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लॉकडाउन इफेक्ट: कोरोना ने छीना रोजगार, छत्तीसगढ़ से 7 दिनों में बांका पहुंचे दो मजदूर

छत्तीसगढ़ में काम कर रहे बांका के दो मजदूर पैदल चलकर अपने गांव लौटे हैं. इसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें गांव में घुसने के बजाय पहले कोरोना जांच कराने के लिए अस्पताल भेज दिया.

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Published : Apr 7, 2020, 12:32 PM IST

बांका: लॉक डाउन के कारण मजदूरों का पलायन जारी है. बेबस मजदूर भूख के कारण अपने घर लौट रहे हैं. ताजा मामला जिले के रजौना प्रखंड का है. जहां काम के लिए छत्तीसगढ़ गए दो युवक सात दिन बाद बांका अपने घर लौटा है. बताया जाता है कि लॉक डाउन की वजह से उन्हें काम से निकाल दिया गया था. जिसके बाद भूख की तड़प ने उन्हें अपने गांव खींच लाई. हालांकि ग्रामीणों ने गांव में घुसने से पहले दोनों को कोरोना जांच कराने की सलाह दी.

हिम्मत और हौसले के साथ 31 मार्च को रेलवे पटरी के साथ चलते हुए 1075 किलोमीटर की यात्रा सात दिनों में पूरा कर अपने गांव पहुंच गया. दोनों के हौसले को देख गांव वालों ने जहां उसका सम्मान किया. वहीं, पंचायत समिति सदस्य विपुला देवी और शिवमणि वेलफेयर एजुकेशनल सोसायटी सचिव शिवपूजन सिंह उस गांव में सैनिटाइजेशन, साबुन, मास्क आदि वितरण के लिए गए. इस दौरान दोनों युवकों को गांव में प्रवेश नहीं दिया गया. बताया जाता है कि दोनों युवकों को जांच के लिए पीएचसी भेज दिया दया है.

पैदल घर लौट रहे मजदूर
बता दें कि देश मं लॉक डाउन की वजह से गरीब और बाहर काम कर रहे मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है. जिसकी वजह से मजदूर अपने घर वापस लौट रहे हैं. ऐसे में सड़कों पर न तो गाड़ी चल रही है और न ही कोई परिचालन की सुविधा मौजूद है. ऐसे में मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए जा रहे हैं.

बांका: लॉक डाउन के कारण मजदूरों का पलायन जारी है. बेबस मजदूर भूख के कारण अपने घर लौट रहे हैं. ताजा मामला जिले के रजौना प्रखंड का है. जहां काम के लिए छत्तीसगढ़ गए दो युवक सात दिन बाद बांका अपने घर लौटा है. बताया जाता है कि लॉक डाउन की वजह से उन्हें काम से निकाल दिया गया था. जिसके बाद भूख की तड़प ने उन्हें अपने गांव खींच लाई. हालांकि ग्रामीणों ने गांव में घुसने से पहले दोनों को कोरोना जांच कराने की सलाह दी.

हिम्मत और हौसले के साथ 31 मार्च को रेलवे पटरी के साथ चलते हुए 1075 किलोमीटर की यात्रा सात दिनों में पूरा कर अपने गांव पहुंच गया. दोनों के हौसले को देख गांव वालों ने जहां उसका सम्मान किया. वहीं, पंचायत समिति सदस्य विपुला देवी और शिवमणि वेलफेयर एजुकेशनल सोसायटी सचिव शिवपूजन सिंह उस गांव में सैनिटाइजेशन, साबुन, मास्क आदि वितरण के लिए गए. इस दौरान दोनों युवकों को गांव में प्रवेश नहीं दिया गया. बताया जाता है कि दोनों युवकों को जांच के लिए पीएचसी भेज दिया दया है.

पैदल घर लौट रहे मजदूर
बता दें कि देश मं लॉक डाउन की वजह से गरीब और बाहर काम कर रहे मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है. जिसकी वजह से मजदूर अपने घर वापस लौट रहे हैं. ऐसे में सड़कों पर न तो गाड़ी चल रही है और न ही कोई परिचालन की सुविधा मौजूद है. ऐसे में मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए जा रहे हैं.

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