिया है. लेकिन लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की वजह से पिछले तीन माह से नगर भवन खाली पड़ा है. जिससे नगर परिषद को करीब दो लाख के राजस्व का नुकसान हुआ है. इसके अलावा सेक्शन मशीन, ट्रैक्टर और पानी टंकी भी किराए पर नहीं लगने से राजस्व नहीं मिल सका. जबकि लॉकडाउन से पूर्व अक्सर किसी कार्यक्रम व बैठक को लेकर चंद्रशेखर सिंह नगर भवन की बुकिंग होती रहती थी. लेकिन अनलॉक-1 में चंद्रशेखर सिंह नगर भवन की बुकिंग नहीं हो पा रही है.

बकाया राजस्व पर जून तक नहीं लेना है ब्याज
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान राजस्व वसूली काफी प्रभावित हुआ है. विभाग से प्राप्त आदेश के आधार पर अप्रैल तक किसी प्रकार का राजस्व पर ब्याज नहीं लेना था. उसे बढ़ाकर जून कर दिया गया. इस दौरान राजस्व वसूली नहीं हो पाई. सिर्फ कुछ सरकारी कार्यालयों से पत्राचार के माध्यम से वसूली हुई है. वहीं, उन्होंने कहा कि जो राजस्व बकाया रह गया है, आने वाले माह में वसूल करने का प्रयास किया जाएगा. सरकारी कार्यालयों को बकाया राशि के भुगतान के लिए नोटिस कर दिया गया. डीएम सुहर्ष भगत से भी आग्रह किया गया है कि अपने स्तर पर सरकारी कार्यालयों के अधिकारी को निर्देश दें, ताकि बकाया राशि की भुगतान कर सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.