अररियाः जिले के जोकीहाट प्रखंड में बकरा नदी के किराने कटाव का कहर जारी है. मटियारी पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में भी बकरा नदी का पानी घुस गया है. अब गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. इल सिलसिले में विधायक शाहनवाज आलम ने कहा कि सरकारी लापरवाही के कारण ही कटाव जारी है.
मटियारी पंचायत बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले से होकर बहने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. परमान, बकरा, कनकई, कोसी, भलवा जैसी प्रमुख नदियां जिले में कहर ढा रही हैं. जोकीहाट जिले का सबसे निचला और आखरी हिस्सा है. नदियों का सबसे ज्यादा जल यहीं जमा होता है. इस कारण सबसे ज्यादा बाढ़ की चपेट में जोकीहाट प्रखंड ही आता है. प्रखंड का मटियारी पंचायत इन दिनों बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
कटाव की जद में हमेशा रहा इलाका
इस पंचायत में पिछले 2007 से ही बकरा नदी अपना रौद्ररूप दिखती आ रही है. सैकड़ों घर अब तक नदी के कटाव के कारण ध्वस्त हो चुके हैं. ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन भी बकरा नदी में समा चुकी है. इस गांव का स्वास्थ्य केंद्र, मस्जिद, हाट, रोड तक कटाव की जद में आ चुका है.
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स्कूल भवन पर मंडरा रहा खतरा
ग्रामीण बतातें है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय का बाउंड्री वाल भी नदी में समा चुका है. अब स्कूल भवन पर भी खतरा मंडरा रहा है. पंचायत के सरपंच शमशाद और ग्रामीण मंजर आलम ने बताया कि हम लोग 2007 से ही बकरा नदी की कटाव का दंश झेलते आ रहे हैं. दर्जनों लोगों ने बाढ़ में जान गवाईं है. सैकड़ों ग्रामीण बाढ़ के कारण विस्थापित होकर पलायन कर गए हैं. गांव के सारे प्रमुख स्थल बकरा नदी में समा गए हैं. अब इस स्कूल की बारी है.
'सूचना के बावजूद नहीं होता बचाव कार्य'
गांव वालों का कहना है कि इसके बचाव के लिए प्रसाशनिक पदाधिकारियों के साथ-साथ एमएलए, एमपी तक गुहार लगाकर थक चुके हैं. लेकिन इस ओर बचाव का कोई काम नहीं हुआ है. जोकीहाट के आरजेडी विधायक शाहनवाज आलम ने बताया कि निचला इलाका होने के कारण यहां हर वर्ष बाढ़ आती है. जिले के संबंधित विभाग को सूचना देने के बावजूद कोई काम नहीं होता है. बाढ़ पूर्व जो तैयारी होनी चाहिए वो भी नहीं होती है. मैंने फ्लड कंट्रोल पदाधिकारी को स्थल निरक्षण तक करावाया. लेकिन बचाव का कोई काम आज तक नहीं हुआ.