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धान का बीज नहीं मिलने से अन्नदाता मायूस, बोले- समय पर नहीं हुई शुरुआत तो पिछड़ जाएगी खेती

रोहिणी नक्षत्र निकल जाने के बाद अन्नदाता बीज नहीं मिलने से परेशान हैं. लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो का दावा है कि किसानों को बीज की समस्या नहीं होगी. वो अच्छे तरीके से धान की खेती कर पाएंगे.

अन्नदाता मायूस
अन्नदाता मायूस
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Published : Jun 22, 2020, 10:06 AM IST

बांकाः परेशानियां किसानों का पीछा कभी नहीं छोड़ती. मानसून की दस्तक के बाद अच्छी बारिश तो हुई, लेकिन अब खेती के लिए बीज पर सवाल खड़ा हो गया. अन्नदाता धान रोपनी के लिए खेतों की जुताई में जुट गए हैं. लेकिन इन्हें बीज नहीं मिल पा रहा है. इनके सामने समस्या है कि ऐसे में खेती करें तो कैसे करें?

जिले में मानसून ने दस्तक दे दिया है. इस बार 96 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की जानी है. कृषि कार्यालय ने 2 हजार 200 क्विंटल बीज की मांग की है. अब तक मात्र 848 क्विंटल ही बीज मिल पाया है. कृषि कार्यालय के मुताबिक 121 क्विंटल का वितरण हुआ है. लेकिन किसानों का कहना है अब तक सरकार की ओर से बीज मुहैया नहीं कराया जा सका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

96 हजार हेक्टेयर धान की खेती का लक्ष्य
खेतों में लहलहाते मूंग की फसल के बीच किसानों ने खरीफ फसल की तैयारी भी शुरू कर दी है. जिले में छोटे-बड़े 3 लाख 50 हजार से अधिक किसान धान की खेती करते हैं. 96 हजार हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है. बीज बुआई के लिए किसानों ने खेतों की जुताई तो शुरू कर दी है, लेकिन जिस चीज की दरकार है वह किसानों को नहीं मिल पा रहा है.

खेत की जुताई में लगे किसान
खेत की जुताई में लगे किसान

'बारिश अच्छी हुई है लेकिन बीज नहीं'
सरकार किसानों को धान की खेती के लिए उन्नत किस्म का बीज मुहैया कराता है. लेकिन अब तक किसानों तक बीज नहीं पहुंच पाया है. जिससे किसानों में मायूसी के साथ-साथ खेती पिछड़ने का भी दर्द गहराने लगा है. किसान बबलू कुमार महतो बताते हैं कि रोहिणी नक्षत्र पार कर गया है. खेतों में बीज डालने का समय आ गया है. बारिश भी अच्छी हुई है. लेकिन बीज नहीं मिल पा रहा है.

स्थानीय लोग
स्थानीय लोग

'नहीं मिला बीज तो पिछड़ जाएगी खेती'
वहीं, एक अन्य किसान विनोद कुमार मंडल बताते हैं- किसान को हमेशा सरकारी उपेक्षा का दंश झेलना पड़ता है. सरकार कितना बीज मुहैया कराता है, इसका पता नहीं है. लेकिन किसानों तक बीज नहीं पहुंच पाता है. पिछले साल भी मौसम अनुकूल नहीं रहने से काफी नुकसान उठाना पड़ा था. अगर समय पर बीज नहीं मिला तो खेती पिछड़ जाएगी.

प्रखंडवार धान की खेती का लक्ष्य

  • अमरपुर में 9 हजार 859 हेक्टेयर
  • बांका में 8 हजार 302 हेक्टेयर
  • बाराहाट में 7 हजार 784 हेक्टेयर
  • बेलहर में 9 हजार 341हेक्टेयर
  • बौंसी में 8 हजार 303 हेक्टेयर
  • चांदन में 8 हजार 882 हेक्टेयर
  • धोरैया में 10 हजार 378 हेक्टेयर
  • फुल्लीडुमर में 5 हजार 708 हेक्टेयर
  • कटोरिया में 8 हजार 303 हेक्टेयर
  • रजौन में 9 हजार 341हेक्टेयर
  • शंभुगंज में 9 हजार 859 हेक्टेयर

'नहीं होगी किसानों को बीज की समस्या '
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि बांका जिले में खेती लेट से शुरू होती है. विभाग से 2 हाजर 200 क्विंटल धान के बीज की मांग की गई है. विभाग की ओर से 840 क्विंटल बीज मिला है. इसके अलावा निजी कंपनियों के बीच बाजार में उपलब्ध हैं. किसानों के बीच अब तक 121 क्विंटल बीज का वितरण किया जा चुका है. किसानों को बीज की समस्या नहीं होगी. किसान अच्छे तरीके से धान की खेती कर पाएंगे इसके लिए विभाग प्रयासरत है.

बीज के इंतजार में खेत
बीज के इंतजार में खेत

आधुनिक प्रणाली से खेती करने पर है जोर
कृषि पदाधिकारी ने ये भी बताया कि आधुनिक कृषि प्रणाली पर जोर दिया जा रहा है. संकर धान का 295 क्विंटल बिचड़ा वितरण का लक्ष्य रखा गया है. इस बार जिले में 922 एकड़ भूमि पर जीरो टिलेज मशीन से धान की खेती होगी. 664 किसानों को श्री विधि से और 672 किसानों को तनाव रोधी विधि से खेती करने के लिए चिन्हित किया गया है. किसानों को अनुदानित दर पर बीज मिलेगा. 302 एकड़ भूमि में पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान के बिचड़े की बुआई करने और मिनी किट योजना के तहत अनुदानित दर पर 1 हजार 42 क्विंटल बीज वितरण किए जाएंगे.

