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बांका 100 प्रवासी मजदूरों का जत्था पहुंचा, पुलिस को भनक तक नहीं

कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए अन्य राज्यों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों की घर वापसी तेजी से हो रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को दिल्ली के आस-पास काम करने वाले 100 मजदूरों का जत्था बांका पहुंचा.

प्रवासी मजदूरों का पलायन
प्रवासी मजदूरों का पलायन
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Published : Apr 23, 2021, 11:08 AM IST

बांका: देश में कोरोना की स्थिति बेकाबू हो गई है. इसको लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. कई शहरों में तो लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन के साथ ही मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. ऐसे ही दिल्ली के आस-पास काम करने वाले 100 मजदूरों का जत्था बांका पहुंचा. सभी मजदूर एक बस किराए पर लेकर बांका पहुंचे थे. 55 सीट वाले बस में 100 मजदूर सवार होकर आए थे. ये मजदूर बाराहाट, धोरैया और झारखंड के विभिन्न हिस्सों के थे.

ये भी पढ़ें- बल्थरी चेकपोस्ट पर प्रवासियों की नहीं हो रही कोरोना जांच, यूपी-बिहार सीमा से रोजाना सैकड़ों बसें होती हैं पार

दिल्ली में कोरोना है बेकाबू
दिल्ली से बाराहाट पहुंचे मजदूरों ने बताया कि दिल्ली में कोरोना पूरी तरह से बेकाबू है. वहां से निकलना जरूरी था. एक बस वाला आने के लिये तैयार हुआ. प्रत्येक व्यक्ति से 1800 रुपये किराया वसूला. ट्रेन में जगह नहीं मिल रही थी और ऊपर से जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो काफी लंबी होती है.

पुलिस को भनक तक नहीं
बस से आने पर कहीं जांच नहीं हुई. कुछ मजदूर ढाकामोड़ में उतर गए. जो धोरैया और झारखंड के मजदूर थे वे पंजवारा में उतर गए. पुलिस की नजरों से बचने के लिए मजदूरों ने अपने परिवार वाले को बुला लिया था. बस से उतरते ही मजदूर बाइक पर सवार होकर निकल गए. पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाई.

ये भी पढ़ें- प्रवासी मजदूरों को उनके गांव में ही मिलेगा काम, श्रम बजट स्वीकृत- श्रवण कुमार

नहीं दिख रही है प्रशासनिक व्यवस्था
कोरोना में लगातार बढ़ते मामले और मौतों के बीच मजदूरों की घर वापसी हो रही है. मजदूरों के जत्थे का आने का सिलसिला शुरू होने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई तैयारी नहीं है.

न तो जांच की व्यवस्था है और न ही पुलिस कर्मी कहीं मौजूद नजर आ रहे हैं. ऐसे में बांका जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है. जिला प्रशासन इस पर ठोस पहल नहीं करता है तो और विकट परिस्थिति उत्पन्न हो जायेगी.

बांका: देश में कोरोना की स्थिति बेकाबू हो गई है. इसको लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. कई शहरों में तो लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन के साथ ही मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. ऐसे ही दिल्ली के आस-पास काम करने वाले 100 मजदूरों का जत्था बांका पहुंचा. सभी मजदूर एक बस किराए पर लेकर बांका पहुंचे थे. 55 सीट वाले बस में 100 मजदूर सवार होकर आए थे. ये मजदूर बाराहाट, धोरैया और झारखंड के विभिन्न हिस्सों के थे.

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दिल्ली में कोरोना है बेकाबू
दिल्ली से बाराहाट पहुंचे मजदूरों ने बताया कि दिल्ली में कोरोना पूरी तरह से बेकाबू है. वहां से निकलना जरूरी था. एक बस वाला आने के लिये तैयार हुआ. प्रत्येक व्यक्ति से 1800 रुपये किराया वसूला. ट्रेन में जगह नहीं मिल रही थी और ऊपर से जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो काफी लंबी होती है.

पुलिस को भनक तक नहीं
बस से आने पर कहीं जांच नहीं हुई. कुछ मजदूर ढाकामोड़ में उतर गए. जो धोरैया और झारखंड के मजदूर थे वे पंजवारा में उतर गए. पुलिस की नजरों से बचने के लिए मजदूरों ने अपने परिवार वाले को बुला लिया था. बस से उतरते ही मजदूर बाइक पर सवार होकर निकल गए. पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाई.

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नहीं दिख रही है प्रशासनिक व्यवस्था
कोरोना में लगातार बढ़ते मामले और मौतों के बीच मजदूरों की घर वापसी हो रही है. मजदूरों के जत्थे का आने का सिलसिला शुरू होने के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई तैयारी नहीं है.

न तो जांच की व्यवस्था है और न ही पुलिस कर्मी कहीं मौजूद नजर आ रहे हैं. ऐसे में बांका जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है. जिला प्रशासन इस पर ठोस पहल नहीं करता है तो और विकट परिस्थिति उत्पन्न हो जायेगी.

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