बांका: जिले के सदर अस्पताल में प्रसव कराने को लेकर दलालों का एक गिरोह सक्रिय है. इस गिरोह के सदस्य अस्पताल में प्रसव कराने पहुंचीं महिलाओं को बरगलाकर निजी क्लीनिक ले जाते है. इसके लिए दलालों को मोटी रकम भी दी जाती है.
ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने आया है. कृष्णा देवी नाम की एक महिला प्रसव के लिए मंगलवार को सदर अस्पताल पहुंची. कोविड टेस्ट के बाद महिला को अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर भेज दिया गया.
प्रलोभन देकर नर्सिंग होम करा दिया भर्ती
इतने में आशा कार्यकर्ता ममता ने महिला के परिजनों को सस्ते में निजी क्लीनिक में प्रसव कराने का प्रलोभन दिया और उसे लेकर शहर के लीलावती नर्सिंग होम पहुंच गई. जहां परिजनों से 40 हजार रुपए जमा करवाये गये. महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. दो घंटे तक तो सब कुछ ठीक रहा. अचानक नर्सिंग होम का कंपाउडर प्रसूता को वाहन में चढ़ाने लगा.
परिजनों ने उसे ले जाने का कारण पूछा तो वह धक्का देकर फरार हो गया. परिजनों का आरोप है कि प्रसूता की मौत हो गई है. शव को छिपाने के लिए लेकर वह फरार हो गया है. फिलहाल मामला टाउन थाना पहुंच गया है.
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सांठगांठ से चलता है नर्सिंग होम
शहर के विजय नगर स्थित लीलावती नर्सिंग होम सिंधु कुमारी सिन्हा नामक महिला संचालित करती है जो पहले एनआरसी में काम करती थी. लीलावती नर्सिंग होम जिले में रजिस्टर्ड है या नहीं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.
सिंधु कुमारी सिन्हा आशा और ममता कार्यकर्ताओं से सांठगांठ कर नर्सिंग होम चला रही थी. अस्पताल में प्रसव कराने पहुंचीं महिलाओं को बरगलाकर आशा और ममता कार्यकर्ता सिंधु कुमारी सिन्हा के पास पहुंचा देती थी. इसके एवज में उन्हें मोटी रकम दी जाती थी.
इसका खुलासा बुधवार को तब हुआ जब एक प्रसूता के गायब होने का मामला सामने आया. उसके परिजन हंगामा करने लगे. पीड़ित परिजनों ने टाउन थाना पहुंचकर मामले को लेकर आवेदन दिया है. टाउन थाना अध्यक्ष शंभुनाथ यादव ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.