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Banka Madarsa Blast: NIA कर रही इमाम के आजमगढ़ कनेक्शन की जांच - banka blast bomb was made in milk box

बिहार के बांका जिले के मदरसा में बम ब्लास्ट हुआ. इस घटना में एक मौलवी की मौत हो गई. जिसका यूपी के आजमगढ़ से लिंक की बात सामने आ रही है. अब NIA और बांका पुलिस इस घटना में आजमगढ़ लिंक की जांच करेगी.

Banka  Madarsa Blast
Banka Madarsa Blast
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Published : Jun 12, 2021, 3:46 PM IST

Updated : Jun 12, 2021, 9:02 PM IST

बांका: बिहार के बांका मदरसा ब्लास्ट (Blast in Madarsa) मामले में चौंकाने वाले खुलासा सामने आ रहे हैं. बम दूध के डिब्बों में बनाया गया था, बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) का इस्तेमाल किया गया था. धमाके में मारे गए मदरसे के इमाम अब्दुल सत्तार मोमिन का आंतकवादी संगठनों से कनेक्शन है कि नहीं? इसकी जांच NIA कर रही है.

8 जून को नवटोलिया मदरसा ब्लास्ट में इमाम की मौत के बाद उनके भाई ने जो खुलासा किया, उससे साफ जाहिर होता है कि इमाम अब्दुल सत्तार मोमिन का कनेक्शन कहीं ना कहीं आजमगढ़ से था.

ये भी पढ़ें : Banka Madarsa Blast: मौलाना के शव में मिली कीलें, पुलिस बता रही देसी बम धमाका, उठ रहे ये सवाल

बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कई बम बनाकर एक बक्से में रखा गया था. बॉक्स में रखने के दौरान गलती से ही ये धमाका हुआ. यहां तक कि बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि इन सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है, जांच के उपरांत ही पूर्ण रूप से यह कह पाना मुमकिन होगा कि आखिर इस बम ब्लास्ट के पीछे का मकसद क्या था?

गांव के लोगों ने बनाई दूरी, पुरुष फरार
पुलिस को शक है कि इसी मदरसे में बम को बनाया गया था. ब्लास्ट के बाद पुलिस जब इस मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों से पूछताछ करनी चाही तो उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा है. बम ब्लास्ट के बाद उस गांव के ज्यादातर लोग गांव छोड़कर फरार हैं. जो कुछ लोग बचे हैं वह भी बोलने से परहेज कर रहे हैं और ना ही इस मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को कुछ बोलने देते हैं. ऐसे में पूरे गांव की खामोशी कुछ और ही इशारा कर रही है.

इमाम का आजमगढ़ कनेक्शन?
वहीं इस बम धमाके में मदरसे के इमाम की मौत के बाद उनके भाई इकबाल मियां ने बताया कि शुरुआती पढ़ाई के बाद उर्दू की पढ़ाई के लिए वह कई वर्षों तक आजमगढ़ में रहे हैं. इसके बाद वह बांका आकर तालीम देने लगे. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इमाम के साथ-साथ चार और लोग घायल हुए थे जो कि अब तक गायब है. कहां इनका इलाज चल रहा है और अब तक यह क्यों नहीं पकड़े गए. वे कौन लोग थे वह कहां से आए थे यह सवाल जरूर खड़ा हो रहा है.

आतंकियों से कनेक्शन की NIA कर रही जांच
मदरसे की इमाम की मौत के बाद उनके भाई ने जो खुलासा किया है जिससे उससे साफ जाहिर होता है की इमाम सतार मोमिन का कनेक्शन कहीं ना कहीं आजमगढ़ से जरूर था. क्योंकि इमाम कि प्राथमिक शिक्षा के बाहर कई वर्षों तक आजमगढ़ में शिक्षा प्राप्त की थी. यूपी का वही आजमगढ़ सिमी के आतंकियों और देश में कई धमाकों के लिए बदनाम रहा है. पाक अधिकृत कश्मीर में सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बड़े आतंकी वारदातों की संभावित खतरों को देखते हुए एहतियात के तौर पर गृह मंत्रालय ने सिमी के सदस्य पर कड़ी नजर रखने का निर्देश भी दिया है.

