बांका: जिले के धोरैया थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जीएनएम व एएनएम की लापरवाही से एक महिला की जान पर बन आई. धाेरैया के गचिया गांव निवासी महिला सावित्री देवी का बीपी लाे हाे गया था. सुदर्शन कुमार झा अपनी मां काे इलाज के लिए धाेरैया अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां कार्यरत जीएनएम बिमला देवी और अन्य एक एएनएम ने बिना जांच किए ही एक्सपायरी डेट वाला स्लाइन चढ़ाने लगी. महिला काे एक्सपायर स्लाइन चढ़ाया जाने लगा तब महिला के पुत्र ने विराेध किया तब जाकर कहीं एनएम को होश आया और उसके बाद स्लाइन चढ़ाना बंद किया.
यह भी पढ़ें- बांका में कोविड से मौत के बाद क्षेत्र एवं प्रशासन में दहशत
सुदर्शन कुमार ने कहा "मैंने मां काे चढ़ाए जा रहे स्लाइन की बाेतल पर एक्सपायरी डेट देखा ताे पता चला कि वह फरवरी 2021 में ही एक्सपायर हो चुका था. मैंने बताया तो जीएनएम बिमला देवी बोली कि कंपनी वाले पागल हैं, जो एक्सपायरी डेट लिख देते हैं. हमलोग यही स्लाईन गर्भवती महिला को भी चढ़ाते हैं. स्लाइन के पानी का रंग जब तक बदल नहीं जाता या पानी में बुलबुला नहीं हो जाता तब तक यह पानी चढ़ाया जा सकता है. कंपनी के लिख देने से स्लाइन एक्सपायर थोड़े हो जाता है. उसके बाद मैंने स्लाइन वाले बोतल की फोटो खींचना शुरू किया तो आनन-फानन में अस्पताल कर्मी मिलकर दूसरे रूम में रखे नए स्लाईन की बोतल लाकर स्टोर रूम में रखने लगी. उसपर जून माह का एक्सपायरी डेट लिखा हुआ था. पहले से रखे सभी स्लाइन बोतल को स्टोर रूम से हटा लिया गया."
पीएचसी प्रभारी ने जांच कर कार्रवाई का दिया भरोसा
तमाम घटनाक्रम के बाद अब सीधा सवाल अस्पताल की व्यवस्था पर उठने लगा है. किस प्रकार इमरजेंसी स्टोर तक एक्सपायरी स्लाइन पहुंची और क्यों इसकी जांच नहीं की गई? सवाल यह भी उठता है कि क्या अस्पताल में तैनात जीएनएम स्लाइन बनाने वाली कंपनियों से ज्यादा जानकारी रखती है, जो इस प्रकार से गैर जिम्मेदारा तरीके से बात करती है?
"एक्सपायर डेट का स्लाईन चढ़ाये जाने की सूचना मिली है. संबंधित जीएनएम और एएनएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जांच की जा रही है कि किस लेबल से गलती हुई है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी."- मनेष कुमार पोद्दार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धोरैया
यह भी पढ़ें- बांका में 185 ग्रामीण सड़कों को बनाने का प्रस्ताव पारित