बांका: जिला के फास्ट ट्रैक कोर्ट में केके महथा की अदालत ने दोहरे हत्याकांड के एक पुराने मामले पर सुनवाई की. 25 साल पहले दोहरे हत्याकांड में शामिल 13 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है. साथ ही सभी अभियुक्तों पर 25-25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है. अदालत ने सुनवाई के दौरान छह को निर्दोष पाकर बरी कर दिया. मामला अमरपुर थाना क्षेत्र के धीमड़ा गांव का है. सभी आरोपी इसी गांव के हैं. इनमें मो. मुस्ताक, मो. जहांगीर, मो.नूर, मो.मुख्तार, मो.जमील, मो. इरशाद, मो.मोईन, मो. बिल्ला खां, मो. ननका, मो. रसीद, मो. चुन्ना, मो. हासिम और मो. नसीम खां शामिल हैं. इस कांड की प्राथमिकी गांव के मो. साबीर आलम ने दर्ज कराई थी.
आम के पेड़ को लेकर था विवाद
अभियोजन पक्ष की जानकारी के अनुसार गांव में कब्रिस्तान के पास आम का एक पेड़ था जिस पर मो. जब्बार और मो. मुनव्वर अली अपना हक जता रहे थे. इसे लेकर अक्सर विवाद होता था. 20 मई 1993 को ग्रामीणों ने इस विवाद को लेकर पंचायत बुलायी जिसमें पूरा गांव उपस्थित था. पेड़ पर दावा करने वाले दोनों व्यक्ति भी इस दौरान मौजूद थे.
आक्रोशित लोगों ने पीट-पीटकर की थी हत्या
पंचायत के दौरान भी दोनों ने पेड़ पर अपना दावा जारी रखा. इसी क्रम में कुछ ग्रामीणों से उनकी बकझक हो गई. आक्रोशित होकर पंचायत में जुटी भीड़ ने मो.जब्बार और मो.मुनव्वर अली की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी. मुनव्वर की मौत मौके पर हो गई जबकि जब्बार की मौत इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के दौरान हुई.
मामले में 13 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा
अदालत ने इस मामले में 9 गवाहों का पक्ष सुनने के बाद 13 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. फैसले के मुताबिक अर्थदंड में जमा राशि दोनों के परिजनों को दी जाएगी. इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी कृष्ण गोपाल पाठक और बचाव पक्ष से महेंद्र प्रसाद सिंह तथा आनंददेव चौधरी ने बहस में हिस्सा लिया।