बांकाः जिले में शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां विभाग ने एक मृत शिक्षक को मूल्यांकन कार्य में लगा दिया और मौजूद नहीं होने पर निलंबन की लिस्ट में नाम भी जारी कर दिया. जबकि अतिथि शिक्षक की मौत तीन महीने पहले ही हो गई थी. इसके अलावा जो शिक्षक त्यागपत्र सौंप चुके हैं उन्हें भी जबरन मूल्यांकन के काम में लगाया जा रहा है.
तीन महीने पहले ही हो गई थी शिक्षक की मौत
समान काम समान वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षक लगातार धरने पर डटे हुए हैं. शिक्षकों की हड़ताल की वजह से मूल्यांकन कार्य प्रभावित होते देख डीईओ कार्यालय ने 159 शिक्षकों की सूची जारी कर दी. जिसमें तीन महीने पहले ही मौत हो चुके अतिथि शिक्षक गुलाम हैदर का भी नाम सूची में डाल दिया गया. दरअसल गुलाम हैदर प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल कटोरिया में अतिथि शिक्षक के तौर पर पदस्थापित थे. उनकी मौत तीन महीने पहले ही हो गई थी.
लिस्ट से हटाया गया अतिथि शिक्षक का नाम
जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. अहसन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि डेटाबेस से नाम नहीं हटाए जाने की वजह से समस्या उत्पन्न हुई है. साथ ही उन्होंने बताया कि जब शिक्षक ने मूल्यांकन काम में योगदान ही नहीं दिया तो निलंबन का सवाल ही नहीं उठता है. मो. अहसन ने कहा कि मामला प्रकाश में आने के बाद अतिथि शिक्षक का नाम लिस्ट से हटा दिया गया था.
स्थानीय स्तर पर नहीं होती है परीक्षकों की नियुक्ति
शिक्षा पदाधिकारी मो. अहसन ने बताया कि स्थानीय स्तर पर परीक्षकों की नियुक्ति डीईओ के माध्यम से नहीं की जाती है. इनकी नियुक्ति केन्द्राधीक्षक करते हैं. डीईओ कार्यालय से सिर्फ नाम भेजा जाता है और सलाह दी जाती है.