ये भी पढ़ें : Banka Madarsa Blast: झारखंड से कोई लिंक है या नहीं, जांच करेगी NIA

एनआईए हर पहलू की कर रही जांच
मदरसा ब्लास्ट में मारे गए इमाम का कनेक्शन कहीं आजमगढ़ के सिमी आतंकियों से तो नहीं है. इन सभी मसलों पर पुलिस और एनआईए हर एंगल से जांच में जुटी है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इमाम का ज्यादातर आना-जाना बरेली और आजमगढ़ से रहा है. प्रशासन उसके कनेक्शन जुटाने में जुटी है. इधर जांच में यह भी मालूम है कि बांका के नवटोलियां मदरसा रजिस्टर्ड नहीं था. हालांकि एनआईए अपने स्तर से जांच में जुटी है जब तक पूरा रिपोर्ट सामने नहीं आती है कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा.

बांका: बिहार के बांका मदरसा ब्लास्ट (Blast in Madarsa) मामले में चौंकाने वाले खुलासा सामने आ रहे हैं. बम दूध के डिब्बों में बनाया गया था, बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) का इस्तेमाल किया गया था. धमाके में मारे गए मदरसे के इमाम अब्दुल सत्तार मोमिन का आंतकवादी संगठनों से कनेक्शन है कि नहीं? इसकी जांच NIA कर रही है.

8 जून को नवटोलिया मदरसा ब्लास्ट में इमाम की मौत के बाद उनके भाई ने जो खुलासा किया, उससे साफ जाहिर होता है कि इमाम अब्दुल सत्तार मोमिन का कनेक्शन कहीं ना कहीं आजमगढ़ से था.

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बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कई बम बनाकर एक बक्से में रखा गया था. बॉक्स में रखने के दौरान गलती से ही ये धमाका हुआ. यहां तक कि बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि इन सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है, जांच के उपरांत ही पूर्ण रूप से यह कह पाना मुमकिन होगा कि आखिर इस बम ब्लास्ट के पीछे का मकसद क्या था?

गांव के लोगों ने बनाई दूरी, पुरुष फरार
पुलिस को शक है कि इसी मदरसे में बम को बनाया गया था. ब्लास्ट के बाद पुलिस जब इस मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों से पूछताछ करनी चाही तो उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा है. बम ब्लास्ट के बाद उस गांव के ज्यादातर लोग गांव छोड़कर फरार हैं. जो कुछ लोग बचे हैं वह भी बोलने से परहेज कर रहे हैं और ना ही इस मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को कुछ बोलने देते हैं. ऐसे में पूरे गांव की खामोशी कुछ और ही इशारा कर रही है.

इमाम का आजमगढ़ कनेक्शन?
वहीं इस बम धमाके में मदरसे के इमाम की मौत के बाद उनके भाई इकबाल मियां ने बताया कि शुरुआती पढ़ाई के बाद उर्दू की पढ़ाई के लिए वह कई वर्षों तक आजमगढ़ में रहे हैं. इसके बाद वह बांका आकर तालीम देने लगे. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इमाम के साथ-साथ चार और लोग घायल हुए थे जो कि अब तक गायब है. कहां इनका इलाज चल रहा है और अब तक यह क्यों नहीं पकड़े गए. वे कौन लोग थे वह कहां से आए थे यह सवाल जरूर खड़ा हो रहा है.

आतंकियों से कनेक्शन की NIA कर रही जांच
मदरसे की इमाम की मौत के बाद उनके भाई ने जो खुलासा किया है जिससे उससे साफ जाहिर होता है की इमाम सतार मोमिन का कनेक्शन कहीं ना कहीं आजमगढ़ से जरूर था. क्योंकि इमाम कि प्राथमिक शिक्षा के बाहर कई वर्षों तक आजमगढ़ में शिक्षा प्राप्त की थी. यूपी का वही आजमगढ़ सिमी के आतंकियों और देश में कई धमाकों के लिए बदनाम रहा है. पाक अधिकृत कश्मीर में सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बड़े आतंकी वारदातों की संभावित खतरों को देखते हुए एहतियात के तौर पर गृह मंत्रालय ने सिमी के सदस्य पर कड़ी नजर रखने का निर्देश भी दिया है.

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एनआईए हर पहलू की कर रही जांच
मदरसा ब्लास्ट में मारे गए इमाम का कनेक्शन कहीं आजमगढ़ के सिमी आतंकियों से तो नहीं है. इन सभी मसलों पर पुलिस और एनआईए हर एंगल से जांच में जुटी है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इमाम का ज्यादातर आना-जाना बरेली और आजमगढ़ से रहा है. प्रशासन उसके कनेक्शन जुटाने में जुटी है. इधर जांच में यह भी मालूम है कि बांका के नवटोलियां मदरसा रजिस्टर्ड नहीं था. हालांकि एनआईए अपने स्तर से जांच में जुटी है जब तक पूरा रिपोर्ट सामने नहीं आती है कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा.

Last Updated : Jun 12, 2021, 9:02 PM IST
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