बांका: बिहार के बांका (Banka News) जिले के अमरपुर के भदरिया गांव के समीप चांदन नदी में पिछले वर्ष कुषाण कालीन भवन के अवशेष की जांच करने आईआईटी कानपुर की टीम भदरिया पंहुच गयी है. 7 सदस्यीय टीम ने शुक्रवार ((IIT Team Reached Amarpur ) से ही चांदन नदी के तट पर मिले पुराने भवनों के अवशेषों का प्रोफेसर जावेद मल्लिक के नेतृत्व में सर्वे का कार्य तेजी किया जा रहा है.
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प्रोफेसर जावेद मल्लिक से मिली जानकारी के अनुसार ग्राउण्ड पेनिटेरेरिंग रडार से फिलहाल की स्थल की जांच की जा रही है. जिससे कि यह पता किया जा रहा है कि अवशेष जमीन के अंदर कितनी दूर तक फैला हुआ है. उसकी लंबाई -चौड़ाई क्या है. जांच के लिए फिलहाल 1.5 किमी के एरिया को चिह्नित किया गया है. थ्री डाइमेन्सन करने के बाद ही पूर्ण रूप से ही पुख्ता प्रमाण दिया जायेगा. 7 दिनों तक सर्वे करने के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दिया जायेगा.
बताते चलें पिछले वर्ष 20 नवंबर को छठ घाट बनाने के दौरान में ग्रामीणों को पुराने भवन के अवशेष मिले थे. देखते ही देखते यह बात आस पड़ोस के साथ -साथ अन्य जिलों में फैल गयी. सूचना मिलने पर पटना पुरातत्व विभाग की टीम, भागलपुर पुरातत्व विभाग की टीम चांदन नदी पर पहुंच कर मिले अवशेषों का निरीक्षण कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दिया था. सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 दिसंबर 2020 को भदरिया गांव पहुंच कर मिले पुराने भवनों के अवशेषों का अवलोकन कर स्थल की खुदाई के लिए नदी की धार को मोड़ने का निर्देश दिया.
बिहार सरकार के निर्देश पर करोड़ों रूपया खर्च कर नदी में बांध निर्माण कर नदी की धार को मोड़ दिया गया. आज विगत तीन दिनों से आईआईटी टीम के सदस्यों द्वारा किये जा रहे सर्वे से भदरिया गांव समेत आस पड़ोस के ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी की लहर देखी जा रही है. साथ ही 30/32 का ग्रेप बनाकर जांच किया जा रहा है. सर्वे टीम में पीएचडी स्टूडेन्ट ईंशांत श्रीवास्तव, नयन शर्मा, मास्टर आशीफ अली, देवेन्द्र सैनी, रवि जोशी समेत 7 लोग शामिल हैं.
मौके पर ग्रामीण सह समाजसेवी आनंद कुमार ने बताया कि पुर्वजों से मिली जानकारी के अनुसार महात्मा बुद्ध की परम शिष्या विशाखा की जन्म स्थली भदरिया गांव ही है. महात्मा बुद्ध अपने प्रथम व परम शिष्या विशाखा से मिलने भदरिया गांव आये थे. जहां अपने शिष्यों के साथ कई माह भदरिया गांव में निवास किये थे. उन्होंने बताया कि आज सर्वे करने से ग्रामीणों में एक आस जगी है कि शायद अब भदरिया गांव पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो जायेगी.
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बता दें कि पिछले साल जिले के अमरपुर प्रखंड स्थित भदरिया गांव के समीप चांदन नदी के बीचो-बीच लगभग दो हजार वर्ष पुराना भवनों के अवशेष मिलने से इलाके में कौतूहल का विषय बना हुआ था. इस अवशेष को देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंच रहे थे. लगभग 50 फीट के क्षेत्रफल में भवनों का अवशेष मिला है. उसकी ईंट की लंबाई 18 इंच और चौड़ाई 9 इंच है. जबकि ईंट ढाई इंची मोटा है. मुख्यमंत्री भी उत्साहित होकर खुद 12 दिसंबर 20 को भदरिया पंहुचे थे. अधिकारियों की सलाह पर मुख्यमंत्री ने नदी की धारा बदलने का निर्देश दिया था, जल्द ही नदी की धारा बदल दी गई. अब आईआईटी की टीम के पुनः जांच शुरू करने से स्थानीय लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है.
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