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बांका: सामुदायिक किचन के माध्यम से जरूरतमंदों को मिल रहा दो टाइम का खाना - बांका सामुदायिक किचन

बांका में सामुदायिक किचन के माध्यम से गरीब और जरूरतमंदों को दो टाइम का भोजन मिल रहा है. मदर टेरेसा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं खाना तैयार करती हैं.

banka community kitchen
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Published : May 18, 2021, 3:13 PM IST

बांका: नगर परिषद बांका क्षेत्र अंतर्गत कटोरिया बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा यानि आश्रय स्थल अब गरीब और जरूरतमंदों को खाना मुहैया कराने में जुटा हुआ है. नगर परिषद बांका की ओर से संचालित मदर टेरेसा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सामुदायिक किचन के माध्यम से रोजाना गरीबों को दो टाइम खाना खिला रही हैं.

यह भी पढ़ें: सुशासन बाबू, आपके राज में कोरोना नहीं, ये प्राइवेट अस्पताल वाले मार डालेंगे

घर पर पहुंचाया जा रहा खाना
रैन बसेरा में रोजाना 50 से 60 लोगों को दो समय का भोजन महिलाएं बनाकर खिला रही हैं. इसकी मॉनिटरिंग नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुमित्रानंदन और सिटी मैनेजर रितेश कुमार चौधरी स्वयं कर रहे हैं. इसके अलावा अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को भी भोजन कराया जाता है. इसके अलावा वैसे लोग जो चलने फिरने में असमर्थ हैं, उन्हें पैकिंग कर घर पर खाना पहुंचा दिया जाता है. ताकि वह भूखे न रहें. बकायदा खाने वालों का नाम रजिस्टर में मेंटेन भी किया जाता है.

खाना की क्वालिटी बेहतर
बांका सदर अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन गीता देवी ने बताया कि वह पहली बार सामुदायिक किचन में खाने के लिए आई हैं. यहां खाना उत्तम क्वालिटी का दिया जा रहा है. खाना खाने के बाद ऐसा लगता है कि घर में बैठकर खाना खा रहे हैं. नगर परिषद की यह बहुत ही सराहनीय पहल है. वहीं रिक्शा चालक गुनेश्वर पासवान ने बताया कि दोपहर का खाना यहीं पर खाते हैं. यहां घर की तरह ही चावल, दाल, सब्जी, भुजिया और खीर खाने को मिलता है. साथ ही शुद्ध पेयजल भी मिल रहा है. खाना की क्वालिटी बेहतर है.

सामुदायिक किचन की शुरुआत
एक रिक्शा चालक कुंदन पंडित ने बताया कि पिछले 8 दिनों से आश्रय स्थल में खाने के लिए आ रहे हैं. दोनों टाइम खाना आसानी से मिल जाता है. रिक्शा चलाने वालों ने ही बताया कि रैन बसेरा में गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. तब से यहीं पर आकर खाना खा रहे हैं और खाना का स्तर भी बेहतर है. मदर टेरेसा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लीड कर रहे मिठू मजूमदार ने बताया कि 5 मई से ही रैन बसेरा में सामुदायिक किचन की शुरुआत की गई है. जहां रोजाना 50 से अधिक लोगों को खाना खिलाया जाता है.

रजिस्टर पर दर्ज होता है नाम
इस बात पर भी नजर रखी जाती है कि कोई भूखे न लौट जाए. वैसे लोग जो चलने फिरने में असमर्थ हैं, पैकिंग कर उनके घर तक खाना पहुंचा दिया जाता है. ताकि वह भूखे न रह जाएं. खाने वालों का नाम रोजाना रजिस्टर पर दर्ज किया जाता है. ताकि यह पता चल सके कि कितने लोगों ने खाना खाया. जरूरतमंदों को रोजाना चावल, दाल, सब्जी के साथ-साथ खीर भी परोसा जाता है. महिलाओं के हाथ से बना खाना खाकर लोगों को घर जैसा खाना की अनुभूति होती है.

