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बांका में 'मीठा जहर' पीने को मजबूर हैं लोग, एक लाख की आबादी हो रही है प्रभावित - Amount of fluoride in water

पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि अमरपुर स्थित बिशनपुर पंचायत में 9 वार्ड फ्लोराइड से प्रभावित हैं. इसमें से 3 वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य चालू है. बाकी 6 वार्ड में निविदा निष्पादित कर कार्य प्रारंभ करने की दिशा में पहल की जा रही है.

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Published : Dec 26, 2019, 11:51 AM IST

बांका: पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोग विभिन्न प्रकार के विकृति के शिकार हो रहे हैं. जिले के 955 वार्ड फ्लोराइड युक्त पानी से प्रभावित हैं. जिसमें 474 वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जा रहा है. फ्लोराइड प्रभावित अब तक 54 हजार घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

एक लाख की आबादी प्रभावित
एक अनुमान के मुताबिक जिले में लगभग एक लाख की आबादी फ्लोराइड के जद में है. फ्लोराइड युक्त पानी यानी मीठा जहर पीकर लोगों की हड्डियां टेढ़ी हो जी हो जा रही हैं. साथ ही पेट संबंधी बीमारी भी फैलने लगी है. जिले में सबसे अधिक विकृति अमरपुर प्रखंड के बिशनपुर पंचायत स्थित सुपहा और रामनगर में देखने को मिल रहा है. फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित नहीं होने की वजह से यहां के लोग शुद्ध पेयजल से वंचित हैं.

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चापाकल का फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं लोग

मुख्य बिन्दु:

  • बांका जिले में एक लाख की आबादी फ्लोराइड से प्रभावित
  • जिले का 955 वार्ड फ्लोराइड से है प्रभावित
  • 474 वार्डों में लगाया जा चुका है फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट
  • अमरपुर के बिशनपुर पंचायत में 9 वार्ड है फ्लोराइड से प्रभावित
  • अमरपुर के सुपहा और रामनगर की स्थिति है बेहद खराब
  • फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोगों की हड्डियां हो रही है टेढ़ी
  • बढ़ रही है पेट संबंधी बीमारियां
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    घर के छतों पर लगा सोलर प्लेट

954 वाट फ्लोराइड से प्रभावित
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में 955 वार्ड फ्लोराइड से प्रभावित हैं, जिसमें से 474 वार्डों में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर उसे चालू कर दिया गया है. इसके माध्यम से लगभग 54,000 घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है, बाकी वार्डों में कार्य प्रगति पर है.

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फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट

सुपहा और रामनगर की स्थिति बेहद खराब
अमरपुर प्रखंड के बिशनपुर पंचायत स्थित रामनगर पूरी तरह से फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश है. इस वजह से यहां के लोगों की हड्डियां टेढ़ी हो रही हैं. लगातार फ्लोराइड युक्त पानी पीने से पेट संबंधी समस्या भी उत्पन्न होने लगी है. लोगों के पास वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण वे सभी सरकारी चापाकल का फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश है.

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फ्लोराइड युक्त पानी पीने से कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं लोग

हड्डियां हो रही टेढ़ी
सुपहा गांव के मनोरंजन कुमार सिंह और निर्मल कुमार सिंह ने बताया कि पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है. इससे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक की हड्डी में दर्द की शिकायत है. साथ ही पेट संबंधी बीमारी से लोग परेशान हैं. पानी में फ्लोराइड का पूरे एरिया में फैला हुआ है. सुपहा से सटे वार्ड 12 में दो-दो फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है, जबकि सुपहा वार्ड नंबर 8 में अब तक पेयजल मुहैया कराने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है.

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सुपहा गांव

बिशनपुर पंचायत के 9 वार्ड फ्लोराइड प्रभावित
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि अमरपुर स्थित बिशनपुर पंचायत में 9 वार्ड फ्लोराइड से प्रभावित हैं. इसमें से 3 वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य चालू है. बाकी 6 वार्ड में निविदा निष्पादित कर कार्य प्रारंभ करने की दिशा में पहल की जा रही है. हर वार्ड में ट्रीटमेंट यूनिट स्थापित कर फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट पर 30 लाख होता है खर्च
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने में लगभग 30 लाख की लागत आती है. लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है. जल्द ही प्रत्येक वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगा दिया जाएगा.

