अरवल: दो दिन पहले जहानाबाद की घटना ने पूरे राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी थी. लेकिन, इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग कानों में तेल डालकर सो रहा है. सोमवार को एंबुलेंस के लिए डायल किये जाने वाले नंबर 102 ने काम नहीं किया. कई रोगियों को एंबुलेंस नहीं मिल सकी. गनीमत रही कि इस दौरान कोई भी इमरजेंसी केस सामने नहीं आया. ऐसा होने पर जहानाबाद के घटना की पुनरावृत्ति अरवल में भी हो सकती थी.
सिविल सर्जन ने एनजीओ पर फोड़ा ठीकरा
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में एंबुलेंस का संचालन एनजीओ की देख-रेख में किया जाता है. लेकिन जिले में एनजीओ से संबंधित कोई भी अधिकारी आधिकारिक रूप से इसका जवाब नहीं दे पा रहे हैं. हालांकि इस संबंध में सिविल सर्जन ने बताया कि मानवता के आधार पर लोगों को मैनुअल तरीके से एंबुलेंस की व्यवस्था कर दी जाती है. लेकिन नियमों के मुताबिक एंबुलेंस की व्यवस्था 102 नंबर पर डायल करने के बाद ही होती है.
जहानाबाद की घटना से नहीं ली सबक
एंबुलेंस चालकों से बात करने पर उनका भी यहीं जवाब था. जाहिर है कि जहानाबाद की घटना से अब तक विभाग ने कोई सीख नहीं ली है. बता दे कि एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने के कारण दो दिन पहले ही जहानाबाद में एक तीन साल के बच्चे की मौत हो गई थी. इसके बावजूद भी जिले में 102 एंबुलेंस सेवा निष्क्रिय नजर आई और विभाग और एनजीओ एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ते नजर आएं.