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नरेंद्र मोदी सरकार देश की जनता की भावनाओं के साथ खेल रही है- दीपांकर भट्टाचार्य - माले के राष्ट्रीय महासचिव

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे देश में शाहीन बाग की तर्ज पर विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. पहली बार देश में ऐसा हुआ है कि लोग बिल के खिलाफ सड़क पर उतर कर अपना विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.

Dipankar Bhattacharya
दीपांकर भट्टाचार्य
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Published : Feb 3, 2020, 8:47 PM IST

अरवल: जिले में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में चल रहे धरने को संबोधित करने माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत देश में 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने हुकूमत किया. लेकिन अंग्रेजों ने कभी भारतीयों से रहने के दस्तावेज की मांग नहीं की. वर्तमान सरकार की ओर से इस तरह का दस्तावेज मांगा जाना, भारतीय संविधान पर कठोर आघात है.

'जनता की भावनाओं के साथ खेल रहे मोदी'
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे देश में शाहीन बाग की तर्ज पर विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. पहली बार देश में ऐसा हुआ है कि लोग बिल के खिलाफ सड़क पर उतर कर अपना विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में विकास का वादा करने वाले नरेंद्र मोदी सरकार देश की जनता की भावनाओं के साथ खेल रही है. भारतीय संविधान से खेलने वाले नरेंद्र मोदी सरकार अगर संविधान को नहीं मानती है, तो देश की जनता भी उन्हें मानने को तैयार नहीं है.

लोगों को संबोधित करते दीपांकर भट्टाचार्य

ये भी पढ़ें: पटनाः नियुक्ति को लेकर पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन, DGP से मिलने की मांग

'शराबबंदी का ड्रामा कर रहे नीतीश कुमार'
दीपांकर भट्टाचार्य ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार चारों ओर शराबबंदी का ढिंढोरा पीट रहे हैं. लेकिन सच तो यह है कि शराब की सप्लाई घर-घर तक हो रही है. इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव के साथ अंसारी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और माले के जिला महासचिव महानंद ने भी लोगों को संबोधित किया.

अरवल: जिले में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में चल रहे धरने को संबोधित करने माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत देश में 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने हुकूमत किया. लेकिन अंग्रेजों ने कभी भारतीयों से रहने के दस्तावेज की मांग नहीं की. वर्तमान सरकार की ओर से इस तरह का दस्तावेज मांगा जाना, भारतीय संविधान पर कठोर आघात है.

'जनता की भावनाओं के साथ खेल रहे मोदी'
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे देश में शाहीन बाग की तर्ज पर विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. पहली बार देश में ऐसा हुआ है कि लोग बिल के खिलाफ सड़क पर उतर कर अपना विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में विकास का वादा करने वाले नरेंद्र मोदी सरकार देश की जनता की भावनाओं के साथ खेल रही है. भारतीय संविधान से खेलने वाले नरेंद्र मोदी सरकार अगर संविधान को नहीं मानती है, तो देश की जनता भी उन्हें मानने को तैयार नहीं है.

लोगों को संबोधित करते दीपांकर भट्टाचार्य

ये भी पढ़ें: पटनाः नियुक्ति को लेकर पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन, DGP से मिलने की मांग

'शराबबंदी का ड्रामा कर रहे नीतीश कुमार'
दीपांकर भट्टाचार्य ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार चारों ओर शराबबंदी का ढिंढोरा पीट रहे हैं. लेकिन सच तो यह है कि शराब की सप्लाई घर-घर तक हो रही है. इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव के साथ अंसारी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और माले के जिला महासचिव महानंद ने भी लोगों को संबोधित किया.

Intro:अरवल जिले के 9 नंबर पुल के पास सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर के विरोध में चल रहे धरने को संबोधित करने पहुंचे माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि भारत देश में 200 वर्षों तक अंग्रेजो के द्वारा हुकूमत किया गया परंतु अंग्रेजों ने भी कभी भारतीयों से रहने के दस्तावेज नहीं मांग की। वर्तमान सरकार के द्वारा इस तरह का दस्तावेज मांगा जाना भारतीय संविधान पर कठोर आघात है। माले नेता ने कहा कि पूरे देश में शाहीन बाग की तर्ज पर सरकार के द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पहली बार देश में इस तरह का हुआ है कि लोग बिल के खिलाफ सड़क पर उतर कर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि देश में विकास के वादे करने वाले नरेंद्र मोदी सरकार देश की जनता की भावनाओं के साथ खेल रही है।


Body:अरवल में सीएए एवं एनआरसी के खिलाफ चल रहे धरना को संबोधित करने पहुंचे माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य बिहार एवं केंद्र की सरकार पर जमकर बरसे उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार चारों और शराबबंदी का ड्रामा कर रहे हैं। परंतु सच तो यह है कि शराब की सप्लाई घर-घर तक हो रही है। माले नेता ने कहा कि भारतीय संविधान से खेलने वाले नरेंद्र मोदी सरकार अगर संविधान को नहीं मानते हैं, तो देश की जनता जिसे संविधान के कारण उन्हें वोट देती है तो देश की जनता भी उन्हें मानने को तैयार नहीं है।


Conclusion:भारतीय भारत सरकार के द्वारा कुछ दिन पूर्व लाए गए नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में जारी अनिश्चितकालीन धरना को संबोधित करने पहुंचे दीपंकर भट्टाचार्य ने धरना कर्मियों में जोश भरने का काम किया।इन्होंने सरकार की बखिया उधेड़ दी, एवं हर मोर्चे पर विफल करार दिया। राष्ट्रीय महासचिव के साथ अंसारी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष तथा माले के जिला महासचिव महानंद ने लोगों को संबोधित किया।
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