बांका: पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोग विभिन्न प्रकार के विकृति के शिकार हो रहे हैं. जिले के 955 वार्ड फ्लोराइड युक्त पानी से प्रभावित हैं. जिसमें 474 वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जा रहा है. फ्लोराइड प्रभावित अब तक 54 हजार घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

एक लाख की आबादी प्रभावित
एक अनुमान के मुताबिक जिले में लगभग एक लाख की आबादी फ्लोराइड के जद में है. फ्लोराइड युक्त पानी यानी मीठा जहर पीकर लोगों की हड्डियां टेढ़ी हो जी हो जा रही हैं. साथ ही पेट संबंधी बीमारी भी फैलने लगी है. जिले में सबसे अधिक विकृति अमरपुर प्रखंड के बिशनपुर पंचायत स्थित सुपहा और रामनगर में देखने को मिल रहा है. फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित नहीं होने की वजह से यहां के लोग शुद्ध पेयजल से वंचित हैं.

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चापाकल का फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं लोग

मुख्य बिन्दु:

  • बांका जिले में एक लाख की आबादी फ्लोराइड से प्रभावित
  • जिले का 955 वार्ड फ्लोराइड से है प्रभावित
  • 474 वार्डों में लगाया जा चुका है फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट
  • अमरपुर के बिशनपुर पंचायत में 9 वार्ड है फ्लोराइड से प्रभावित
  • अमरपुर के सुपहा और रामनगर की स्थिति है बेहद खराब
  • फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोगों की हड्डियां हो रही है टेढ़ी
  • बढ़ रही है पेट संबंधी बीमारियां
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    घर के छतों पर लगा सोलर प्लेट

954 वाट फ्लोराइड से प्रभावित
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में 955 वार्ड फ्लोराइड से प्रभावित हैं, जिसमें से 474 वार्डों में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर उसे चालू कर दिया गया है. इसके माध्यम से लगभग 54,000 घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है, बाकी वार्डों में कार्य प्रगति पर है.

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फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट

सुपहा और रामनगर की स्थिति बेहद खराब
अमरपुर प्रखंड के बिशनपुर पंचायत स्थित रामनगर पूरी तरह से फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश है. इस वजह से यहां के लोगों की हड्डियां टेढ़ी हो रही हैं. लगातार फ्लोराइड युक्त पानी पीने से पेट संबंधी समस्या भी उत्पन्न होने लगी है. लोगों के पास वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण वे सभी सरकारी चापाकल का फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश है.

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फ्लोराइड युक्त पानी पीने से कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं लोग

हड्डियां हो रही टेढ़ी
सुपहा गांव के मनोरंजन कुमार सिंह और निर्मल कुमार सिंह ने बताया कि पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है. इससे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक की हड्डी में दर्द की शिकायत है. साथ ही पेट संबंधी बीमारी से लोग परेशान हैं. पानी में फ्लोराइड का पूरे एरिया में फैला हुआ है. सुपहा से सटे वार्ड 12 में दो-दो फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है, जबकि सुपहा वार्ड नंबर 8 में अब तक पेयजल मुहैया कराने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है.

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सुपहा गांव

बिशनपुर पंचायत के 9 वार्ड फ्लोराइड प्रभावित
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि अमरपुर स्थित बिशनपुर पंचायत में 9 वार्ड फ्लोराइड से प्रभावित हैं. इसमें से 3 वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य चालू है. बाकी 6 वार्ड में निविदा निष्पादित कर कार्य प्रारंभ करने की दिशा में पहल की जा रही है. हर वार्ड में ट्रीटमेंट यूनिट स्थापित कर फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट पर 30 लाख होता है खर्च
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने में लगभग 30 लाख की लागत आती है. लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है. जल्द ही प्रत्येक वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगा दिया जाएगा.