रैन बसेरा में ठहरने का भी उत्तम व्यवस्था है. आने वाले लोगों के हर सुविधा का ख्याल रखा जाता है. सामुदायिक किचन की जानकारी जैसे-जैसे जरूरतमंद लोगों को मिल रही है, वैसे खाने वालों की संख्या बढ़ रही है. सभी को दो टाइम का खाना खिलाया जा रहा है.

बांका: नगर परिषद बांका क्षेत्र अंतर्गत कटोरिया बस स्टैंड स्थित रैन बसेरा यानि आश्रय स्थल अब गरीब और जरूरतमंदों को खाना मुहैया कराने में जुटा हुआ है. नगर परिषद बांका की ओर से संचालित मदर टेरेसा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सामुदायिक किचन के माध्यम से रोजाना गरीबों को दो टाइम खाना खिला रही हैं.

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घर पर पहुंचाया जा रहा खाना
रैन बसेरा में रोजाना 50 से 60 लोगों को दो समय का भोजन महिलाएं बनाकर खिला रही हैं. इसकी मॉनिटरिंग नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुमित्रानंदन और सिटी मैनेजर रितेश कुमार चौधरी स्वयं कर रहे हैं. इसके अलावा अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को भी भोजन कराया जाता है. इसके अलावा वैसे लोग जो चलने फिरने में असमर्थ हैं, उन्हें पैकिंग कर घर पर खाना पहुंचा दिया जाता है. ताकि वह भूखे न रहें. बकायदा खाने वालों का नाम रजिस्टर में मेंटेन भी किया जाता है.

खाना की क्वालिटी बेहतर
बांका सदर अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन गीता देवी ने बताया कि वह पहली बार सामुदायिक किचन में खाने के लिए आई हैं. यहां खाना उत्तम क्वालिटी का दिया जा रहा है. खाना खाने के बाद ऐसा लगता है कि घर में बैठकर खाना खा रहे हैं. नगर परिषद की यह बहुत ही सराहनीय पहल है. वहीं रिक्शा चालक गुनेश्वर पासवान ने बताया कि दोपहर का खाना यहीं पर खाते हैं. यहां घर की तरह ही चावल, दाल, सब्जी, भुजिया और खीर खाने को मिलता है. साथ ही शुद्ध पेयजल भी मिल रहा है. खाना की क्वालिटी बेहतर है.

सामुदायिक किचन की शुरुआत
एक रिक्शा चालक कुंदन पंडित ने बताया कि पिछले 8 दिनों से आश्रय स्थल में खाने के लिए आ रहे हैं. दोनों टाइम खाना आसानी से मिल जाता है. रिक्शा चलाने वालों ने ही बताया कि रैन बसेरा में गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. तब से यहीं पर आकर खाना खा रहे हैं और खाना का स्तर भी बेहतर है. मदर टेरेसा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लीड कर रहे मिठू मजूमदार ने बताया कि 5 मई से ही रैन बसेरा में सामुदायिक किचन की शुरुआत की गई है. जहां रोजाना 50 से अधिक लोगों को खाना खिलाया जाता है.

रजिस्टर पर दर्ज होता है नाम
इस बात पर भी नजर रखी जाती है कि कोई भूखे न लौट जाए. वैसे लोग जो चलने फिरने में असमर्थ हैं, पैकिंग कर उनके घर तक खाना पहुंचा दिया जाता है. ताकि वह भूखे न रह जाएं. खाने वालों का नाम रोजाना रजिस्टर पर दर्ज किया जाता है. ताकि यह पता चल सके कि कितने लोगों ने खाना खाया. जरूरतमंदों को रोजाना चावल, दाल, सब्जी के साथ-साथ खीर भी परोसा जाता है. महिलाओं के हाथ से बना खाना खाकर लोगों को घर जैसा खाना की अनुभूति होती है.

रैन बसेरा में ठहरने का भी उत्तम व्यवस्था है. आने वाले लोगों के हर सुविधा का ख्याल रखा जाता है. सामुदायिक किचन की जानकारी जैसे-जैसे जरूरतमंद लोगों को मिल रही है, वैसे खाने वालों की संख्या बढ़ रही है. सभी को दो टाइम का खाना खिलाया जा रहा है.

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