बांकाः परेशानियां किसानों का पीछा कभी नहीं छोड़ती. मानसून की दस्तक के बाद अच्छी बारिश तो हुई, लेकिन अब खेती के लिए बीज पर सवाल खड़ा हो गया. अन्नदाता धान रोपनी के लिए खेतों की जुताई में जुट गए हैं. लेकिन इन्हें बीज नहीं मिल पा रहा है. इनके सामने समस्या है कि ऐसे में खेती करें तो कैसे करें?

जिले में मानसून ने दस्तक दे दिया है. इस बार 96 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की जानी है. कृषि कार्यालय ने 2 हजार 200 क्विंटल बीज की मांग की है. अब तक मात्र 848 क्विंटल ही बीज मिल पाया है. कृषि कार्यालय के मुताबिक 121 क्विंटल का वितरण हुआ है. लेकिन किसानों का कहना है अब तक सरकार की ओर से बीज मुहैया नहीं कराया जा सका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

96 हजार हेक्टेयर धान की खेती का लक्ष्य
खेतों में लहलहाते मूंग की फसल के बीच किसानों ने खरीफ फसल की तैयारी भी शुरू कर दी है. जिले में छोटे-बड़े 3 लाख 50 हजार से अधिक किसान धान की खेती करते हैं. 96 हजार हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है. बीज बुआई के लिए किसानों ने खेतों की जुताई तो शुरू कर दी है, लेकिन जिस चीज की दरकार है वह किसानों को नहीं मिल पा रहा है.

खेत की जुताई में लगे किसान
खेत की जुताई में लगे किसान

'बारिश अच्छी हुई है लेकिन बीज नहीं'
सरकार किसानों को धान की खेती के लिए उन्नत किस्म का बीज मुहैया कराता है. लेकिन अब तक किसानों तक बीज नहीं पहुंच पाया है. जिससे किसानों में मायूसी के साथ-साथ खेती पिछड़ने का भी दर्द गहराने लगा है. किसान बबलू कुमार महतो बताते हैं कि रोहिणी नक्षत्र पार कर गया है. खेतों में बीज डालने का समय आ गया है. बारिश भी अच्छी हुई है. लेकिन बीज नहीं मिल पा रहा है.

स्थानीय लोग
स्थानीय लोग

'नहीं मिला बीज तो पिछड़ जाएगी खेती'
वहीं, एक अन्य किसान विनोद कुमार मंडल बताते हैं- किसान को हमेशा सरकारी उपेक्षा का दंश झेलना पड़ता है. सरकार कितना बीज मुहैया कराता है, इसका पता नहीं है. लेकिन किसानों तक बीज नहीं पहुंच पाता है. पिछले साल भी मौसम अनुकूल नहीं रहने से काफी नुकसान उठाना पड़ा था. अगर समय पर बीज नहीं मिला तो खेती पिछड़ जाएगी.

प्रखंडवार धान की खेती का लक्ष्य

  • अमरपुर में 9 हजार 859 हेक्टेयर
  • बांका में 8 हजार 302 हेक्टेयर
  • बाराहाट में 7 हजार 784 हेक्टेयर
  • बेलहर में 9 हजार 341हेक्टेयर
  • बौंसी में 8 हजार 303 हेक्टेयर
  • चांदन में 8 हजार 882 हेक्टेयर
  • धोरैया में 10 हजार 378 हेक्टेयर
  • फुल्लीडुमर में 5 हजार 708 हेक्टेयर
  • कटोरिया में 8 हजार 303 हेक्टेयर
  • रजौन में 9 हजार 341हेक्टेयर
  • शंभुगंज में 9 हजार 859 हेक्टेयर

'नहीं होगी किसानों को बीज की समस्या '
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि बांका जिले में खेती लेट से शुरू होती है. विभाग से 2 हाजर 200 क्विंटल धान के बीज की मांग की गई है. विभाग की ओर से 840 क्विंटल बीज मिला है. इसके अलावा निजी कंपनियों के बीच बाजार में उपलब्ध हैं. किसानों के बीच अब तक 121 क्विंटल बीज का वितरण किया जा चुका है. किसानों को बीज की समस्या नहीं होगी. किसान अच्छे तरीके से धान की खेती कर पाएंगे इसके लिए विभाग प्रयासरत है.

बीज के इंतजार में खेत
बीज के इंतजार में खेत

आधुनिक प्रणाली से खेती करने पर है जोर
कृषि पदाधिकारी ने ये भी बताया कि आधुनिक कृषि प्रणाली पर जोर दिया जा रहा है. संकर धान का 295 क्विंटल बिचड़ा वितरण का लक्ष्य रखा गया है. इस बार जिले में 922 एकड़ भूमि पर जीरो टिलेज मशीन से धान की खेती होगी. 664 किसानों को श्री विधि से और 672 किसानों को तनाव रोधी विधि से खेती करने के लिए चिन्हित किया गया है. किसानों को अनुदानित दर पर बीज मिलेगा. 302 एकड़ भूमि में पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान के बिचड़े की बुआई करने और मिनी किट योजना के तहत अनुदानित दर पर 1 हजार 42 क्विंटल बीज वितरण किए जाएंगे.

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