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मृतकों के नाम पर सालों से राशन उठा रहे हैं डीलर, अधिकारियों पर भी सांठ-गांठ का आरोप - कोरोना काल में पीडीएस डीलरों की मनमानी

बांका के बौंसी प्रखंड मुख्यालय के एक गांव से राशन वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली की खबर सामने आई है. यहां पर डीलर मृत ग्रामीणों के नाम पर पिछले 5 सालों से खाद्यान का उठाव कर रहे हैं.

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Published : Jun 5, 2020, 2:01 PM IST

बांका: कोरोना महामारी के बीच राज्य सरकार ने राशनकार्ड धारियों के बीच राशन वितरण करने की योजना शुरू की. लेकिन, आए दिन डीलरों की शिकायतें और मनमानी की खबरें सुनने में आ रही है. इस बीच जिले के बौंसी प्रखंड मुख्यालय के अचारज से डीलरों के राशन उठाव में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. हैरानी की बात तो ये है कि यह घोटाला बीते 5 सालों से हो रहा है. लेकिन, अधिकारियों को इसकी सुध तक नहीं है.

दरअसल, बांका के अचारज में डीलर मृतकों के नाम पर सालों से खाद्यान्न का उठाव कर रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ित लोगों ने ऑनलाइन खाद्यान के उठाव का आंकड़ा खंगालना शुरू किया. ग्रामीणों ने पहले भी डीलर निरंजन साह पर अनियमितता का आरोप लगाया था. अब ऑनलाइन रिकार्ड के बाद उन्होंने डीलर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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लोगों ने दिखाए कागज

'राशन देने में आनाकानी करता है डीलर'
पीड़ित ग्रामीणों की मानें तो डीलर निरंजन साह जिंदा लोगों को अनाज देने में आनाकानी करता है. वहीं, मतृकों के नाम पर भी सरकार से अनाज लूट रहा है. उसके इस रवैये के कारण गांव वालों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. डीलर जिन मृतकों के नाम पर 5 सालों से राशन उठा रहा है, उनके परिवार वाले ही अनाज से वंचित हैं.

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ग्रामीणों में गुस्सा

सालों से हो रहा अनाज उठाव
मृतक नीलम देवी, सुबोध शर्मा, मणिमाला कुमारी, विमला देवी, चानो देवी, भुवनेश्वर यादव, राधा देवी महावीर साह आदि के परिजन बताते हैं कि इनकी सभी की मौत 2014 से 2019 के बीच हो चुकी है. तब से अब तक डीलर पुत्र शैलेश कुमार अपना अंगूठा लगाकर अनाज का उठाव कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक जिले में 10 हजार से अधिक मृतकों के नाम पर राशन कार्ड बना हुआ है और डीलर धड़ल्ले से अनाज का उठाव कर रहे हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

पीड़ितों ने बताई आपबीती
पीड़ित विनोद कुमार बताते हैं कि साल 2015 में ही उनके माता-पिता की मौत हो गई. तब से लेकर अब तक डीलर की ओर से उनके नाम पर अनाज का उठाव किया जा रहा है. वहीं, उनकी पत्नी के नाम पर जो राशन कार्ड था, उसे भी निरस्त कर दिया गया. यही स्थिति वीणा देवी और अमन कुमार के साथ भी है. वीणा देवी के पति का देहांत साल 2019 में हो गया उसके बाद से इन्हें राशन नहीं मिला है. लेकिन, पति के नाम पर अनाज का उठाव हो रहा है.

अधिकारियों को नहीं है सुध
पूरे मामले पर एसडीएम मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि मौजूदा समय में सभी प्रक्रिया पारदर्शी हो गई है. ऑनलाइन सारी लिस्ट देखी जा सकती है. पीओएस मशीन में स्पष्ट दिख जाता है कि किस जिला में कितना अनाज का उठाव किया है और वितरण किया है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से पब्लिक डोमेन में है. बौंसी के अचारज का मामला संज्ञान में आया है, यहां गड़बड़ी लग रही है. इसकी पूरी जांच कराई जाएगी. मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बांका: कोरोना महामारी के बीच राज्य सरकार ने राशनकार्ड धारियों के बीच राशन वितरण करने की योजना शुरू की. लेकिन, आए दिन डीलरों की शिकायतें और मनमानी की खबरें सुनने में आ रही है. इस बीच जिले के बौंसी प्रखंड मुख्यालय के अचारज से डीलरों के राशन उठाव में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. हैरानी की बात तो ये है कि यह घोटाला बीते 5 सालों से हो रहा है. लेकिन, अधिकारियों को इसकी सुध तक नहीं है.

दरअसल, बांका के अचारज में डीलर मृतकों के नाम पर सालों से खाद्यान्न का उठाव कर रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब पीड़ित लोगों ने ऑनलाइन खाद्यान के उठाव का आंकड़ा खंगालना शुरू किया. ग्रामीणों ने पहले भी डीलर निरंजन साह पर अनियमितता का आरोप लगाया था. अब ऑनलाइन रिकार्ड के बाद उन्होंने डीलर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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लोगों ने दिखाए कागज

'राशन देने में आनाकानी करता है डीलर'
पीड़ित ग्रामीणों की मानें तो डीलर निरंजन साह जिंदा लोगों को अनाज देने में आनाकानी करता है. वहीं, मतृकों के नाम पर भी सरकार से अनाज लूट रहा है. उसके इस रवैये के कारण गांव वालों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. डीलर जिन मृतकों के नाम पर 5 सालों से राशन उठा रहा है, उनके परिवार वाले ही अनाज से वंचित हैं.

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ग्रामीणों में गुस्सा

सालों से हो रहा अनाज उठाव
मृतक नीलम देवी, सुबोध शर्मा, मणिमाला कुमारी, विमला देवी, चानो देवी, भुवनेश्वर यादव, राधा देवी महावीर साह आदि के परिजन बताते हैं कि इनकी सभी की मौत 2014 से 2019 के बीच हो चुकी है. तब से अब तक डीलर पुत्र शैलेश कुमार अपना अंगूठा लगाकर अनाज का उठाव कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक जिले में 10 हजार से अधिक मृतकों के नाम पर राशन कार्ड बना हुआ है और डीलर धड़ल्ले से अनाज का उठाव कर रहे हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

पीड़ितों ने बताई आपबीती
पीड़ित विनोद कुमार बताते हैं कि साल 2015 में ही उनके माता-पिता की मौत हो गई. तब से लेकर अब तक डीलर की ओर से उनके नाम पर अनाज का उठाव किया जा रहा है. वहीं, उनकी पत्नी के नाम पर जो राशन कार्ड था, उसे भी निरस्त कर दिया गया. यही स्थिति वीणा देवी और अमन कुमार के साथ भी है. वीणा देवी के पति का देहांत साल 2019 में हो गया उसके बाद से इन्हें राशन नहीं मिला है. लेकिन, पति के नाम पर अनाज का उठाव हो रहा है.

अधिकारियों को नहीं है सुध
पूरे मामले पर एसडीएम मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि मौजूदा समय में सभी प्रक्रिया पारदर्शी हो गई है. ऑनलाइन सारी लिस्ट देखी जा सकती है. पीओएस मशीन में स्पष्ट दिख जाता है कि किस जिला में कितना अनाज का उठाव किया है और वितरण किया है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से पब्लिक डोमेन में है. बौंसी के अचारज का मामला संज्ञान में आया है, यहां गड़बड़ी लग रही है. इसकी पूरी जांच कराई जाएगी. मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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