बांका: जिले के नामचीन संवेदक ने फर्जी तरीके से यूको बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक से मिलकर 4 करोड़ 82 लाख का दो फर्जी बैंक गारंटी हासिल किया था. इसी फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर टेंडर प्रक्रिया के बाद संवेदक ने अरबों रुपये का काम झारखंड के देवघर में हासिल किया था. इसका खुलासा तब हुआ जब यूको बैंक बांका के वर्तमान शाखा प्रबंधक ने इसकी जांच की और एसपी अरविंद कुमार गुप्ता को जानकारी देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई. एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने जांच के क्रम में पाया कि मैसर्स बालाजी इंजीकॉम प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स गणेशराम डोकानिया ने मिली भगत कर तत्कालीन शाखा प्रबंधक विद्याभूषण सिंह से फर्जी तरीके से बैंक गारंटी हासिल किया था.
वर्तमान शाखा प्रबंधक ने दर्ज कराया मामला
एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि यूको बैंक के वर्तमान शाखा प्रबंधक ने एक मामला दर्ज कराया था. जिसमें तत्कालीन शाखा प्रबंधक की ओर से 4 करोड़ 82 लाख के दो फर्जी बैंक गारंटी जारी करने की बात थी. इसकी जांच की गई और पाया गया इसमें फर्जी बैंक गारंटी का इस्तेमाल किया गया था.
बैंक गारंटी जब सत्यापन के लिए आया तो, इसे फर्जी पाया गया. जांच में तत्कालीन शाखा प्रबंधक विद्याभूषण सिंह की प्रमुख भूमिका रही थी. मैसर्स बालाजी इंजीकॉम के डायरेक्टर और मैसर्स गणेशराम डोकानिया ने शाखा प्रबंधक की मिली भगत से बड़ा घोटाला करने का प्रयास किया था, जो पकड़ा गया है. इस कांड में संलिप्त 9 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया है.
9 लोगों की गिरफ्तारी का निर्देश
एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि जिन 9 लोगों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया है, उनमें मैसर्स बालाजी इंजीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के 5 लोग शामिल हैं. उनका नाम अनिल कुमार अग्रवाल, मुकेश राउत, राजीव मोदी, सुजीत कुमार और सुमित कुमार है. वहीं मैसर्स गणेशराम डोकानिया के अलावा कृष्ण कुमार डोकानिया, प्रियांशु डोकानिया और अभिषेक शर्मा के अलावा तत्कालीन यूको बैंक के शाखा प्रबंधक विद्या भूषण सिंह भी शामिल हैं. एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि यह बड़ा घोटाला था.
मामला संज्ञान में आते ही इस पर त्वरित कार्रवाई की गई. जाली तरीके से बैंक गारंटी प्राप्त कर एहसास बालाजी इंजीकॉम और मैसर्स गणेशराम डोकानिया ने अरबों रुपये के सड़क निर्माण का कार्य हासिल किया था. इस कार्य में तत्कालीन यूको बैंक के शाखा प्रबंधक विद्याभूषण सिंह ने पूरा साथ दिया था. लेकिन यह सही समय पर पकड़ा गया और इसमें जिन लोगों की संलिप्तता पाई गई, उन पर प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी करने का निर्देश जारी कर दिया गया है.