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बिहार विरासत समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा- पानी के नीचे है संरचना, खुदाई में होगी परेशानी - Digging difficulty

बांका जिले के अमरपुर प्रखंड स्थित भदरिया गांव में चांदन नदी में मिले अवशेषों पर बिहार विरासत विकास समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने कहा कि चांदन नदी में पानी के नीचे संरचना है. जिसकी खुदाई करने में परेशानी होगी. खुदाई के लिए विशेष रणनीति तैयार करने की जरूरत है.

बिहार विरासत विकास समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बीके चौधरी
बिहार विरासत विकास समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बीके चौधरी
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Published : Dec 12, 2020, 10:46 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 2:35 PM IST

बांका: बिहार विरासत समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बीके चौधरी ने बताया कि चांदन नदी में मिले अवशेष कुषाण काल से लेकर पाल काल के बीच के हो सकते हैं. कुषाण काल लगभग 2000 वर्ष पहले था.

खुदाई में मिले अवशेष
खुदाई में मिले अवशेष

पाल वंश का काल लगभग 1200 वर्ष पहले था. जो दल भदरिया गांव आया था, उन्होंने पकी हुई मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े जांच के लिए अपने साथ ले गए थे. बर्तनों के टुकड़े का जो अवलोकन किया गया है उससे लगता है कि ये स्थल ऐतिहासिक है.

चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष
चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष

'कुषाण से पाल काल के बीच के अवशेष'
बिहार विरासत समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बीके चौधरी ने बताया कि चांदन नदी के नीचे जो अवशेष दिख रहे हैं वो ऐतिहासिक है. ये अवशेष इतिहास के किस काल खंड के हैं इसका सटीक अंदाजा खुदाई के बाद चलेगा. लेकिन मोटा-मोटी यह कुषाण से लेकर पाल काल के बीच का हो सकता है.

चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष
चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष

'चांदन नदी में पानी के नीचे संरचना है. जिसकी खुदाई करने में परेशानी होगी. खुदाई के लिए विशेष रणनीति तैयार करने की जरूरत है'- बीके चौधरी, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, बिहार विरासत विकास समिति

चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष
चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष

'रणनीति तैयार कर करनी होगी खुदाई'
बिहार विरासत विकास समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बीके चौधरी ने बताया कि जो संरचना मिली है, वो पानी के नीचे है, इसलिए खुदाई करने में कठिनाई होगी. जब तक सूखी जमीन नहीं मिलती है तब तक खुदाई कर पाना काफी कठिन है.

चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष

जो खुदाई के तरीके अपनाए जाते हैं उसमें मुश्किल आ सकती है. इसके लिए कुछ सोचना पड़ेगा और नई तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. खुदाई के लिए एक रणनीति तैयार कर काम करना पड़ेगा.

बांका: बिहार विरासत समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बीके चौधरी ने बताया कि चांदन नदी में मिले अवशेष कुषाण काल से लेकर पाल काल के बीच के हो सकते हैं. कुषाण काल लगभग 2000 वर्ष पहले था.

खुदाई में मिले अवशेष
खुदाई में मिले अवशेष

पाल वंश का काल लगभग 1200 वर्ष पहले था. जो दल भदरिया गांव आया था, उन्होंने पकी हुई मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े जांच के लिए अपने साथ ले गए थे. बर्तनों के टुकड़े का जो अवलोकन किया गया है उससे लगता है कि ये स्थल ऐतिहासिक है.

चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष
चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष

'कुषाण से पाल काल के बीच के अवशेष'
बिहार विरासत समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बीके चौधरी ने बताया कि चांदन नदी के नीचे जो अवशेष दिख रहे हैं वो ऐतिहासिक है. ये अवशेष इतिहास के किस काल खंड के हैं इसका सटीक अंदाजा खुदाई के बाद चलेगा. लेकिन मोटा-मोटी यह कुषाण से लेकर पाल काल के बीच का हो सकता है.

चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष
चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष

'चांदन नदी में पानी के नीचे संरचना है. जिसकी खुदाई करने में परेशानी होगी. खुदाई के लिए विशेष रणनीति तैयार करने की जरूरत है'- बीके चौधरी, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, बिहार विरासत विकास समिति

चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष
चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष

'रणनीति तैयार कर करनी होगी खुदाई'
बिहार विरासत विकास समिति के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बीके चौधरी ने बताया कि जो संरचना मिली है, वो पानी के नीचे है, इसलिए खुदाई करने में कठिनाई होगी. जब तक सूखी जमीन नहीं मिलती है तब तक खुदाई कर पाना काफी कठिन है.

चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष

जो खुदाई के तरीके अपनाए जाते हैं उसमें मुश्किल आ सकती है. इसके लिए कुछ सोचना पड़ेगा और नई तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. खुदाई के लिए एक रणनीति तैयार कर काम करना पड़ेगा.

Last Updated : Dec 15, 2020, 2:35 PM IST
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