बांकाः बिहार-झारखंड को जोड़ने वाला मार्ग पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है. पंजवारा-गोड्डा मुख्य मार्ग एनएच 333 ए पर चीर नदी पर बना डायवर्सन का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. इसको देखते हुए वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है, सिर्फ पैदल यात्रियों का ही आवागमन हो रहा है. अगर इस बार भी डायवर्सन टूटटा है तो बिहार झारखंड और बंगाल के लोगों का आना जाना बंद हो जाएगा.
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मरम्मत करने में जुटी जेसीबीः शुक्रवार की सुबह पानी के तेज बहाव के कारण उतरी छोड़ पर डायवर्सन धंस गया है, जिसकी मरम्मत की जा रही है. सुबह से ही जेसीबी डायवर्सन की मरम्मत करने में जुटी है. मार्ग पर बालू का बोरा डालकर बहाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. अगर इस बार भी डायवर्सन टूटता है तो झारखंड से पंजवारा होकर बिहार आने का संपर्क भंगा हो जाएगा.
लोगों को आने जाने में परेशानीः भागलपुर से गोड्डा के लिए चलने वाली बस से यात्री को इसी छोड़ उतार दिया जा रहा है. यात्री को पैदल दूसरे छोर पर खड़ी बस में सवार होने के लिए जाना होता है. जिन यात्रियों के पास भारी समान या छोटे-छोटे बच्चे होते हैं, उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि रोज 50 हजार से ज्यादा लोग आवागमन करते हैं. ऐसे में काफी परेशानी होती है.
"बिहार से झारखंड जाने वाला एकमात्र रास्ता है, जिसे सरकार सही से ठीक नहीं कर पा रही है. रोजाना 50 हजार लोगों का आना जाना होता है. बारिश का मौसम आते ही बिहार से झारखंड का आवागमन बाधित हो जाता है. लोगों का कामकाज बंद हो जाता है." -आदित्य कुमार, स्थानीय
रोजाना 5 हजार वाहनों का परिचालनः बता दें कि इसके पूर्व भी दो बार यह डायवर्सन टूट चुका है. मानसून के शुरुआत में जुलाई महीने में दो बार डायवर्सन ध्वस्त हो चुका है. प्रत्येक बार डायवर्सन टूटने के बाद उक्त मार्ग से होकर आवागमन करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह बिहार-झारखंड जोड़ने वाली बेहद ही महत्वपूर्ण सड़क है. रोजाना 5000 से भी अधिक वाहनों का परिचालन होता है.