Intro:जिले के 955 वार्ड फ्लोराइड युक्त पानी से प्रभावित है। जिसमें 474 वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। फ्लोराइड प्रभावित अब तक 54 हजार घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है।


Body:- बांका जिले में एक लाख की आबादी फ्लोराइड से प्रभावित

- फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोगों की हड्डियां हो जा रही है टेढ़ी

- पेट संबंधी बीमारी का भी बढ़ रहा है प्रकोप

- जिले का 955 वार्ड फ्लोराइड से है प्रभावित

- 474 वार्डों में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर कराया जा रहा है पेयजल मुहैया

- अमरपुर के बिशनपुर पंचायत में 9 वार्ड है फ्लोराइड से प्रभावित

- अमरपुर के सुपहा और रामनगर की स्थिति है बेहद खराब

- प्रति वार्ड फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर लोगों के घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने में 30 लाख की आती है लागत

बांका। पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने की वजह से जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोग विभिन्न प्रकार के विकृति का शिकार हो रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक जिले का लगभग एक लाख की आबादी फ्लोराइड के जद में है। फ्लोराइड युक्त पानी यानी मीठा जहर पीकर लोगों की हड्डियां टेढ़ी हो जी हो जा रही है और पेट संबंधी बीमारी भी फैलने लगी है। बचने के लिए लोग लकड़ी का खड़ाऊ तक पढ़ना शुरू कर दिया है। जिले में सबसे अधिक विकृति अमरपुर प्रखंड के बिशनपुर पंचायत स्थित सुपहा और रामनगर में देखने को मिल रहा है। फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित नहीं होने की वजह से यहां के लोग शुद्ध पेयजल से वंचित है। पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता डेविड चतुर्वेदी ने बताया कि जिले के 954 गांव फ्लोराइड युक्त पानी से प्रभावित है।

954 वाट फ्लोराइड से प्रभावित
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में 955 वार्ड क्लोराइड से प्रभावित है जिसमें 474 वार्डों में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर उसे चालू कर दिया गया है इसके माध्यम से लगभग 54000 घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है शेष वार्डों में कार्य प्रगति पर है।

सुपहा और रामनगर की स्थिति बेहद खराब
अमरपुर प्रखंड के विशनपुर पंचायत स्थित और रामनगर पूरी तरह से फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश है। जिस वजह से यहां के लोगों की हड्डियां टेढ़ी हो जा रही है और लगातार फ्लोराइड युक्त पानी पीने से पेट संबंधी समस्या भी उत्पन्न होने लगी है वैकल्पिक व्यवस्था नहीं रहने से सरकारी चापाकल का फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश है।

हड्डियां टेढ़ी हो जाने का मामला सर्वाधिक
सुपहा गांव के मनोरंजन कुमार सिंह एवं निर्मल कुमार सिंह ने बताया कि पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक के हड्डी में दर्द की शिकायत करते हैं। साथ ही पेट संबंधी बीमारी से लोग परेशान हैं। पानी में फ्लोराइड का पुरे एरिया में फैला हुआ है। सुपहा से सटे वार्ड 12 में दो-दो फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। जबकि सुपहा वार्ड नंबर 8 में अब तक पेयजल मुहैया कराने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था नहीं रहने से सरकारी चापाकल का फ्लोराइड युक्त पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

बिशनपुर पंचायत के 9 वार्ड फ्लोराइड प्रभावित
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेविड कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि अमरपुर स्थित बिशनपुर पंचायत में 9 वार्ड फ्लोराइड से प्रभावित है। जिसमें 3 वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य चालू है। शेष 6 वार्ड में निविदा निष्पादित कर कार्य प्रारंभ करने की दिशा में पहल की जा रही है। हर वार्ड में ट्रीटमेंट यूनिट स्थापित कर फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।


Conclusion:फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट पर 30 लाख होता है खर्च
पीएचडी के कार्यपालक अभियंता डेबिट कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। प्रत्येक वार्ड में फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर लोगों के घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने में 30 लाख की लागत आती है।

बाईट- मनोरंजन कुमार सिंह, ग्रामीण
बाईट- निर्मल कुमार सिंह, ग्रामीण
बाईट- डेविड कुमार चतुर्वेदी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी बांक
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