बांका(रजौन): कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद उन्हें चार कंधे भी नसीब नहीं हो रहे हैं. ऐसे में परिजन शव को गंगा घाट तक भी नहीं पहुंचा पा रहे हैं और गांव के आसपास खेत-खलिहान या नदी तालाब के बगल में अंतिम संस्कार कर दे रहे हैं.
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रजौन प्रखंड अंतर्गत सोहानी निवासी 85 वर्षीय वृद्ध की कोरोना से मौत के बाद गांव के पास कतरिया नदी के किनारे अंतिम संस्कार कर दिया. जिसमें 5 लोग भी शामिल नहीं हुए. परिजनों ने जैसे-तैसे दाह संस्कार किया.
मृतक के परिजनों ने बताया 'इलाके में दाह संस्कार के लिए गंगा घाट ले जाने की परंपरा है. लेकिन कोरोना के डर से कोई साथ नहीं देता है. ऐसे में भागलपुर गंगा घाट ले जाना मुश्किल था. इस लिए गांव के पास से बहने वाली कतरिया नदी किनारे अंतिम संस्कार कर दिया गया.'