ETV Bharat / state

बांका: चमकी बुखार ने ली एक और मासूम की जान, नहीं सुधर रही अस्पताल की हालत - Death due to aes in banka

उत्तर बिहार में एईएस यानि चमकी बुखार से बच्चों की लगातार मौतें हुई है. केवल उत्तर बिहार में अब तक 189 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का तेजी से शिकार हो होते हैं.

रोते परिजन
author img

By

Published : Aug 28, 2019, 3:35 PM IST

बांका: चमकी बुखार के कहर से जिले में अब तक एक दर्जन से ज्यादा बच्चे काल की गाल में समा चुके हैं. इतनी मौत के बाद भी जिले के अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. एक बार फिर चांदन प्रखंड के कुसुमजोरी पंचायत अंतर्गत फत्तेहपुर गांव के जूही की चमकी बुखार से मौत हो गयी. अरविंद यादव की 6 साल की पुत्री जूही कुमारी को अचानक तेज बुखार हुआ था. जिसे तत्काल चांदन अस्पताल लाया गया. जहां उसकी हालत नाजुक देख उसे रेफर कर दिया गया. जब परिवार के लोग बच्ची को लेकर पटना जा रहे थे. इसी बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.

बांका
रोते परिजन

12 मौतों के बाद भी अस्पताल की व्यवस्था लचर
चमकी बुखार का प्रकोप पूरे प्रदेश के लिए चिंता का सबब है. राज्य में अब तक सैंकड़ो बच्चों की जान जा चुकी है. बांका जिले में ही 12 बच्चों की चमकी बुखार से मौत हो चुकी है, लेकिन अस्पतालों की हालत जस की तस बनी हुई है. चमकी बुखार के मरीज जब जिले के अस्पतालों में जाते हैं तो उन्हें रेफर कर दिया जाता है. ऐसा ही जूही के साथ हुआ. जूही को भी प्रखंड अस्पताल चांदन से रेफर कर दिया गया.

बांका
बच्चों के इलाज के दौरान परिजन

राज्य में अब तक सैंकड़ों मौत
उत्तर बिहार में एईएस यानि चमकी बुखार से बच्चों की लगातार मौतें हुई है. केवल उत्तर बिहार में अब तक 189 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का तेजी से शिकार हो होते हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.

बांका: चमकी बुखार के कहर से जिले में अब तक एक दर्जन से ज्यादा बच्चे काल की गाल में समा चुके हैं. इतनी मौत के बाद भी जिले के अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. एक बार फिर चांदन प्रखंड के कुसुमजोरी पंचायत अंतर्गत फत्तेहपुर गांव के जूही की चमकी बुखार से मौत हो गयी. अरविंद यादव की 6 साल की पुत्री जूही कुमारी को अचानक तेज बुखार हुआ था. जिसे तत्काल चांदन अस्पताल लाया गया. जहां उसकी हालत नाजुक देख उसे रेफर कर दिया गया. जब परिवार के लोग बच्ची को लेकर पटना जा रहे थे. इसी बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.

बांका
रोते परिजन

12 मौतों के बाद भी अस्पताल की व्यवस्था लचर
चमकी बुखार का प्रकोप पूरे प्रदेश के लिए चिंता का सबब है. राज्य में अब तक सैंकड़ो बच्चों की जान जा चुकी है. बांका जिले में ही 12 बच्चों की चमकी बुखार से मौत हो चुकी है, लेकिन अस्पतालों की हालत जस की तस बनी हुई है. चमकी बुखार के मरीज जब जिले के अस्पतालों में जाते हैं तो उन्हें रेफर कर दिया जाता है. ऐसा ही जूही के साथ हुआ. जूही को भी प्रखंड अस्पताल चांदन से रेफर कर दिया गया.

बांका
बच्चों के इलाज के दौरान परिजन

राज्य में अब तक सैंकड़ों मौत
उत्तर बिहार में एईएस यानि चमकी बुखार से बच्चों की लगातार मौतें हुई है. केवल उत्तर बिहार में अब तक 189 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का तेजी से शिकार हो होते हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.

Intro:बांका जिले में चमकी बुखार थमने का नाम नही ले रहा है।चाँदन के फत्तेहपुर में अरविंद यादव की 6 बर्ष की पुत्री जूही कुमारी की मौत चमकी से होने पर जिले में इस बीमारी से एक दर्जन का आंकड़ा पार हो चुका है।Body:बांका जिले के चाँदन प्रखंड के कुसुमजोरी पंचायत अंतर्गत फत्तेहपुर गांव में चमकी बुखार से एक बच्ची की मौत हो गयी है।जानकारी के अनुसार अरविंद यादव की 6 बर्ष की पुत्री जूही कुमारी को अचानक तेज बुखार हुआ,जिसे तत्काल चांदन अस्पताल लाया गया। जहाँ उसकी हालत नाजुक देख उसे देवघर रेफर कर दिया गया।वहां के चिकित्सक ने जांच के बाद जूही को चमकी बुखार बताकर पटना या रांची ले जाने की सलाह दिया।जब परिवार के लोग बच्ची को लेकर पटना जा रहे थे।तो रास्ते मे ही उसकी मौत हो गयी।जूही की मौत पर पूरे परिवार में कुहराम मच गया।जूही फत्तेहपु र विद्यालय में प्रथम वर्ग की छात्रा थी।जिसके मौत की खबर पर बुधवार को एक शोकसभा आयोजित किया गया।
Conclusion:इस चमकी बुखार का जिले भर के किसी अस्पताल में जांच एंव इलाज की कोई व्यवस्था नही होने से मौत का सिलसिला लगातार जारी है।इस बीमारी से अधिकतर बच्चे की मौत के कारण लोगो मे दहशत है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.