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अरवल : पृथ्वी दिवस के अवसर पर DM ने किया सार्वजनिक शौचालय का उद्घाटन

प्रदेश महामंत्री दीपक शर्मा ने कहा कि इंसान के सुख, शाति और समृद्धि का भंडार प्रकृति है. मनुष्य प्रकृति की गोद में ही पलता-बढ़ता है और इसी के साथ जीवन का समापन भी करता है. प्रकृति के साथ मनुष्य का नैसíगक प्यार उसकी भावना में बसा है. जब वह भागदौड़ की जिन्दगी में व्यस्त होता है तो तनिक सुकून और मन की शांति के लिए प्रकृति की गोद में जा बैठता है.

अरवल
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Published : Aug 10, 2020, 11:11 PM IST

अरवल : पृथ्वी दिवस के अवसर पर रविवार को ''जल-जीवन-हरियाली अभियान'' के तहत एक रैस्टोरेंट के समीप पौधारोपण किया गया. पौधारोपण के उपरांत प्रदेश महामंत्री दीपक शर्मा ने कि प्रकृति को वरदानी इसलिए कहा गया है, कि वह परमात्मा का दिया हुआ अनुपम उपहार है. जिसकी वास्तविक अनुभूति के लिए प्रकृति के साथ समय बिताना व तालमेल बनाए रखना आवश्यक है.

प्रदेश महामंत्री दीपक शर्मा ने कहा कि इंसान के सुख, शाति और समृद्धि का भंडार प्रकृति है. मनुष्य प्रकृति की गोद में ही पलता-बढ़ता है और इसी के साथ जीवन का समापन भी करता है. प्रकृति के साथ मनुष्य का नैसíगक प्यार उसकी भावना में बसा है. जब वह भागदौड़ की जिन्दगी में व्यस्त होता है तो तनिक सुकून और मन की शांति के लिए प्रकृति की गोद में जा बैठता है. आज हम प्रकृति से दूर विकास की अंधी दौड़ में मानवता के विकास और विनाश के बीच करोना से जूझ रहे हैं तो लगता है कि प्रकृति ही इसका निदान, उछ्वव और अंत है.

'पौधों को रोपकर करनी होगी देखभाल'
दीपक शर्मा ने आगे कहा कि अब इंसान को अपनी गलती का अहसास हो गया है. नए पेड़-पौधे लगाकर वो अब कुदरत का कर्ज उतार रहे हैं. इस मौके पर राष्ट्रीय मार्ग 139 के कार्यपालक अभियंता बिनय कुमार ने कहा कि पर्यावरण बचाने को पौधारोपण कर उनकी परवरिश करनी होगी. वनीकरण को बढ़ावा देने पर हमें जिदा रहने को भरपूर ऑक्सीजन मिलेगी. लोगों को पर्यावरण बचाने को वनीकरण को बढ़ाने की राह पकड़नी चाहिए. उन्होंने ने कहा कि पौधारोपण कर उनकी देखभाल करना पुण्य कार्य है. प्रदूषण से मुक्ति पाने को हमें अच्छी प्रजाति के पौधों को रोपकर उनकी तब तक देखभाल करनी होगी जब तक वे पेड़ का रूप नहीं ले लेते.

अरवल : पृथ्वी दिवस के अवसर पर रविवार को ''जल-जीवन-हरियाली अभियान'' के तहत एक रैस्टोरेंट के समीप पौधारोपण किया गया. पौधारोपण के उपरांत प्रदेश महामंत्री दीपक शर्मा ने कि प्रकृति को वरदानी इसलिए कहा गया है, कि वह परमात्मा का दिया हुआ अनुपम उपहार है. जिसकी वास्तविक अनुभूति के लिए प्रकृति के साथ समय बिताना व तालमेल बनाए रखना आवश्यक है.

प्रदेश महामंत्री दीपक शर्मा ने कहा कि इंसान के सुख, शाति और समृद्धि का भंडार प्रकृति है. मनुष्य प्रकृति की गोद में ही पलता-बढ़ता है और इसी के साथ जीवन का समापन भी करता है. प्रकृति के साथ मनुष्य का नैसíगक प्यार उसकी भावना में बसा है. जब वह भागदौड़ की जिन्दगी में व्यस्त होता है तो तनिक सुकून और मन की शांति के लिए प्रकृति की गोद में जा बैठता है. आज हम प्रकृति से दूर विकास की अंधी दौड़ में मानवता के विकास और विनाश के बीच करोना से जूझ रहे हैं तो लगता है कि प्रकृति ही इसका निदान, उछ्वव और अंत है.

'पौधों को रोपकर करनी होगी देखभाल'
दीपक शर्मा ने आगे कहा कि अब इंसान को अपनी गलती का अहसास हो गया है. नए पेड़-पौधे लगाकर वो अब कुदरत का कर्ज उतार रहे हैं. इस मौके पर राष्ट्रीय मार्ग 139 के कार्यपालक अभियंता बिनय कुमार ने कहा कि पर्यावरण बचाने को पौधारोपण कर उनकी परवरिश करनी होगी. वनीकरण को बढ़ावा देने पर हमें जिदा रहने को भरपूर ऑक्सीजन मिलेगी. लोगों को पर्यावरण बचाने को वनीकरण को बढ़ाने की राह पकड़नी चाहिए. उन्होंने ने कहा कि पौधारोपण कर उनकी देखभाल करना पुण्य कार्य है. प्रदूषण से मुक्ति पाने को हमें अच्छी प्रजाति के पौधों को रोपकर उनकी तब तक देखभाल करनी होगी जब तक वे पेड़ का रूप नहीं ले लेते.

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