बांका: बिहार के बांका में बीते तीन साल से पूरी तरह से सुनसान रहने वाले कांवरिया पथ पर कांवड़ियों की भीड़ उमड़ पड़ी (Kanwariya Gathered On Kawariya Path In Banka) है. गंगाधाम से बाबाधाम तक एक बार फिर बाबा के जयकारे के साथ बोलबम का जयघोष गूंजने लगा है. इसमें चलने वाले कांवड़िया अपने आप को बाबा भोलेनाथ के ससुराल से चलने वाले तिलकोत्सव महोत्सव के लिए आने वाले बताते हैं. कांवरिया खुद को बाबा भोलेनाथ का साला बताते हैं.
ये भी पढ़ें-बांका में श्रावणी मेले की तैयारी शुरू, DM ने किया कांवरिया पथ का निरीक्षण
भोलेनाथ के दरबार में जाने वाले कांवड़ियों में महिला, पुरुष, बच्चे-बच्चियां मोटे-मोटे बांस के कांवर के साथ जल और अपने खाने पीने के लिए जरूरी सामान लेकर चलते हैं. ऐसे कांवरिया दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, पूर्णिया,आदि जगहों से अपने वाहन से सुलतानगंज तक आते हैं. वहां से जल लेकर पैदल कांवरिया पथ से होते हुए बाबाधाम तक आते हैं.
इस कड़ाके की ठंड में कांवड़ियों का उत्साह देखते ही बनता है. कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए कांवरिया पथ पर सब्जी, फल और दही-चूड़ा की दुकानें बड़ी संख्या में खुल जाती हैं. जहां से कांवड़िया अपने जरुरत का सामान खरीदते हैं. कांवड़ियों की यह भीड़ सरस्वती पूजा के एक सप्ताह बाद तक जारी रहती है. इन दिनों चलने वाले कांवड़ियों के लिए सरकार की और से कोई सुविधा नहीं मिलती है, फिर भी पूरे उत्साह के साथ ढोल-नगाड़े के साथ कांवरिया बाबा भोलेनाथ को तिलक चढ़ाने देवघर तक जाते हैं.
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP