बांका: जिले में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. प्रतिदिन हजारों की संख्या में प्रवासी ट्रेन, बस, ट्रक और पैदल आदि से पहुंच रहे हैं. इनके लिए प्रशासन की तरफ से व्यवस्था की बात पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है. क्वारंटाइन केंद्र में रह रहे अधिक लोग अपने घरों के भोजन पर ही आश्रित हैं. साथ ही प्रवासी मजदूरों को बिना जांच के घर जाने दिया जा रहा है.
बांका जिले में अभी तक लगभग 21 हजार से अधिक कामगार आ चुके हैं. लेकिन कोरोना जांच के मामले में बांका काफी पीछे है. अभी तक 979 सैंपल को ही जांच के लिए भेजा गया है. इनमें 817 की जांच में 67 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं. अभी जिले में 62 एक्टिव मामले हैं. जिले में कई ऐसे क्वारंटाइन सेंटर हैं, जहां 14 दिन रहने के बाद भी प्रवासियों की जांच नहीं की गई. प्रवासी समय पूरा कर अपने घर भी चले गए. ये हाल लगभग सभी प्रखंडों में स्थित क्वारंटाइन केंद्रों का है. इससे ग्रामीणों में भी काफी दहशत में है.
व्यवस्था ठीक कराने का दिया आश्वासन
वहीं. सरकार के निर्देश के बाद भी कई क्वारंटाइन सेंटरों पर खामियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. पंचायत स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रहने वालों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. कई क्वारंटाइन सेंटरों में प्रवासी अपने घरों से भोजन मंगाकर खा रहे हैं. साथ ही ऐसे क्वारंटाइन सेंटर में बेड, शौचालय, पानी की खराब व्यवस्था को लेकर हंगामा भी हो चुका है. वहीं, गुरुवार को सांसद गिरिधारी यादव ने जिला के कई क्वारंटाइन सेंटरों का निरीक्षण किया. वहां की सभी व्यवस्था को जल्द ठीक कराने का आश्वासन दिया.