बांका: झारखंड सरकार ने इस वर्ष श्रावणी मेला पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद भी सुल्तानगंज से जल भरकर कांवरियों का जत्था दुम्मा बॉर्डर पहुंच रहा है. मंदिर जाने की अनुमति नहीं मिलने पर कांवरिया दुम्मा बॉर्डर पर ही जल अर्पित कर वापस लौट जा रहे हैं. वहीं कांवरियों के जत्थे को रोकने के लिए बिहार और झारखंड दोनों की पुलिस बॉर्डर पर तैनात हैं.
श्रावणी मेला पर लगाई गई रोक
कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए इस बार श्रावणी मेला पर रोक लगा दी गयी है. इसे लेकर बिहार-झारखंड सीमा के दुम्मा बॉर्डर पर सूचना पट भी लगा दी गई है. इसके साथ ही सीमा को पूरे तरीके से सील कर दिया गया है. सीमा पर बिहार के साथ-साथ झारखंड पुलिस की भी तैनाती कर दी गई है. इसके साथ ही आने-जाने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है और साथ ही उनका नाम और पता नोट किया जा रहा है. वाहनों की सघन जांच के बाद ही आने-जाने की अनुमति दी जा रही है.
कांवरियों ने दुम्मा बॉर्डर पर जल किया अर्पित
जिले क्षेत्र के बाबू टोला निवासी रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि सुल्तानगंज से जल भरकर पैदल दुम्मा बॉर्डर पहुंचे. जहां से आगे जाने की पुलिस ने अनुमति नहीं दी. इसकी वजह से दुम्मा बॉर्डर पर ही जल अर्पित कर दिया. इसके साथ ही वहां तैनात जवानों का कहना था कि इधर लॉकडाउन लागू है, इसलिए जाने की अनुमति नहीं है.
पैदल घर जाने को मजबूर
कांवरिया राजकिशोर दास ने बताया कि दुम्मा बॉर्डर पर पता चला कि इस बार बाबा को जल चढ़ाने के लिए रोक दी गयी है. इसकी वजह से दुम्मा बॉर्डर पर ही जल अर्पित कर दिया. घर जाने के लिए वाहन नहीं मिल पा रहा है, जिससे मजबूरन पैदल ही घर जाना पड़ रहा है.
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लिया गया निर्णय
दुम्मा बॉर्डर पर तैनात देवघर के अवर निरीक्षक कुंदन कुमार ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए श्रावणी मेला पर रोक लगा दी गई है. देवघर की सीमा में कोई प्रवेश न कर सके, इसके लिए बॉर्डर को सील कर दिया गया है. इसके साथ ही पुलिस जवानों की तैनाती की गई है और चौकसी बढ़ा दी गई है. सुल्तानगंज से जल लेकर आने वाले लोगों को यहीं से लौटा दिया जा रहा है.