अरवल: सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने रसोई घर का बजट बिगाड़ दिया है. आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी है. कीमतों में उछाल का हाल यह है कि आम हो या खास हर कोई परेशान है. कम आय वाले परिवार के लिए तो हरी सब्जियां खाना मुश्किल ही नहीं दूभर हो गया है.
दुकानदारों व उपभोक्ताओं के अनुसार पहले लोग जहां सब्जियों की खरीदारी की किलो में करते थे, अब पाव भर में खरीदने में ही पसीने छूटने लगे हैं. आलू से लेकर प्याज भी 2 से 3 किलो एक बार खरीद कर रख लेते थे. लेकिन आज स्थिति यह है कि आधा किलो या पाव भर से ही काम चला रहे हैं.
कई घरों में तड़का लगाना हुआ बंद
सब्जी महंगी होने का असर घरों में दिखने लगा है. कई घरों में तड़का लगाना भी बंद हो गया है. लोगों का कहना है कि प्याज इतनी महंगी है कि बिना तड़का के काम चलाना पड़ रहा है. अधिकांश घरों में सलाद भी गायब हो गया है. खीरा मिल भी गया तो प्याज अलग से लोगों ने खाना बंद कर दिया है.
70-80 रुपये किलो मिल रहा प्याज
आलू, प्याज से लेकर हरी सब्जियां काफी महंगी है. लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर क्या खाएं और क्या न खाएं. नया आलू मार्केट में 50 से 55 रुपये किलो बिक रहा है, तो पुराना आलू 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि प्याज का भी भाव दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. फिलहाल मार्केट में प्याज 70 से 80 रुपये किलो मिल रहा है.
मछली से महंगा मिल रहा धनियापत्ता
वहीं अगर धनिया की बात करें तो मछली, मुर्गा से महंगा धनिया पत्ता मिल रहा है. मछली 120 से 250 रुपये प्रति किलो बाजार में उपलब्ध है. मुर्गा 110 से 130 रुपये किलो मिल रहा है, जबकि धनिया पता 300 से 350 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. अदरक 120 से 160 रुपये किलो मिल रहा है. बींस 80 से 100 रुपये, शिमला मिर्च 60 रुपये, गाजर 100 रुपये, बैगन 40 रुपये किलो मिल रहा है. जबकि फूलगोभी 40 रुपये प्रतिपीस है. करेला और परवल 60 से 80 रुपये, भिंडी 40 से 50 रुपये, हरी मिर्च 120 रुपये, सेब 140 रुपये किलो मिल रहा है, जबकि टमाटर 50 से 60 रुपये तो खीरा 50 रुपये किलो है. ऐसे में लोग चना और राजमा से काम चला रहे हैं.