बांका : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए अधिकतर लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. अचानक अधिक लोगों के मास्क का उपयोग करने से बाजारों में इसका स्टॉक खत्म हो गया है. इस खबर की जानकारी जैसे ही जिला मुख्यालय से सटे मजलिसपुर गांव के कुछ मुस्लिम युवाओं के पास पहुंचा, तो उन्होंने प्रोन्नत मध्य विद्यालय आनंदपुर के एक कमरे में सूती कपड़े से हैंडमेड मास्क बनाना शुरू कर दिया. मजलिसपुर गांव के 7 मुस्लिम युवा पिछले 5 दिनों से लगातार मास्क का निर्माण कर रहे हैं और जरूरतमंदों के बीच मुफ्त में स्थानीय मुखिया की मदद से वितरित करवा रहे हैं.
स्थानीय मुखिया ने किया प्रेरित
मास्क बना रहे मास्टर मो. इब्राहिम अंसारी और मो. समीर अंसारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार मास्क की कमी देखी जा रही थी. स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनने की सलाह दी थी. लॉकडाउन की वजह से काम पूरी तरह से बंद हो गया था. स्थानीय मुखिया ने इस नेक काम को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया. शुरुआती दौर में स्थानीय मुखिया ने मदद कर सूती कपड़े मुहैया करवाएं. पिछले 5 दिनों में 20 हजार से अधिक मास्क तैयार कर चुके हैं. जरूरतमंदों के बीच निःशुल्क वितरण किया जा रहा है.
रोजाना तैयार कर रहे हैं 4 हजार मास्क
मास्टर मो. इब्राहिम अंसारी ने बताया कि सिलाई मशीन का सहारा लेकर पिछले 5 दिनों से गांव के युवा लगातार मास्क बनाने के काम में जुटे हुए है. रोजाना लगभग 4 हजार मास्क तैयार कर लिया जाता है. इस नेक कार्य में प्रोन्नत मध्य विद्यालय आनंदपुर के शिक्षक सरोज कुमार का भी सहयोग मिल रहा है. उन्होंने मास्क निर्माण के लिए स्कूल का एक कमरा भी दिया है. हमारा एक ही लक्ष्य है कि प्रत्येक लोगों के चेहरे पर मास्क लगा हो. यह काम पूरा होने तक मास्क बनाने का सिलसिला चलता रहेगा. युवाओं ने लोगों से अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए घरों से नहीं निकलने की भी अपील की.