बांका: जिले में लेमनग्रास, खस और मधु मक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारी सुहर्ष भगत ने दो गांवों का निरीक्षण किया. डीएम ने बिरनिया गांव में लेमनग्रास और बाराहाट के परबत्ता गांव पहुंच कर मधुमक्खी प्लांट का जायजा लिया. उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी भी ली. उन्होंने जिले में इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने की बात कही.
काफी आशान्वित नजर आए डीएम
जिले के धोरैया प्रखंड के बिरनिया गांव में पहली बार किसी जिलाधिकारी के पहुंचने से ग्रामवासियों में काफी खुशी दिखी. डीएम सुहर्ष भगत इस गांव में प्रगतिशील किसान सुरेश चंद्र के नवाचारी क्षेत्र का हाल देखने पहुंचे. सुरेश चंद्र के करीब 5 एकड़ में लेमनग्रास और 3 एकड़ में खस की खेती देख डीएम जिले में इस तरह की खेती की संभावना पर काफी आशान्वित नजर आए.
एमबीए की पढ़ाई कर शुरू की खेती
किसान सुरेश ने बताया कि उसके बेटे राजेश ने चेन्नई में एमबीए की पढ़ाई की. देहरादून में बिल्डर का कुछ दिन काम किया. फिर गांव में मित्र की सलाह पर अपनी जमीन पर खेती शुरू करने की ठानी. 2018 में जब खेती शुरू की तो आमदनी का सालाना हिसाब किताब लाखों में पहुंच गया. फिलहाल लेमनग्रास के कच्चे माल को झारखंड के गोड्डा जिले में भटोदा स्थित डिस्टलेशन यूनिट में भेजकर उसका तेल तैयार करवाया जा रहा है. जिसका साबुन ,सैनिटाइजर, टेलकम पाउडर, दर्द नाशक तेल आदि में उपयोग किया जाता है.
काफी उपयोगी है खस
लेमनग्रास के अलावा खस की खेती को देखकर डीएम ने राजेश सिंह से उसके बारे में जानकारी ली. किसान राजेश सिंह ने बताया कि बलुआही और शुष्क मिट्टी उसके लिए काफी उपयुक्त है. खस के जड़ का उपयोग सुगंधित सामग्री तैयार करने में होता है. इसके अलावा घर की छावनी से लेकर खस का उपयोग चटाई, एसी-कूलर आदि में उपयोग होता है.
मधुमक्खी पालन से किसान होंगे समृद्ध
इसके बाद डीएम बाराहाट में उन्नत और परंपरागत मधु प्लांट को भी देखने पहुंचे. यहां बलभद्र पंडित की ओर से चलायी जा रही मधु प्लांट को देखकर डीएम ने कहा कि मधुमक्खी पालन से किसान समृद्ध होंगे. इसके लिए किसानों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है. उन्होंने इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिया.