बांका : जिले के लकड़ी कोला पंचायत अंतर्गत महेशाडीह गांव के मनरेगा मजदूरों ने स्थानीय मुखिया और सीएसपी संचालक पर मिलीभगत कर अवैध तरीके से राशि निकासी कर लेने का आरोप लगाया है. गांव के 60 मनरेगा मजदूरों के खाते से राशि निकासी हुई है. लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से मनरेगा मजदूरों के खाते में 2 हजार 124 रुपए राशि भेजी गई थी. घरों की माली हालत सुधारने व खाद सामग्री खरीदारी के लिए कटेली मोड़ स्थित यूको बैंक से राशि निकासी के लिए मजदूर जब बैंक पहुंचे, तो मजदूरों को पता चला कि उसके खाते से गाढ़ी कमाई की सारी राशि निकाल ली गई है.
'मुखिया और सीएसपी संचालक ने की निकासी'
मनरेगा मजदूर भिखारी पासवान ने बताया कि लकड़ी कोला पंचायत के मुखिया निवास मंडल और जिरवा के सीएसपी संचालक दिवाकर मंडल ने कागज पर अंगूठे का निशान लेकर सारी राशि की निकासी कर ली है. दोनों ने मिलीभगत कर 62 मनरेगा मजदूरों के खाते से राशि निकासी की है. मुखिया और सीएसपी संचालक ने मिलकर किसी के खाते से 30 हजार तो किसी के खाते से 55 हजार की निकासी कर ली है. वहीं, मनरेगा मजदूर गुंजन कुमार ने बताया कि ककबारा स्थित यूको बैंक के ब्रांच पहुंचने पर शाखा प्रबंधक ने बताया कि खाते से पूरी राशि निकासी कर ली गई है. गुंजन ने बताया कि वह अपने खाते में रोजाना 10 रुपए जमा करता था. उसके खाते से 43 हजार की राशि की निकासी मुखिया और सीएसपी संचालक ने मिलीभगत कर निकाल लिया है.
'श्रम संसाधन विभाग से की गई है शिकायत'
मजदूरों ने बताया कि मुखिया और सीएसपी संचालक के द्वारा अवैध तरीके से राशि निकासी कर लिये जाने के बाद श्रम संसाधन विभाग से लेकर प्रमंडलीय आयुक्त एवं स्थानीय स्तर पर डीएम और डीडीसी से शिकायत की है. वहीं, डीडीसी रवि प्रकाश ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी तहकीकात कर मनरेगा मजदूरों के साथ हक मारी करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. किसी भी परिस्थिति में फर्जीवाड़ा करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे.