बांका: संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल की वजह से पिछले तीन दिनों से जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गई थी. हड़ताल टूटने के बाद अब जिले में स्थितियां सामान्य हो गई हैं और आम दिनों की तरह ही मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचने लगे हैं.
इमरजेंसी और ओपीडी सेवा पहले की तरह ही शुरू हो चुकी है. सदर अस्पताल प्रबंधक अमरीश कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने 6 प्रमुख मांगों को मान लिया है, अगर 22 अगस्त तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो दोबारा हड़ताल पर चले जाएंगे.
6 मांगों पर बनी सहमति
सदर अस्पताल प्रबंधक अमरीश कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2011 के बाद से वेतन पुनरीक्षण का कार्य नहीं हुआ था. इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपेंगे. इसके साथ ही इयरली ग्रोथ को भी 15% बढ़ाने और पब्लिक मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने पर सहमति बनी है.
इसके अलावा कोविड-19 के दौरान संविदा पर बहाल कर्मियों की अगर मौत हो जाती है तो उन्हें 25 लाख रुपये देने की भी सहमति बन गई है. एक माह के अंदर सभी मांगों को सरकार द्वारा लागू किया जाना है. अमरीश कुमार सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल बांका को वेंटीलेटर की सुविधा से भी लैस किया जाएगा. सरकार सदर अस्पताल को जल्द ही चार वेंटिलेटर मुहैया कराने वाली है.
कोविड-19 टेस्ट की बढ़ाई जाएगी रफ्तार
सदर अस्पताल प्रबंधक अमरीश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कोविड-19 टेस्ट पहले की तरह ही प्रारंभ कर दिया गया है. गैप को पाटने के लिए तेज रफ्तार से काम किया जाएगा. रोजाना जहां 235 टेस्ट हो रहा था. अब इसे बढ़ाकर 500 पर ले जाने का प्रयास किया जाएगा. हड़ताल अवधि के दौरान पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेट नहीं किया जा सका था. उन्हें फोन किया जा रहा है कि यदि मरीज होम क्वॉरेंटाइन में रहना चाहते हैं तो उन्हें शपथ पत्र भरना होगा. इसके साथ ही होम क्वारंटाइन में क्या करना है, इसकी भी सलाह दी जा रही है.